डीएनए हिंदी: शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर 2019 विधानसभा चुनावों के बाद खेल किया था और देवेंद्र फडणवीस को पटकनी दी थी. पिछले ढाई साल में फडणवीस ने दिखा दिया है कि राजनीति में मिले एक धोख को वह आसानी से भूलने वालों में से नहीं हैं. पहले उन्होंने गोवा में बतौर प्रभारी सधी हुई रणनीति के साथ काम किया था और प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनाने में सफल रहे थे. फिर राज्यसभा चुनाव, एमएलसी चुनाव और अब तेजी से बदल रहे सियासी घटनाक्रम में उन्होंने दिखा दिया है कि दिल्ली के दरबार ने उन पर यूं ही भरोसा नहीं दिखाया है. एकनाथ शिंदे समेत शिवसेना के 15 विधायकों के सूरत के होटल में जाने की चर्चा है. सूत्रों की मानें तो जल्द ही बीजेपी 2019 का बदला ले सकती है और जैसे उद्धव ठाकरे को जोड़-तोड़ से कुर्सी मिली थी वैसे ही उसे खोनी भी पड़ सकती है.
संघ की ट्रेनिंग, बीजेपी की कार्यशैली से बने जीत के नायक
बीजेपी ने पहले राज्यसभा चुनाव और अब विधान परिषद चुनाव में कमाल करके दिखाया है. कांग्रेस-NCP के साथ मिलकर सरकार चला रही शिवसेना को भाजपा ने तगड़ा झटका देते हुए 10 में से 5 सीटें जीत लीं है.
उसके पास केवल 4 सीटें जीतने के लिए वोट थे. कांग्रेस को केवल एक सीट मिली और NCP-शिवसेना की झोली में 2-2 सीटें आईं हैं.
जीत के हीरो बने फडणवीस
बीजेपी की इस जीत का श्रेय मुख्य तौर पर फडणवीस को ही जाता है. प्रदेश की राजनीति में फडणवीस अब सर्वमान्य चेहरा हैं और खुद दिल्ली दरबार से उन्हें मान्यता और संरक्षण मिला है. फडणवीस ने सीएम की कुर्सी छोड़ने के बाद भी अपनी सक्रियता बनाए रखी थी और लगातार कोशिश करते रहे थे.
बीजेपी के जानकारों का कहना है कि संघ की ट्रेनिंग और पार्टी की कार्यप्रणाली को बीजेपी के युवा चेहरों में शुमार फडणवीस मन-मुताबिक नतीजे पाने के लिए सटीक तरीके से इस्तेमाल करते हैं.
Sharad Pawar जैसे धुरंधर को दे दी मात
महाराष्ट्र की राजनीति के भीष्म पितामह कहे जाने वाले शरद पवार को भी युवा फडणवीस जोरदार पटकनी दे चुके हैं. इसी महीने की 10 तारीख को महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनाव हुए थे. महाराष्ट्र की 6 सीटों के लिए 7 उम्मीदवार मैदान में थे.
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गठबंधन सरकार चला रही शिवसेना पर्याप्त संख्याबल होने के बाद भी अपने दोनों उम्मीदवारों को जिता नहीं जिता सकी और राज्यसभा की 6 सीटों पर सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी यानी शिवसेना+कांग्रेस+NCP के 3 और बीजेपी के 3 उम्मीदवार विजयी हुए है. 6ठी सीट पर बीजेपी के धनंजय महाडिक ने शिवसेना के संजय पवार को हरा दिया है. राज्यसभा चुनाव के बाद शरद पवार और सुप्रिया पवार ने भी इशारों में फडणवीस की तारीफ की थी.
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फडणवीस को 'साइलेंट किलर' कहा जा रहा है
देवेंद्र फडणवीस के बारे में राजनीति के जानकारों का कहना है कि वह बीजेपी के चिर-परिचित दिग्गज नेताओं की शैली में काम नहीं करते हैं. आम तौर पर बीजेपी के बड़े और चर्चित नेता प्रखर वक्ता के तौर पर पहचाने जाते हैं जबकि फडणवीस सही रणनीति के साथ बड़े काम अंजाम देने के लिए चर्चित हैं. संघ से किशोरवय से जुड़े फडणवीस की अपनी जिंदगी किसी औसत भारतीय मिडिल क्लास परिवार के जैसे रही है. कम उम्र में ही पिता को खो दिया था और अपने दम पर वह राजनीति में आगे बढ़े हैं.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि फडणवीस के काम करने का तरीका बहुत सधा होता है. वह लक्ष्य पर नजर रखते हुए रणनीति बनाते हैं और फिर एक-एक कदम उठाते हैं. बतौर सीएम भी उनकी कार्यशैली किसी कार्पोरेट प्रोफेशनल की तरह थी.
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देवेंद्र फडणवीस को क्यों कहा जा रहा बीजेपी का 'साइलेंट किलर', जानें इनसाइड स्टोरी