डीएनए हिंदी : यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद एक चीज़ जो सामने निकल कर आई है वह चीन और रूस की दोस्ती है. जून 2018 में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को अपना सबसे अंतरंग मित्र घोषित कर चुके हैं. इस दौरान जिनपिंग ने पुतिन को मैडल ऑफ़ फ्रेंडशिप भी दिया था. रूस और चीन की दोस्ती के दौरान एक विचार ज़हन में अक्सर कौंधता है, क्या पुतिन और जिनपिंग एक जैसे हैं? देखते हैं कुछ तथ्यों को और ढूंढ़ते हैं, दोनों में क्या समानताएं हैं.
नियम से आगे जाकर अपना कार्यकाल लगभग ज़िन्दगी भर के लिए कर लिया है
इसे संयोग या फिर एक-दूसरे से ली हुई प्रेरणा कही जा सकती है कि पुतिन(Vladimir Putin) और जिनपिंग(Xi Jinping) दोनों ने अपने देश के संविधान में आवश्यक बदलाव करके अपना कार्यकाल ज़िंदगी भर के लिए कर लिया है. क़ायदान चीन के राष्ट्रपति केवल दो कार्यकाल के लिए देश के राष्ट्रपति रह सकते थे पर 2018 में संसद की सहायता से ज़रूरी बदलाव करके उन्होंने ताउम्र चीन की सत्ता में बने रहने का रास्ता साफ़ कर लिया.
पिछले बाइस सालों से रूस की सत्ता के सबसे शक्तिशाली व्यक्ति बने रहे पुतिन ने भी यह काम 2021 में किया. उन्होंने रूसी प्रावधानों को ज़रूरत के अनुसार बदलकर कम से कम 2036 तक राष्ट्रपति कार्यकाल अपने नाम कर लिया.
पड़ोसियों के ज़मीन पर दोनों की नज़र
रूस और यूक्रेन का बड़ा झगड़ा क्रीमिया को लेकर है. क्रीमिया 1783 से रूस का हिस्सा था पर 1954 में सोवियत संघ के सर्वेसर्वा निकिता खुर्श्चेव ( Nikita Khrushchev) ने क्रीमियन ओब्लास्ट को यूक्रेन को हस्तांतरित कर दिया था. माना जाता है कि पुतिन की दिलचस्पी क्रीमिया के अतिरिक्त यूक्रेन के अन्य हिस्सों में भी है.
ठीक यही बात जिनपिंग के बारे में कही जाती है. चीन बार-बार भारत के अरुणाचल प्रदेश (नेफा) इलाके पर अपना दावा ठोकता है. हाल में चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपना दावा बढ़ाने के क्रम में उसके पंद्रह इलाकों का नाम बदल दिया था. नई दिल्ली ने चीन की इस हरक़त का कड़ा विरोध किया था.
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राजनैतिक विरोधियों को साम-दाम-दंड भेद से चुप करवाना
चीन(China) और रूस(Russia) दोनों देशों के राजनैतिक इतिहास में साम्यवाद कहीं न कहीं कॉमन रहा है. इन दोनों देशों के वर्तमान प्रमुखों के बीच तीसरी कॉमन चीज़ दोनों के द्वारा अपने राजनैतिक विरोधियों को किसी न किसी तरह चुप करवाना है. विशेषज्ञों के अनुसार पुतिन ने भ्रष्टाचार विरोधी कैम्पेन चलाकर कई बार अपने राजनैतिक प्रतिद्वंदियों को हटाया है. द डिप्लोमैट की 2014 की एक रपट के अनुसार पुतिन ने तबतक 40 ऐसे पत्रकारों की हत्या करवा दी थी जो उसके विरोध में थे.
टाइम्स नाउ की 2020 की एक रपट के अनुसार जिनपिंग(Xi Jinping) ने भी ठीक यही रास्ता अख़्तियार किया है. जिनपिंग भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर अपने प्रतिद्वंदियों अथवा अपने खिलाफ बोलने वाले लोगों को हटाते हैं.
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