डीएनए हिंदी: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 72वां जन्मदिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन (Narendra Modi Birthday) पर देश और विदेश के तमाम नेताओं ने उन्हें बधाई दी है. इन नेताओं में कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी शामिल हैं. साल 2014 के पहले से ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कांग्रेस और राहुल गांधी के लिए एक बड़ी बाधा बने हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्र की सत्ता में आने के बाद से हालात ऐसे बने हैं कि एक-एक राज्यों वाले सियासी दल भी खुद की हैसियत कांग्रेस से ज्यादा बताने लगे हैं. आने वाले लोकसभा चुनाव में क्षेत्रीय दल कांग्रेस का नेतृत्व स्वीकार करेंगे यह कहना फिलहाल तो मुश्किल लगता है... सियासी जानकारों की मानें तो इसकी भी एकमात्र वजह नरेंद्र मोदी और उनकी रणनीति है. नरेंद्र मोदी महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों के बाद भी इस समय देश के सबसे लोकप्रिय नेता बने हुए हैं. आइए आपको बताते हैं नरेंद्र मोदी के उदय के साथ कैसे गिरा कांग्रेस का ग्राफ.
2001 में बने मुख्यमंत्री
साल 2001 से पहले भाजपा संगठन के बाहर शायद ही ज्यादा लोग नरेंद्र मोदी के नाम से परिचित हों. नरेंद्र मोदी गुजरात के बाहर भाजपा के लिए काम जरूर करते थे लेकिन गुजरात पर शुरू से उनकी पकड़ थी. भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व उनकी क्षमता से परिचित था. वह भाजपा के जनक लाल कृष्ण आडवाणी के करीबी थे. अक्टूबर 2001 में भाजपा ने गुजरात के उस समय के मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल को हटाकर राज्य की कमान नरेंद्र मोदी के हाथों में सौंप दी. 7 अक्टूबर को नरेंद्र मोदी पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने.
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अभी नरेंद्र मोदी ने गुजरात की कमान सही से संभाली भी नहीं थी कि फरवरी 2002 के अंत में गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन की बोगियां चला दी गईं और इसके बाद दंगे शुरू हो गए. इन दंगों को लेकर नरेंद्र मोदी की जमकर आलोचना हुई. हालांकि दंगों के बाद वे हिंदुत्व के पोस्टर बॉय बनकर उभरे. इसके बाद राज्य में 2002 के आखिरी में फिर से चुनाव हुए और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने सरकार बनाई. इसके बाद नरेंद्र मोदी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. साल 2007 और साल 2012 के विधानसभा चुनाव में भी उनके नेतृत्व में राज्य में भाजपा सरकार बनी.
2014 में बने प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी साल 2014 में भारत के प्रधानमंत्री बने हालांकि 2009 के लोकसभा चुनाव से पहले भी भाजपा और भाजपा के बाहर उनके समर्थक ये चाहते थे कि पार्टी उन्हें पीएम पद का उम्मीदवार बनाए. भाजपा ने उस समय अपने पुराने दिग्गज और पार्टी के संस्थापक सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में चुनाव लड़ा. भाजपा चुनाव हार गई. इसके बाद हिंदुत्व के रथ पर सवार नरेंद्र मोदी लगातार आगे बढ़ने लगे. उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए देश के हर कोने में अपनी पहुंच बनाई. देश के युवाओं से कनेक्ट किया. गुजरात में 2012 का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद वो उन्होंने दिल्ली का रुख किया.
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भाजपा ने 2014 का चुनाव उनके नेतृत्व में लड़ा. इसके बाद जो हुआ वह इतिहास बन गया. भाजपा ने अकेले दम पर बहुमत का आंकड़ा छू लिया. यूपी में भाजपा ने लोकसभा की 73 सीटें जीती.कांग्रेस यूपी में महज 2 सीटें- रायबरेली और अमेठी जीत सकी. इसके बाद 2019 के चुनाव में भाजपा का ग्राफ और ज्यादा बढ़ा. भाजपा ने 323 लोकसभा सीटें जीतीं. 2019 के बाद देश ने कोरोना जैसी महामारी की दो लहरों का सामना किया. लाखों लोगों की जान गई. अर्थव्यवस्था को धक्का लगा लेकिन फिर भी नरेंद्र मोदी अपनी योजनाओं के जरिए लोगों के दिल में जगह बनाए रखने में सफल रहे.
यूपी में लंबे अरसे बाद भाजपा की सरकार
नरेंद्र मोदी के साल 2014 में केंद्र की सत्ता में आने के बाद भाजपा लगातार आगे बढ़ती गई. मोदी सरकार की योजनाओं और कार्यपद्धति को लोगों ने पसंद किया. उत्तर प्रदेश में साल 2017 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत से बहुत ज्यादा सीटें हासिल कीं. इसके बाद योगी आदित्यनाथ राज्य के मुख्यमंत्री बनें. मोदी और योगी के नेतृत्व में भाजपा ने यूपी में 2019 के लोकसभा और 2022 के विधानसभा चुनाव में बड़ी जीत दर्ज की. इस दौरान कांग्रेस का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा. 2019 लोकसभा में कांग्रेस यूपी में सिर्फ सोनिया गांधी की सीट रायबरेली बचा सकी जबकि राहुल गांधी अमेठी में चुनाव हार गए. इसके बाद 2022 की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी कुछ खास नहीं कर सकी. चुनाव प्रचार की कमान प्रियंका गांधी के हाथों में होने के बावजूद कांग्रेस सिर्फ दो सीटें जीत सकी.
कई अन्य राज्यों में भी बजा भाजपा का डंका
नरेंद्र मोदी के उदय के बाद भाजपा का डंका कई ऐसे राज्यों में भी बजा जहां वह सिर्फ नाम के लिए मौजूद थी या छोटा सियासी दल मानी जाती थी. भाजपा ने जम्मू-कश्मीर के जम्मू संभाग में खुद को बड़ी ताकत बनाया. राज्य में वह पहली बार सरकार में शामिल हुई. हरियाणा में लगातार दूसरी बार भाजपा के नेतृत्व में सरकार बनी.उत्तराखंड में भाजपा ने लगातार दूसरी बार सरकार बनाने का मिथक तोड़ा. यूपी में भी भाजपा ने कमाल कर दिखाया और लगातार दूसरी बार सरकार बनाई. गोवा में भी भाजपा सत्ता में काबिज रही. महाराष्ट्र में भाजपा शिवसेना की छाया से निकलने में सफल रही. इस समय महाराष्ट्र में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है.कर्नाटक में भाजपा का कमल फिर से खिला. पश्चिम बंगाल के लोकसभा चुनाव और फिर विधानसभा चुनाव में भाजपा दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. बिहार में भाजपा ने खुद को पहले से मजबूत किया. नॉर्थ ईस्ट के राज्यों में भी भाजपा ने कई जगह पहली बार अपनी सरकार बनाई.
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