डीएनए हिंदी: Nainital News- उत्तराखंड के फेमस टूरिस्ट सिटी नैनीताल में शनिवार के दिन पर्यटकों की चहल-पहल का शोर नहीं बल्कि उन जेसीबी के इंजनों की गरज सुनाई दे रही है, जो यहां अवैध अतिक्रमणों पर चल रहे हैं. जिला प्रशासन ने नैनीताल हाई कोर्ट के हरी झंडी दिखाने के बाद राजा महमूदाबाद की शत्रु संपति मेट्रोपोल के अवैध कब्जेदारों को हटाना शुरू कर दिया है. एक साथ 10 जेसीबी को इस काम में लगाया गया है, जो शनिवार दोपहर तक 25 से ज्यादा अवैध मकान जमींदोज कर चुकी थीं. यहां करीब 134 अवैध घर चिह्नित किए गए हैं, जिन्हें पूरी तरह तोड़कर मिट्टी में मिलाया जाएगा और इस जमीन का कब्जा जिला प्रशासन लेगा. इसे केंद्र सरकार के शत्रु संपत्ति अधिनियम (संशोधन)- 2016 लागू करने के बाद राजा महमूदाबाद की संपत्तियों पर सबसे बड़ी कार्रवाई माना जा रहा है.
उत्तराखंड: नैनीताल में राजा महमूदाबाद क्षेत्र में नैनीताल उच्च न्यायालय के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने बुलडोजर द्वारा अवैध अतिक्रमण हटाया।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 22, 2023
नैनीताल ADM शिवचरण द्विवेदी ने बताया, "पूरा क्षेत्र खाली हो चुका है। हम आश्वस्त हैं कि शांतिपूर्ण तरीके से ये अतिक्रमण हटाया जाएगा। सड़क से… pic.twitter.com/elTOP0MCHk
आप सोच रहे होंगे कि राजा महमूदाबाद कौन थे, जिनकी संपत्ति इतनी बड़ी थी कि नैनीताल जैसी जगह में उस पर 134 घर बन गए. चलिए आपको राजा महमूदाबाद के बारे में बताते हैं और उनके पाकिस्तान कनेक्शन की भी जानकारी देते हैं.
उत्तर प्रदेश की महमूदाबाद रियासत के नवाब थे राजा महमूदाबाद
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले का महमूदाबाद शहर आजादी से पहले महमूदाबाद रियासत था. अवध प्रांत की इस सबसे अमीर रियासत के नवाब को राजा महमूदाबाद कहा जाता था. आजादी के समय राजा महमूदाबाद की गद्दी पर आमिर मोहम्मद खान काबिज थे, जो मुस्लिम लीग के बड़े नेता थे. उन्हें भारत से अलग पाकिस्तान बनाने की मुहिम में मोहम्मद अली जिन्ना के बाद दूसरे नंबर का नेता माना जाता है. पाकिस्तान बनने पर राजा महमूदाबाद भारत छोड़कर वहां चले गए थे, लेकिन उनकी विशाल जमींदारी जो मौजूदा सीतापुर जिले से लखीमपुर जिले तक फैली थी, यहीं रह गई थी. इसके अलावा भी लखनऊ, दिल्ली, नैनीताल आदि शहरों में उनकी संपत्तियां थीं. इसी संपत्ति को लेकर आज तक विवाद चल रहे हैं. राजा महमूदाबाद का निधन 14 अक्टूबर, 1973 को लंदन में हो गया था.
1968 में आए शत्रु संपत्ति कानून से राजा महमूदाबाद को लगा था झटका
भारत सरकार ने देश छोड़कर पाकिस्तान चले गए लोगों की संपत्ति पर उनका मालिकाना हक खत्म कर दिया था. इसके लिए 1968 में शत्रु संपत्ति कानून लाया गया था, जिससे ऐसी सभी संपत्तियां शत्रु संपत्ति कहलाने लगी थी और उसका कस्टोडियन सरकार की तरफ से नियुक्त किया जाने लगा था. राजा महमूदाबाद की 906 संपत्तियां इस दायरे में आई थीं, जिनमें नैनीताल का मेट्रोपोल इलाका भी शामिल है, जिस पर बने अवैध घरों पर शनिवार को बुलडोजर चल रहा है.
राजा महमूदाबाद की संपत्तियों पर हो गए थे अवैध कब्जे
केंद्र सरकार के कब्जे में आने के बाद राजा महमूदाबाद की तमाम संपत्तियों पर अवैध कब्जे हो गए थे. आरोप है कि कस्टोडियन रहे अधिकारियों ने ये संपत्तियों औने-पौने दामों में बेचकर कब्जे करा दिए. शत्रु संपत्तियों पर इन अवैध कब्जों को खत्म करने के लिए मोदी सरकार साल 2016 में शत्रु संपत्ति अधिनियम (संशोधन) लाई थी. इसके चलते यदि किसी शत्रु संपत्ति को विरासत में भी दिया गया था तो उस पर भी सरकार का हक माना जाएगा. इस अधिनियम के तहत ही नैनीताल में अवैध कब्जे हटाने की कार्रवाई की जा रही है. इस कार्रवाई के खिलाफ लोगों ने नैनीताल हाई कोर्ट में अपील की थी. शुक्रवार को नैनीताल हाई कोर्ट ने अवैध घर गिराए जाने को सही माना था और अपील को खारिज कर दिया था. इसके बाद शनिवार को जिला प्रशासन ने घर तोड़ने शुरू किए थे.
नैनीताल में 99 करोड़ रुपये की है संपत्ति
नैनीताल डीएम वंदना सिंह के मुताबिक, मेट्रोपोल क्षेत्र में राजा महमूदाबाद की करीब 22 हजार 500 वर्ग मीटर शत्रु संपत्ति है. इसमें से करीब 11 हजार मीटर जमीन पर अवैध कब्जे करने के बाद घर बनाए गए हैं. इस जमीन की कीमत सर्किल रेट के लिहाज से करीब 99 करोड़ रुपये बैठती है, लेकिन बाजार भाव के लिहाज से यह जमीन 300 करोड़ रुपये की मानी जाती है.
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Raja Mahmudabad कौन थे, जिनके कारण गिराए जा रहे नैनीताल के 134 घर