प्रेमचंद का ख़त पत्नी शिवरानी देवी के नाम

डीएनए हिंदी: हिंदी लिखने-पढ़ने वाले लोग प्रेमचंद को ना जानते हों, ऐसा मुमकिन नहीं लगता. हिंदी लिखने-पढ़ने वाले यही लोग प्रेमचंद की पत्नी शिवरानी देवी को जानते होंगे, ऐसा कम ही मुमकिन है. फिर बात जब प्रेमचंद और शिवरानी देवी की शादी, उनके प्रेम और जीवनयात्रा की हो तो इसकी जानकारी भी ज्यादा लोगों को होने की संभावना कम ही है. 

ऐसे में प्रेमचंद का पत्नी शिवरानी देवी के नाम लिखा यह ख़त इन दोनों की कहानी से जुड़े अहसासों को काफी हद तक बयां कर देता है. बताया जाता है कि जिस समय प्रेमचंद ने यह पत्र लिखा, शिवरानी अपनी बहन के घर गई हुईं थीं. कुछ दिनों का विछोह भी प्रेमचंद को सहन नहीं हुआ और उन्होंने लिखा- 

प्रिय रानी,


मैं तुम्हें छोड़कर काशी आया, मगर यहां तुम्हारे बिना सूना-सूना लग रहा है. क्या कहूं? तुम्हारी बहन की बात कैसे न मानता? न मानने पर तुम्हें भी बुरा लगता. जिस समय तुम्हें उन्होंने रोका, मैं जी मसोस कर रह गया. तुम तो अपनी बहन के साथ वहां खुश होगी, मगर मैं यहां परेशान हूं, जैसे एक घोंसले में दो पक्षी रह रहे हों और उनमें से एक के ना रहने पर दूसरा परेशान हो. तुम्हारा यही न्याय है, कि तुम वहां मौज करो और मैं तुम्हारे नाम की माला फेरू? तुम मेरे पास रहती हो तो मैं भरसक कहीं जाने का नाम नहीं लेता. तुम आने का नाम नहीं लेतीं. मुझे 15 तारीख को प्रयाग यूनिवर्सिटी में बुलाया गया है. यही बात है कि मैं अभी तक नहीं आया, नहीं तो अभी तक कभी का पहुंच गया होता, इसलिए मैं सब्र किए बैठा हूं. अब तुम 15 तारीख को आने के लिए तैयार रहना. सच कह रहा हूं... घर मुझे खाए जा रहा है. कभी-कभी मैं यह सोचता हूं कि क्या सभी की तबियत इसी तरह चिन्तित हो जाती है या मेरी ही? तुम्हारे पास रुपये पहुंच गए होंगे. अपनी बहन को मेरा नमस्ते कहना. बच्चों को प्यार.

कहीं ऐसा ना हो कि इस पत्र के साथ ही मैं भी पहुंचू. 


जवाब जल्दी लिखना. 
तुम्हारा धनपत

शादी का किस्सा
1905 में शिवरानी देवी की शादी मुंशी प्रेमचंद से हुई. वह प्रेमचंद की दूसरी पत्नी थी. शिवरानी देवी के पिता ने कायस्थ बाल विधवा उद्धारक पुस्तिका में शिवरानी देवी के विवाह संबंधी विज्ञापन दिया. यह विज्ञापन पढ़कर मुंशी प्रेमचंद उनके पिता से मिले और यह शादी तय हुई. प्रेमचन्द से विवाह होने के बाद प्रेमचन्द ने उन्हें पढ़ाया-लिखाया. इसके बाद शिवरानी देवी भी कहानियां लिखने लगीं. 

शिवरानी देवी भी थीं एक सशक्त लेखिका
शिवरानी देवी का परिचय सिर्फ 'प्रेमचंद की पत्नी' ही नहीं था. उन्होंने भी कहानियां लिखीं और एक सशक्त व बेबाक लेखिका के रूप में सामने आईं. उन्होंने  प्रेमचंद का संस्मरण 'प्रेमचंद घर में' भी लिखा था. इसमें प्रेमचंद और उनकी जीवनयात्रा से जुड़े कई किस्से पढ़ने को मिलते हैं. वह प्रेमचंद के जीवन की तमाम छोटी-बड़ी घटनाओं की साक्षी रहीं और एक सशक्त महिला के रूप में सामने आईं.

उन्होंने अपने जीवन काल  में 46 कहानियां लिखीं. उनकी इन कहानियों में पांच ऐसी कहानियां भी शामिल हैं जिनके शीर्षक प्रेमचंद की कहानियों से ही हैं.  इनमें 'सौत' और 'बूढ़ी काकी' के अलावा 'पछतावा' , 'बलिदान' और 'विमाता' जैसी कहानियां शामिल हैं.

(ख़त का स्रोत- प्रगतिशील प्रकाशन से प्रकाशित किताब 'प्रसिद्ध व्यक्तियों के प्रेमपत्र')

ये भी पढ़ें-
Virginia Woolf- नदी में डूबकर दी जान, Suicide से पहले पति के नाम लिखा ऐसा खत जिसने पूरी दुनिया को रुला दिया

 

हरिवंश राय बच्चन: यहां पढ़ें उनकी वो कविताएं जो आज भी हमारे दिलों में जिंदा हैं

आखिर क्यों युवाओं के बीच इतने पॉपुलर हैं John Eliya, पढ़ें उनके 10 मशहूर शेर

Url Title
romantic love letter famous persons hindi writer premchand to wife shivrani
Short Title
मुंशी प्रेमचंद का पत्नी शिवरानी के नाम लिखा खत
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Love letter graphics
Caption

Love letter graphics

Date updated
Date published
Home Title

प्रेमचंद जयंती 2022: जब पत्नी से किया था प्रेम का इज़हार- 'मैं जाने का नाम नहीं लेता, तुम आने का नाम नहीं लेतीं'