डीएनए हिंदी: भाई-बहन के रिश्ते से बंधा त्योहार रक्षा बंधन जल्द ही आने वाला है. घर से लेकर बाजार तक तैयारियां जोर-शोर से जारी हैं. ऐसे में इसके बारे में थोड़ी जानकारी जुटाना भी जरूरी है.अगर आपको लगता है कि यह भाई-बहन का ही त्योहार है तो इसके इतिहास को जानना और भी अहम है. ये सुनकर आपको हैरानी हो सकती है कि रक्षा बंधन की शुरुआत भाई-बहन से नहीं पति-पत्नी से हुई थी. पहली बार एक पत्नी ने अपने पति को राखी बांधी थी, जिसके बाद रक्षा का ये बंधन अटूट हुआ और आज इस त्योहार को खूब धूमधाम से मनाया जाता है. जानिए क्या है रक्षा बंधन के त्योहार से जुड़ी ये रहस्यमयी कहानी-
भविष्य पुराण में दर्ज है रक्षाबंधन की कहानी
पत्नी के पति को राखी बांधने की इस घटना का जिक्र भविष्य पुराण में मिलता है. भविष्य पुराण हिंदू धर्म के 18 प्रमुख पुराणों में से एक है.यह संस्कृत में लिखित है. भविष्य पुराण के अनुसार एक बार राक्षसों और देवताओं में युद्ध हो गया. देवता राक्षसों के सामने पराजित होने लगे. एक समय ऐसा आया जब देवराज इंद्र के प्राणों की रक्षा करना मुश्किल हो गया.
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ऐसे में इंद्र की पत्नी शचि ने तप करना शुरू कर दिया. इससे उन्हें एक रक्षासूत्र प्राप्त हुआ. शचि ने इस रक्षासूत्र को पति इंद्र की कलाई पर बांध दिया. बस इसके बाद इंद्र की शक्ति में वृद्धि हो गई और देवता राक्षसों पर विजय पाने में सफल हुए.
बताया जाता है कि जिस दिन शचि ने इंद्र को यह रक्षासूत्र बांधा था उस दिन सावन महीने की पूर्णिमा थी. यही वजह है कि इस दिन को रक्षा के बंधन से जुड़े त्योहार रक्षा बंधन के रूप में पहचान मिली.
भविष्य पुराण की इस कहानी से तो यही मालूम चलता है कि रक्षाबंधन का यह त्योहार सिर्फ पति-पत्नी या भाई-बहन से नहीं जुड़ा है. जो भी हमारी रक्षा करता है उसे हम राखी बांध सकते हैं.
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Raksha Bandhan 2022: जब पत्नी ने पति को बांधी थी राखी, पढ़ें रक्षा बंधन की ये कहानी