डीएनए हिंदी. मलाला युसुफजई का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. वह पाकिस्तान की मानवाधिकार कार्यकर्ता हैं और लड़कियों के हक की आवाज उठाने के लिए पूरी दुनिया उनकी हिम्मत का लोहा मानती है. मलाला वह लड़की है जिसने तालिबानी आतंकवादियों का सामना किया और बेखौफ होकर लड़कियों की शिक्षा के लिए लड़ाई लड़ी. कहानी शुरू होती है साल 2007 से जब तालिबानियों ने स्वात घाटी पर कब्जा कर लिया और वहां के सारे स्कूल बंद करवा दिए.
इनमें मलाला का स्कूल भी शामिल था. मलाला ने अपने पिता से किसी दूसरे स्कूल में दाखिला करवाने के लिए कहा और अपनी पढ़ाई जारी रखी. 2009 में उन्होंने बीबीसी के लिए डायरी लिखना शुरू किया जिसमें तालिबानी आतंकवादियों की बर्बरता का आंखों देखा हाल था. मलाला के इन विचारों की भनक तालिबानियों तक पहुंची और एक दिन जब मलाला स्कूल से लौट रही थीं तब तालिबानी आतंकवादियों ने उन्हें गोली मार दी.
इस घटना ने पूरी दुनिया को झकझोर कर रख दिया था. इलाज के लिए मलाला को इंग्लैंड के शहर बर्मिंघम लाया गया. ठीक होने के बाद मलाला ने अपनी पढ़ाई पूरी करना जारी रखा और साल 2020 में उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन पूरी की. 11 साल की उम्र में वह नेशनल मीडिया के सामने भाषण दे चुकी थीं. 16 साल की उम्र में मलाला ने यूएन में लड़कियों की शिक्षा पर भाषण दिया था. मलाला के जज्बे को देखते हुए ही संयुक्त राष्ट्र ने उसके जन्मदिन को (12 जुलाई) को 'मलाला डे' के रूप में घोषित किया था. वह 17 साल की उम्र में शांति का नोबल पुरस्कार पाने वाली सबसे युवा नोबल पुरस्कार विजेता रहीं. नवंबर 2021 में मलाला ने शादी की और तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कीं. इस बात से जहां एक तरफ जश्न का माहौल रहा वहीं कुछ लोगों ने इस पर मलाला की आलोचना शुरू कर दी.
जब मलाला ने किया था शादी से इनकार
कुछ समय पहले वोग मैगज़ीन को एक इंटरव्यू में मलाला ने कहा था, "मुझे यह बात समझ में नहीं आती कि लोग शादी क्यों करते हैं. अगर आपको जीवनसाथी चाहिए तो आप शादी के काग़ज़ों पर दस्तख़त क्यों करते हैं, यह एक पार्टनरशिप क्यों नहीं हो सकती?" हालांकि उन्होंने साथ ही ये भी बताया था कि उनकी इस राय से उनकी मां सहमत नहीं हैं. उनकी मां ने समझाया था कि तुम फिर कभी ऐसी बात नहीं करोगी. तुम्हें शादी करनी है, शादी एक बहुत ख़ूबसूरत रिश्ता है. इन दोनों ही बातों के सामने आने के कुछ महीने बाद नवंबर महीने में मलाला ने असर मलिक से शादी की और एक बार फिर उनका ये बयान चर्चा में आ गया.
इस बारे में भी खुद मलाला के ही इस इंटरव्यू का एक बयान उनकी सोच सामने रखता है. उन्होंने कहा था, "यूनिवर्सिटी के दूसरे वर्ष तक मैं यही सोचती थी कि मैं कभी शादी नहीं करूंगी, बच्चे पैदा नहीं करूंगी, बस काम करूंगी. मैं ख़ुश रहूंगी और हमेशा अपने परिवार के साथ रहूंगी लेकिन मुझे नहीं पता था कि हम हमेशा एक जैसे इंसान नहीं रहते. हमारे अंदर बदलाव आता है और हमारी सोच बदल जाती है." उनकी इसी बदली हुई सोच का नतीजा है उनका और असर का निकाह. इस निकाह की तस्वीरें सोशल मीडिया पर खूब वायरल भी हुई हैं.
कौन हैं असर मलिक
असर मलिक पाकिस्तान क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के जनरल मैनेजर हैं. इससे पहले असर मलिक ने पाकिस्तान सुपर लीग के लिए भी अपनी सेवाएं दी हैं. वो एक प्लेयर मैनेजमेंट कंपनी का भी संचालन कर चुके हैं. वर्ष 2012 में मलिक ने लाहौर यूनिवर्सिटी से स्नातक की डिग्री ली है. असर एलएमएस पाकिस्तान के को-फाउंडर भी हैं. इसके अलावा मुल्तान सुल्तान टीम के खिलाडि़यों के लिए डेवलेपमेंट प्रोग्राम भी चलाते हैं. मलिक का जन्म लाहौर में हुआ है. यहीं से उन्होंने अपनी पढ़ाई भी पूरी की है. मलाला और असर की पहली मुलाकात 2019 के क्रिकेट मैच में हुई बताई जाती है.
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