डीएनए हिंदी: यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ ( University of Bath ) द्वारा किए गए एक नए शोध में यह सामने आया है कि कम से कम एक हफ्ता सोशल मीडिया ( Social Media Detox ) से छुट्टी लेना जरूरी है. ऐसा करने से अवसाद और चिंता जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो सकता है. शोध में 18 से 72 आयु वर्ग के 154 लोगों को दो समूहों में बांटा गया था. एक को सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करने को कहा गया था जबकि दूसरे को पूरी छूट दी गई थी.
जिन प्रतिभागियों को सोशल मीडिया इस्तेमाल करने की छूट दी गई थी उन्होंने सप्ताह में औसतन सात से आठ घंटे सोशल मीडिया को ब्राउज़ किया. इसके बाद शोधकर्ताओं ने उनसे मान्यता प्राप्त परीक्षणों की मदद से अवसाद और चिंता पर उनसे कुछ प्रश्न पूछे.
शोधकर्ताओं ने प्रतिभागियों को कुछ बयानों को रेट करने के लिए कहा जैसे "मैं अपने भविष्य के बारे में आशावादी महसूस कर रहा हूं" और "मैं स्पष्ट सोच रहा हूं" इत्यादि.
अवसाद का स्तर मापने के लिए, प्रतिभागियों से "पिछले दो हफ्तों के दौरान कितनी बार आप चीजों को करने में कम रुचि रख रहे थे या उसमें उत्साह दिखा रहे थे" इस तरह के प्रश्न पूछे गए थे. शोधकर्ताओं ने General Anxiety Disorder Scale की मदद से चिंता की निगरानी की, जिसमें देखा गया कि कितनी बार एक व्यक्ति घबराहट या परेशान हैं, या चिंता न करने में असमर्थ है.
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शोध का निष्कर्ष
शोध में द वारविक-एडिनबर्ग मेंटल वेल-बीइंग स्केल की मदद से यह सामने आया है कि सोशल मीडिया से एक हफ्ते का ब्रेक लेने वालों की वेल बींग स्केल में औसतन 46 से 55.93 की वृद्धि देखी गई. इन प्रतिभागियों में, अवसाद के स्तर में भी भारी गिरावट देखी गई जो 7.46 से 4.84 तक थी. चिंता का स्तर भी 6.92 से घटकर 5.94 हो गया.
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Social Media Detox: सोशल मीडिया से दुरी है आपके स्वास्थ्य के लिए जरूरी, शोध में हुआ खुलासा