डीएनए हिंदी: चे ग्वेरा (Che Guevera) के नाम से दुनिया में आज शायद ही कोई अपरिचित हो. चे ग्वेरा न सिर्फ क्यूबा की क्रांति के एक प्रमुख कम्युनिस्ट व्यक्ति थे बल्कि वो दुनिया भर में कम्युनिस्ट विचारों के प्रसार में उनकी बड़ी भूमिका भी मानी जाती है. वह एक डॉक्टर, राजनीतिक दार्शनिक, राजनयिक, सैन्य रणनीतिकार और सबसे ज्यादा बिकने वाले लेखक थे, जिन्होंने शब्दों और गोलियों से पूंजीवादी यथास्थिति को चुनौती दी थी.
इस महान शख्स का जन्म 14 जून 1928 को एक मध्यवर्गीय परिवार में हुआ था. वामपंथी सिद्धांतों से उनका परिचय बेहद कम उम्र में हो गया था. इसमें उनके माता-पिता और उनके घर में बने पुस्तकालय की अहम भूमिका थी. उनकी मार्क्सवादी सोच को भी पूरे दक्षिण अमेरिका में घोर गरीबी के साथ उनके अनुभवों ने गहराई से आकार दिया था, और उन्होंने अंततः उन विचारों को क्यूबा और उसके बाहर क्रांतिकारी कार्यों में बदल दिया.
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आइए आपको बताते हैं चे ग्वेरा के जीवन की 5 ऐसी बातें जो शायद ही आपको पता हों.
रगों में था Irish खून
चे के परदादा के परदादा पैट्रिक लिंच थे, जो 1700 के दशक में आयरलैंड से आए थे आज के अर्जेंटीना में आए थे. उनके पिता अर्नेस्टो ग्वेरा लिंच ने एकबार कहा था, "पहली बात यह ध्यान देने योग्य है कि मेरे बेटे की नसों में आयरिश विद्रोहियों का खून बह रहा था."
रग्बी खेलने का थे शौक
उनके माता-पिता सैन इसिड्रो रग्बी क्लब के सदस्य थे, जिसके लिए चे ने अपनी युवावस्था में स्क्रम-हाफ खेला था. 1951 में उन्होंने टैकल नामक खेल को समर्पित अपनी पत्रिका प्रकाशित की. वह जीवन भर अस्थमा से पीड़ित रहे.उनके पिता ने इस वजह से खेल छोड़ने के लिए मनाने की कोशिश की, लेकिन चे ने जवाब दिया, "मुझे रग्बी पसंद है. भले ही यह मुझे एक दिन मार भी दे, मैं इसे खेलकर खुश हूं."
पसंद करते थे कविताएं
अस्थमा के कारण, चे को घर पर ही पढ़ाया गया था. और यहीं पर उन्हें पहली बार वो कविताओं से रूबरू हुए. वो कविताएं इतनी पसंद करते थे कि उनकी मृत्यु के समय वे कविता की एक किताब लेकर जा रहे थे, जिसे उन्होंने हाथ से कॉपी किया था, जिसमें चिली के कवि पाब्लो नेरुदा, पेरू के कवि सीजर वैलेजो और क्यूबा के कवि निकोलस गुइलेन की कविताएं थीं.
पेशे से थे डॉक्टर
अस्थमा की वजह से चे ने 1948 में चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए ब्यूनस आयर्स विश्वविद्यालय में दाखिला लिया. 1953 में एक चिकित्सक के रूप में स्नातक होने के बाद, उन्होंने मैक्सिको सिटी के जनरल अस्पताल में इंटर्नशिप की, जहां उन्होंने एलर्जी पर रिसर्च किया. लेकिन फिदेल और राउल कास्त्रो की क्यूबा क्रांति में शामिल होने के लिए उन्होंने 1955 में कॉलेज छोड़ दिया.
क्यूबा में नेशनल बैंक के थे प्रमुख
कास्त्रो की क्रांति के बाद, ग्वेरा को वित्त और अर्थव्यवस्था से संबंधित महत्वपूर्ण पद दिए गए. 1959 में उन्हें नेशनल बैंक का अध्यक्ष नामित किया गया. इसने उन्हें देश की अर्थव्यवस्था को सकारात्मक दिशा देने के लिए कई कदम उठाए.
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