डीएनए हिंदी: गैंगस्टर अतीक अहमद (Atiq Ahmed) का बेटा असद अहमद (Asad Ahmed) एक एनकाउंटर में गुरुवार को ढेर हो गया. स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के जवानों ने झांसी (Jhansi) में हुई एक मुठभेड़ में असद अहमद को उसके साथी गुलाम के साथ मार गिराया. यह यूपी पुलिस का 183वां एनकाउंटर था. मुठभेड़ संस्कृति को कभी अदालतें सही नहीं मानती हैं. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 21 हर किसी को प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार देता है.
संविधान के भाग 3 के अनुच्छेद 21 में लिखा है, 'किसी भी व्यक्ति से 'विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया' द्वारा ही प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता का अधिकार छीना जा सकता है.' जाहिर सी बात है कि एनकाउंटर कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करने के आधार पर नहीं होते. 2017 में जब पहली बार योगी आदित्यनाथ यूपी के मुख्यमंत्री बने, तब से लेकर अब तक करीब 183 एनकाउंटर हो चुके हैं.
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क्या है असद के एनकाउंटर की वजह?
असद अहमद, कुख्यात अपराधी अतीक अहमद का बेटा है. 24 फरवरी को प्रयागराज के धूमनगंज इलाके में विधायक राजू पाल हत्याकांड के इकलौते गवाह उमेश पाल और उसके सुरक्षा गार्डों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. अपराधियों ने बम बरसाए थे. आरोप है कि यह सब अतीक अहमद के इशारे पर हुआ था. योगी आदित्यनाथ ने यूपी विधानसभा में कहा था कि माफियाओं को मिट्टी में मिला दूंगा. पहले अतीक का घर तोड़ा गया फिर एक के बाद एक इस केस में 4 एनकाउंटर हुए. गिनती अभी खत्म नहीं हुई है.
'पुलिस को खुली छूट, अब तक 183 एनकाउंटर'
रामगोपाल वर्मा की फिल्म अब तक 56 याद है? फिल्म के हीरो नाना पाटेकर एक के बाद एक 56 एनकाउंटर करते हैं. योगी राज में यूपी पुलिस का भी पैटर्न वही है. योगी आदित्यनाथ ने साल 2017 में पहली बार यूपी की कमान संभाली. तब से लेकर अब तक एनकाउंटर का दौर जारी है. पुलिस ने बीते 6 साल में 10,713 एनकाउंटर किए हैं, जिसमें से 183 अपराधी या आरोपियों को ढेर किया गया है.
चुन-चुनकर ढेर हो रहे हैं बदमाश
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक इन मुठभेड़ों में जो मारे गए वे सभी गंभीर अपराधों के आरोपी थे. यूपी पुलिस ने मार्च 2017 से अब तक 183 इनामी अपराधियों को मुठभेड़ों में मार गिराया है. ज्यादातर के सिर पर 75,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का नकद इनाम था.
हर 13 दिन में एक एनकाउंटर जानलेवा
पिछले छह वर्षों में राज्य में हर 13 दिन में कम से कम एक कुख्यात या वांछित आरोपी/अपराधी को पुलिस मुठभेड़ में मारा है. 20 मार्च, 2017 से 6 मार्च, 2023 के बीच हुई मुठभेड़ों में पुलिस ने 23,069 लोगों को गिरफ्तार किया है. इनमें से 4,911 लोग घायल हुए हैं.
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क्या हैं अब तक के एनकाउंटर पर सटीक आंकड़े?
एडीजी प्रशांत कुमार के मुताबिक गोलीबारी के दौरान 15 पुलिस कर्मियों की मौत हो गई, जबकि अन्य 1,424 को गोली लगी. यूपी पुलिस के डोजियर के मुताबिक, 2017 में पुलिस एनकाउंटर में 28, 2018 में 41, 2019 में 34 और 2020 और 2021 में 26-26 अपराधी मारे गए. 2022 में 14 अपराधी मारे गए. इस साल मार्च तक पुलिस एनकाउंटर में 9 अपराधी ढेर हो चुके हैं. गिनती अभी जारी है.
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'6 साल, 183 बदमाश एनकाउंटर में ढेर,' यूपी पुलिस के हर एक्शन पर उठ रहे सवाल, आरोपों से कैसे निपटेगी योगी सरकार?