डीएनए हिंदीः राष्ट्रपति भवन को दुनिया से सबसे खूबसूरत भवनों में से एक माना जाता है. राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan) आजादी से पहले ब्रिटिश वायसराय का सरकारी आवास था. 1911 में जब कोलकाता से देश की राजधानी को नई दिल्ली में शिफ्ट किया जा रहा था तो राष्ट्रपति भवन का काम शुरु किया गया. राष्ट्रपति भवन का नक्शा मशहूर ब्रिटिश वास्तुकार एडविन लैंडसीयर लुटियंस (Edwin Lutyens) ने तैयार किया था. लुटियंस ने यह नक्शा हर्बट बेकर (Herbert Baker) को सौंपाज जिनकी देखरेख में राष्ट्रपति भवन का निर्माण शुरू हुआ. पहले इसे सिर्फ पांच साल में तैयार किया जाना था लेकिन इसे बनाने में 17 साल लग गए. आजादी से पहले इसे वायसराय हाउस कहा जाता था. क्या आप जानते हैं कि इसके अलावा भी राष्ट्रपति के दो और आधिकारिक आवास हैं. राष्ट्रपति अपनी छुट्टियां मनाने अक्सर वहां जाते हैं.    

राष्ट्रपति भवन से भी पुरानी है दि रिट्रीट बिल्डिंग
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले में मशोब्रा की पहाड़ी चोटी पर राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास मौजूद हैं. इसे दि रिट्रीट बिल्डिंग (The Retreat Building) कहा जाता है. यह आवास राष्ट्रपति के दो अन्य आवासों से भी पुराना है. इस भवन का निर्माण शिमला के एक चिकित्सा अधीक्षक ने 1850 में कराया गया था. बाद में इसे कोटी (वर्तमान में मध्य प्रदेश के सतना जिले का हिस्सा) के राजा  ने ले लिया. कहां जाता है कि इस महल को कई बड़े अंग्रेज अधिकारियों ने किराए पर लिया. इस महल की खूबसूरती ने अंग्रेजों को काफी आकर्षित किया था. बाद में 1895 के आसपास कोटी के राजा ने ये महल हमेशा के लिए सरकार को दे दिया. अंग्रेजी हुकूमत में इस महल का प्रयोग ब्रिटिश वायसराय करते थे. आजादी से बाद दिल्ली के राष्ट्रपति भवन के साथ शिमला का यह भवन भी सरकार को सौंप दिा गया. इसी के बाद से राष्ट्रपति गर्मियों में यहां पर दो सप्ताह के लिए जरूर आते हैं. चूंकि यह राष्ट्रपति का आधिकारिक आवास होता है इसलिए वह काम भी यहीं से करते हैं.  

दि रिट्रीट बिल्डिंग

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क्या है दि रिट्रीट बिल्डिंग की खासियत
शिमला के मशोब्रा में स्थित यह भवन 10 हजार वर्ग फुट से अधिक में बना है. इसे पूरी तरह लकड़ियों से बनाया गया है. इसकी दीवारें धाजी वॉल कंस्ट्रक्शन तकनीक से बनी हुई हैं जिसका इस्तेमाल कश्मीर समेत अन्य पहाड़ी इलाकों में भूकंपरोधी घर बनाने के लिए किया जाता है. शिमला का ये राष्ट्रपति भवन अपने आर्किटेक्ट और आसपास की खूबसूरती की वजह से प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल है. इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी भारतीय सेना के पास है.  

सर्दियों में हैदराबाद के निलयम में जाते हैं राष्ट्रपति
राष्ट्रपति का तीसरा आधिकारिक निवास हैदराबाद में राष्ट्रपति निलयम (Rashtrapati Nilayam) है. इसे पहले रेजिडेंसी हाउस (Residency House) कहा जाता था. यह हैदराबाद के बोलारम स्थिति है. राष्ट्रपति का यह भवन भी दिल्ला के राष्ट्रपति भवन से पुराना है. इसका निर्माण 1860 में हैदराबाद के निजाम नजीर-उद-दौला (Nizam Nazir-ud-Dowla) ने कराया था. आजादी से पहले अंग्रेज इसका इस्तेमाल करते थे. अब राष्ट्रपति यहां सर्दियों में रहने के लिए आते हैं. 

राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी हैदराबाद और शिमला जाते थे.

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क्या है राष्ट्रपति निलयम की खासियतें
करीब 90 एकड़ में फैले इस भवन में 11 कमरे हैं. यहां एक गेस्ट हाउस भी मौजूद है जिसमें वीवीआईपी लोग ठहर सकते हैं. यहां डाइनिंग हॉल, दरबार हॉल, मॉर्निंग रूम, सिनेमा हॉल समेत कई सुविधाएं हैं. खास बात यह है कि इसका किचन और डाइनिंग हॉल अलग-अलग बिल्डिंग में है. इन्हें एक टनल के जरिए जोड़ा गया है. यहां सात हजार वर्ग मीटर का एक हर्बल गार्डन भी है.  

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Why does the President go to Rashtrapati Nilayam Hyderabad and The Retreat Building Shimla for his holidays
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राष्ट्रपति अपनी छुट्टियां मनाने हैदराबाद और शिमला ही क्यों जाते हैं?
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राष्ट्रपति छुट्टी मनाने के लिए हैदराबाद और शिमला जाते हैं.
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President Holidays: राष्ट्रपति अपनी छुट्टियां मनाने हैदराबाद और शिमला ही क्यों जाते हैं? जानें क्या है वजह