डीएनए हिन्दी : अधिकतर रिपोर्ट्स के अनुसार कोविड के omicron वेरियंट के इन्फेक्शन की शुरुआत केवल छींक से होती है. आप सोचेंगे हल्की कोई अलर्जी हुई है या मौसमी ज़ुकाम हुआ. वैक्सीन लगा हुआ है तो शायद ही कोविड की चिंता हो. वैसे भी कोविड के अधिकाँश केस में खांसी, बुखार और टेस्ट का जाना शुमार था.
क्या है अंतर omicron और पुराने कोविड वेरियंट में
इस नये वेरियंट के बारे में जितना अधिक पता चल रहा है, उतनी ही अधिक दुविधापूर्ण स्थिति उपज रही है. पहले कोविड को मापने-समझने के जितने भी क़ायदे थे वे omicron के साथ ध्वस्त हो रहे हैं. शिकागो यूनिवर्सिटी की चीफ़-इन्फेक्शस डिजीज़ एपिडेमियोलॉजिस्ट एमिली लंडन कहती हैं कि "पहले के तरीक़े अब बिल्कुल काम नहीं कर रहे हैं. लक्षण इतने भ्रामक हैं कि कई बार अहसास ही नहीं होता कि कोई बीमारी है भी या नहीं. लक्षण अब वेन डायग्राम की तरह नज़र आ रहे हैं, यानि एक दूसरे पर ओवर-लैप कर रहे हैं. डेल्टा में लोग गंभीर तौर पर बीमार हो रहे थे पर इसमें छींक अधिक आ रही है."
omicron का माइल्ड इन्फेक्शन लोगों को इस भ्रम में रख रहा है कि उन्हें केवल ज़ुकाम हुआ है. वैसे भी यह देखा गया है कि फुल्ली वैक्सीनेटेड लोग अधिक बाहर निकल रहे हैं इन दिनों. बीमारी के गंभीर लक्षण नहीं होने से सावधानियां भी कम बरती जा रही हैं.
कम लोग हो रहे हैं हॉस्पिटलाइज्ड
यूनाइटेड किंगडम के डाटा के अनुसार इस वेरियंट में लोग डेल्टा वेरियंट के मुक़ाबले कम गंभीर रूप से बीमार हो रहे हैं. लगभग साठ प्रतिशत कम लोगों को हॉस्पिटल में दाख़िल होना पड़ा है. यह भी देखा गया है कि पिछले साल के मुक़ाबले इन सर्दियों में कोविड के अधिक मामले सामने आ रहे हैं. सर्दियों में ही सर्दी-ज़ुकाम के अधिक केस आते हैं. इससे कोविड के सही केस को पहचानने का संकट और बढ़ रहा है.
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