डीएनए हिंदीः पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान (Imran Khan) पर एक रैली के दौरान जानलेवा हमला हो गया. इस हमले में उन्हें पैर में गोली लगी. फिलहाल उनकी हालत खतरे से बाहर है. पाकिस्तान में सत्ता के लिए खूनी संघर्ष की कहानी नई नहीं है. जनता के समर्थन और चुनाव के नतीजों के बाद भी सत्ता के लिए कई नेताओं पर हमले हो चुके हैं. कई नेताओं को इन हमलों में अपनी जान भी गंवानी पड़ी है.    

पाकिस्तान के पहले पीएम लियाकत अली भी हुए शिकार
पाकिस्तान की पहले प्रधानमंत्री लियाकत अली खान (Liaquat Ali Khan) की भी गोली मारकर हत्या की गई थी. भारत में जब जवाहर लाल नेहरु के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी तो वह पहले पीएम बने. इसी सरकार में लियाकत अली खान भारत के वित्त मंत्री बने थे. हालांकि जब भारत का बंटवारा हुआ तो मुस्लिम लीग के नेता रहे लियाकत अली खान पकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री बने थे. हालांकि उन्हें जिन्ना ने कुछ दिनों बाद ही पसंद करना बंद कर दिया था. लियाकत अली खान 16 अक्टूबर, 1951 को कंपनी गार्डन में लोगों के बीच पहुंचकर उन्हें संबोधित करने वाले थे तभी उन्हें गोली मार दी गई. उन्हें तुरंत सेना के अस्पताल ले जाया गया. उनका ऑपरेशन भी किया गया लेकिन उनकी मौत हो गई. 

बेनजीर भुट्टो पर हुआ था हमला
पाकिस्तान की सबसे युवा प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो (Benazir Bhutto) की भी गोली मारकर हत्या हो चुकी है. वह 35 साल की उम्र में ही पाकिस्तान की प्रधानमंत्री बनी थी. भुट्टो 1988 में पहली बार चुनाव जीतकर प्रधानमंत्री बनी थी. हालांकि वह सिर्फ दो साल ही प्रधानमंत्री रह सकीं. 1990 में पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा उनकी सरकार को बर्खास्त कर दिया गया. 1993 में बेनजीर फिर से पीएम बनी लेकिन 1996 में उन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे. इस पर उन्हें जेल जाना पड़ा और जब जेल से बाहर आईं तो उन्हें देश छोड़ना पड़ा. साल 2007 में बेनजीर वापस पाकिस्तान लौट आईं. वह दोबारा चुनाव लड़ना चाहती थीं. प्रचार के दौरान उन्होंने आतंकी संगठनों पर जमकर निशाना साधा था. दिसंबर 2007 में चुनाव प्रचार के दौरान उन्हें गोली मार दी गई. हमलावर ने खुद को भी उड़ा लिया था.   

खान अब्दुल जब्बार खान की हत्या 
9 मई 1958 को खान अब्दुल जब्बार जिन्हें डॉ. खान साहिब नाम से जाना जाता था उनकी हत्या की गई थी. उनकी हत्या एक मियानवाली बेस्ड भू-राजस्व क्लर्क अट्टा मोहम्मद ने की थी. अब्दुल खान NWFP के नेता थे. लियाकत के बार यह दूसरी हाई प्रोफाइल मर्डर था.  वह फरवरी 1959 के आम चुनावों के संबंध में आयोजित एक बैठक में झांग के कर्नल सैयद आबिद हुसैन (प्रसिद्ध राजनेता सैयदा आबिदा हुसैन के पिता) के साथ आने की प्रतीक्षा कर रहे थे.
यह घटना तब हुई जब खान लाहौर में अपने बेटे सदुल्लाह खान के घर के बगीचे में बैठे थे. हमलावर मियांवाली का एक असंतुष्ट भू-राजस्व क्लर्क था, जिसे दो साल पहले सेवा से बर्खास्त कर दिया गया था. 

मीर मुर्तजा भुट्टो की मुठभेड़ में हत्या
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो के बड़े बेटे मीर मुर्तजा भुट्टो की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई. 20 सितंबर, 1996 को कराची में उनकी पार्टी के 6 कार्यकर्ताओं के साथ मुठभेड़ में हत्या कर दी गई.  

फजल-ए-हक की गोली मारकर हत्या
पाकिस्तान के खैबर-पख्तूनख्वा के पूर्व मार्शल लॉ प्रशासक, पूर्व राज्यपाल और पूर्व मुख्यमंत्री, लेफ्टिनेंट जनरल फजल-ए-हक की भी गोली मारकर हत्या की जा चुकी है. उन पर पेशावर में 3 अक्टूबर, 1991 को एक अज्ञात हमलावर गोली चला दी गई. इस हमले में उनकी मौत हो गई.  

जनरल परवेज मुशर्रफ पर भी हुआ हमला
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के काफिले पर भी हमला हो चुकी है. 2003 में अत्यधिक सुरक्षा वाले काफिले के साथ रावलपिंडी में एक पुल को पार कर रहे थे तभी एक बम विस्फोट हुआ. इस हमले में उनकी लिमोसिन में एक जैमिंग डिवाइस द्वारा उन्हें बचाया गया था जिसने रिमोट नियंत्रित विस्फोटकों को पुल को उड़ाने से रोक दिया था. इसी साल 25 दिसंबर को भी उन पर हमला किया गया लेकिन इसमें भी वह बाल-बाल बच गए. 2007 में सबमशीन गन से उनके विमान पर 30 राउंड फायर भी किए गए लेकिन इस हमले में भी वह बच गए.

एहसान इकबाल पर रैली से लौटते ही हमला 
पाकिस्तान के आंतरिक मामलों के मंत्री अहसान इकबाल की 6 मई 2018 को गोली मारकर हत्या कर दी गई. पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के वरिष्ठ सदस्य और नवाज शरीफ के पक्के सहयोगी इकबाल को उस समय गोली मार दी गई, जब वह पंजाब प्रांत में समर्थकों से घिरे एक निर्वाचन क्षेत्र की बैठक से निकल रहे थे. इकबाल के दाहिने हाथ और कमर में होली लगी. उन्हें लाहौर के एक अस्पताल में ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.  

खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री पर भी हुआ हमला
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा के पूर्व मुख्यमंत्री अकरम खान दुर्रानी के काफिले पर 2018 में हमला किया गया. जिस समय उन पर हमला हुआ वह बन्नू में राजनीतिक रैली कर रहे थे. इस हमले में दुर्रानी बाल-बाल बच गए. हमले में 4 लोगों की मौत हो गई वहीं 30 से अधिक लोग घायल हो गए.   

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imran khan to benazir bhutto and Pervez Musharraf know the bloody politics of pakistan
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इमरान से लेकर बेनजीर भुट्टो तक पर हुआ जानलेवा हमला
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Hindi
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पुराना है पाकिस्तान में सत्ता के लिए हुआ खूनी संघर्ष, इमरान से लेकर बेनजीर तक पर हुआ जानलेवा हमला