डीएनए हिंदी: मानव इतिहास के सबसे बड़े वैज्ञानिक माने जाने वाले चार्ल्स डार्विन का नाम किसने नहीं सुना होगा! मगर ज्यादातर लोगों ने शायद उनकी प्रेम कहानी नहीं सुनी होगी. दुनिया को विकासवाद का सिद्धांत देने वाला यह महान वैज्ञानिक प्यार और शादी के मामले में भी दुनिया से एकदम अनोखा ही था. चार्ल्स डार्विन की शादी उनकी चचेरी बहन एमा से हुई थी.
ये ख़त उन्होंने तब लिखा जब वह अपनी पत्नी से दूर काम के सिलसिले में स्कॉटलैंड गए थे. लिखते हैं-
प्रिय
मौसम बहुत मजेदार है. कल तुम्हें पत्र लिखने के बाद मैं मैदान के कुछ आगे तक डेढ़ घंटे तक घूमता और आनंद लेता रहा. स्कॉटलैंड के देवदार के पेड़ों की ताजी फिर भी गहरी हरियाली, सफेद तनों वाले पुराने पेड़ों के भूरे-भूले फूल, बबूल के पेड़ों पर लटकी हरी-हरी झालरें बहुत ही प्यारा दृश्य उपस्थित कर रही थीं. अंत में मैं घास पर गहरी नींद में सो गया और तब जागा जब मेरे चारों ओर चिड़ियां कोरस गा रही थीं, गिलहरियां भाग-भाग कर पेड़ों पर चढ़ रही थीं. यह ऐसा मनोरंजक और ग्रामीण दृश्य था कि मैं एकदम भूल गया कि पशु और पक्षी किस प्रकार बनाए गए थे, मगर तुम्हारी याद मेरे साथ रही.
डार्विन
इस ख़त से कैसे जुड़ा है डार्विन का प्रेम
इस ख़त को पढ़कर शायद कुछ लोगों को उस गहरे प्रेम का अहसास ना हो, जो इस ख़त में छिपा है. इस ख़त में कहीं भी प्यार का जिक्र नहीं है. लेकिन डार्विन जैसे महान वैज्ञानिक का यह कहना कि वह भूल ही गए थे कि पशु और पक्षी किस प्रकार बनाए गए थे, अपने आप में इस बात की तस्दीक करता है कि वह गहरे प्रेम में थे. डार्विन के बारे में बताया जाता है कि बचपन से ही उनकी रुचि जीव-जंतुओं और पशु-पक्षियों में थी. उनके माता-पिता डॉक्टर थे और वह चाहते थे कि बेटा भी डॉक्टर बने. डार्विन की रुचियों को देखते हुए उन्हें हार माननी पड़ी.
डार्विन का विकासवाद का सिद्धांत
दिसंबर 1831 में चार्ल्स डार्विन को बीगल नाम के जहाज से दूर दुनिया में जाने और उसे देखने का मौका मिला. इस दौरान जहां-जहां जहाज रुका, वहां-वहां चार्ल्स ने जीव-जंतुओं, पेड़-पौधों, पत्थरों-चट्टानों और कीट-पतंगों पर शोध करना शुरू कर दिया और उनके नमूने जमा करने लगे. कई सालों तक काम करने के बाद उन्होंने बताया कि इस पृथ्वी पर जितनी भी प्रजातियां हैं, वो मूल रूप से एक ही जाति की उत्पत्ति हैं. समय और हालात के साथ-साथ इन्होंने अपने आप में बदलाव किया और अलग-अलग प्रजाति बन गईं. उनकी इसी थ्योरी ऑफ इवोल्युशन में बताया गया था कि इंसानों के पूर्वज बंदर थे.
शादी का किस्सा
1838 में जब डॉर्विन पहली बार शादी के बारे में सोच रहे थे तो उन्होंने इस विषय पर ख़ूब लिखा और वैज्ञानिक तरीक़े से शादी की ख़ूबी-ख़ामियों के बारे में सूची ही बना डाली. उन्होंने एक कागज पर शादी के पक्ष में बातें लिखीं और दूसरे कागज पर शादी के विरोध में अपने तर्क दर्ज किए. शादी के विरोध में तर्क देते हुए उन्होंने लिखा, 'शादी के बाद ख़र्च ज्यादा होता है किताबों के लिए पैसे नहीं बचेंगे. वक्त भी काफी बर्बाद होगा. शादीशुदा आदमी जीवन में ज़्यादा ऊंचाइयों तक नहीं जा सकते.'
वहीं शादी की ख़ूबियां गिनाते हुए उन्होंने लिखा कि इसमें एक 'हमसफ़र' और 'बुढ़ापे के दिनों के लिए साथी' मिलता है. इस पूरी रिसर्च के बाद उन्होंने एमा से शादी का फैसला लिया, जिसे वह पहले ही पसंद करने लगे थे. काफी सोच-विचार के बाद उन्होंने 11 नवंबर 1838 को एम्मा को प्रपोज किया. 29 जनवरी 1839 में दोनों ने शादी की और खूबसूरत शादीशुदा जीवन बिताया.
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