डीएनए हिंदी: 13 फरवरी का दिन बेशक ज्यादातर लोगों को Kiss Day के तौर पर याद होगा. मगर कुछ चुनिंदा लोग जरूर ऐसे भी होंगे जो आज अपने पुराने रेडियो को Kiss करके World Radio Day मनाना चाहेंगे. 29 सितंबर 2011 के दिन यह फैसला लिया गया कि 13 फरवरी को हर साल विश्व रेडियो दिवस मनाया जाएगा.
आज जब हम 10वां विश्व रेडियो दिवस मना रहे हैं तो रेडियो के इतिहास, विश्व रेडियो दिवस मनाने की वजह के अलावा एक और दिलचस्प बात जानना जरूरी है. बात भी ऐसी है कि ज्यादातर लोगों को मालूम नहीं होगी. क्या आप जानते हैं एक समय ऐसा था जब रेडियो सुनने के लिए भी लाइसेंस बनवाना पड़ता था!!
रेडियो सुनने के लिए लाइसेंस
रेडियो सुनने के लिए लाइसेंस लेना पड़ता था. ट्विटर पर ऐसे पोस्ट देखने को मिले, जिनमें लोगों ने बीते जमाने के रेडियो लाइसेंस की तस्वीरें भी शेयर की हुई थीं. इस बारे में ज्यादा रिसर्च करने पर सामने आया कि सच में उस जमाने में रेडियो सुनने के लिए लाइसेंस बनवाया जाता था. बिलकुल वैसे ही जैसे आज के समय में वाहन चलाने के लिए लाइसेंस बनवाना होता है. ये लाइसेंस भारतीय डाक विभाग, भारतीय तार अधिनियम 1885 के अंतर्गत जारी करता था.
दो तरह का होता था लाइसेंस
यह लाइसेंस दो प्रकार का डोमेस्टिक और कमर्शियल होता था. अगर आप घर पर बैठकर रेडियो कार्यक्रमों का आनंद लेना चाहते हैं तो आपको डोमेस्टिक लाइसेंस बनवाना होगा. यदि सामूहिक रूप से रेडियो कार्यक्रमों को सुनना या सुनाना चाहते हैं तो कमर्शियल लाइसेंस बनवाना होता था. हर साल ये लाइसेंस रिन्यू भी करवाने पड़ते थे.
लाइसेंस बिना रेडियो सुनना अपराध
मामला सिर्फ इतना ही नहीं था यदि लाइसेंस बिना बनवाए कोई रेडियो सुनना था तो यह अपराध की श्रेणी में आता था. इसमें आरोपी को वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट 1933 के अंतर्गत दंडित किए जाने का प्रावधान भी था. हालांकि धीरे-धीरे मनोरंजन के दूसरे साधन बढ़ने और टीवी आने के बाद यह लाइसेंस का नियम हटा दिया गया. बताया जाता है कि रेडियो के अस्तित्व को बचाने के लिए सरकार ने 1980 के बाद लाइसेंस का नियम खत्म कर दिया था.
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#WorldRadioDay In image: The license that one needed for radio in 1970s and 80s. These were taken out by my father. He loved listening to the radio for news, cricket commentary and music. @AkashvaniAIR #AllIndiaRadio #India #Akashvani pic.twitter.com/ySfzr5ZOmC
— Anshul Vijayvargiya (@Anshulv) February 13, 2020
विश्व रेडियो दिवस का इतिहास
स्पेन रेडियो अकेडमी ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाये जाने के लिए 2010 में पहली बार प्रस्ताव रखा था. इसके बाद वर्ष 2011 में यूनेस्को के सदस्य राज्यों द्वारा इसे घोषित किया गया और 2012 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा इसे अपनाया गया था. तब से दुनिया भर में हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है.
13 फ़रवरी 1946 को ही संयुक्त राष्ट्र में रेडियो की शुरुआत हुई थी. इस दिन संचार के माध्यम के तौर पर रेडियो की अहमियत के बारे में चर्चा होती है. सेमिनार आयोजित किए जाते हैं और रेडियो के महत्व को लेकर जागरुकता फैलाई जाती है.
भारत में रेडियो
सन् 1923 के करीब रेडियो की आवाज भारत में भी गूंजने लगी थी. सन् 1936 में भारत की गुलाम सरकार द्वारा ही इंपीरियर रेडियो ऑफ इंडिया की शुरुआत की गई. यही संस्था आजाद के बाद ऑल इंडिया रेडियो के नाम से जानी गई. आकाशवाणी से 23 भाषाओं और 14 बोलियों में देश के दूर-दराज क्षेत्रों तक रेडियो प्रसारण होता है.
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World Radio Day: रेडियो सुनने के लिए बनवाना पड़ता था लाइसेंस, 42 साल पहले कुछ ऐसे थे नियम