Who Was Abdul Makki: पाकिस्तान से शुक्रवार को भारत के लिए एक खुशखबरी आई है. दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-ताइबा के डिप्टी चीफ और उसके मुखौटा संगठन जमात-उद-दावा के चीफ अब्दुल रहमान मक्की की मौत हो गई है. बीबीसी उर्दू ने अपनी रिपोर्ट में मक्की की भतीजी तल्हा सईद के हवाले से लाहौर में दिल के दौरे से उसकी मौत होने की पुष्टि की है. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि डायबिटीज का मरीज मक्की पिछले कुछ समय से बीमार चल रहा था और अस्पताल में भर्ती था. इसी दौरान शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई है.
दिल्ली लाल किला हमले से लेकर मुंबई 26/11 अटैक तक में था शामिल
मुंबई 26/11 अटैक के मास्टरमाइंड और लश्कर-ए-ताइबा चीफ हाफिज सईद का साला मक्की भारत के मोस्ट वांटेड आतंकियों की लिस्ट में शामिल था. वह मुंबई अटैक से लेकर दिल्ली के लाल किले पर हुए आतंकी हमले तक में आतंकियों के हैंडलर के तौर पर शामिल था. वह पाकिस्तान के लाहौर में वहां की सेना की तरफ से मिली कड़ी सुरक्षा के बीच रहता था. भारत ने पाकिस्तान से कई बार मक्की को इन मामलों में मुकदमा चलाने के लिए प्रत्यर्पित करने की मांग की थी, लेकिन पाकिस्तान हर बार चालबाजी से मुकर गया था.
यह है मक्की का पूरा प्रोफाइल
- मक्की का जन्म 1954 में पाकिस्तानी पंजाब के बहावलपुर शहर में हुआ था, जिसे आतंकियों का गढ़ माना जाता है.
- मक्की की बहन का निकाह हाफिद सईद के साथ हुआ था, जिसने भारत के खिलाफ लश्कर-ए-ताइबा आतंकी संगठन खड़ा किया था.
- मक्की को सईद ने लंबे समय तक अपने पॉलीटिकल चेहरे के तौर पर सामने रखा था, जिस नाते मक्की लश्कर के लिए फंड जुटाता था.
- लश्कर की शूरा (गवर्निंग बॉडी) का मेंबर होने के साथ ही मक्की को संगठन में हाफिज सईद के बाद डिप्टी चीफ की हैसियत में देखा जाता था.
- वैश्विक दबाव में पाकिस्तान के लश्कर पर दिखावे का बैन लगाने पर हाफिज सईद ने जमात-उद-दावा संगठन बनाकर मक्की को उसका चीफ बनाया था.
- मक्की को भी बाद में अमेरिका के दबाव में संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया था, जिसके बाद जमात-उद-दावा पर भी बैन लग गया था.
भारत में दो बड़े हमलों को दिया था अंजाम
लश्कर की तरफ से भारत में दो बड़े हमलों को अंजाम देने का काम मक्की ने ही किया था. इनमें साल 2000 में दिल्ली के लाल किले पर हमला और 2008 में मुंबई अटैक शामिल था. इन दोनों ही हमलों में आतंकियों का हैंडलर मक्की ही था. इसके बाद से ही पाकिस्तान के ऊपर मक्की के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना हुआ था.
2019 में दिखावे के लिए की गई थी मक्की पर कार्रवाई
टैरर फंडिंग के लिए FATF की तरफ से प्रतिबंध लगने के बाद पाकिस्तान पर आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बना था. इसके बाद साल 2019 में पाकिस्तानी पंजाब की सरकार ने मक्की को गिरफ्तार किया था. साल 2020 में उसे महज छह महीने की सजा सुनाई गई थी, जिससे यह साबित हो गया था कि यह कार्रवाई महज दिखावा है. अप्रैल 2021 में अंतरराष्ट्रीय दबाव में मक्की को 9 साल जेल की सजा सुनाई गई, लेकिन कुछ महीने बाद ही लाहौर हाई कोर्ट ने सबूतों की कमी का हवाला देकर आतंकवाद निरोधी अदालत का फैसला पलटकर मक्की को रिहा कर दिया था. हालांकि जेल से रिहाई के बाद मक्की लगातार बीमार था, जिसके चलते उसकने लश्कर और जमात की गतिविधियों से खुद को दूर कर लिया था. साथ ही लोगों से मेलजोल भी बेहद कम कर दिया था.
अमेरिका ने रखा था 20 लाख डॉलर का इनाम
मुंबई अटैक में अमेरिका ने अपने नागरिकों की मौत होने के चलते पाकिस्तान पर मक्की के खिलाफ कार्रवाई का दबाव बनाया था. यूएस ने साल 2010 में उसे अपनी स्पेशल डेजिग्नेटेड टैरर लिस्ट (वैश्विक आतंकी सूची) में शामिल कर लिया था. अमेरिका ने उसके खिलाफ रिवॉर्ड फॉर जस्टिस प्रोग्राम के तहत 20 लाख डॉलर का इनाम भी घोषित किया था, लेकिन पाकिस्तान ने कभी मक्की के बारे में अमेरिका के साथ कोई जानकारी साझा नहीं की. जून 2022 में भारत और अमेरिका ने मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में पेश किया था. यूएन 1267 रूल्स के तहत पेश प्रस्ताव को चीन ने वीटो करके रोक दिया था. जनवरी, 2023 में चीन ने वीटो हटा लिया, जिसके बाद मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित कर दिया गया था. हालांकि तब भी पाकिस्तान ने उसे गिरफ्तार नहीं किया था.
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कौन था अब्दुल रहमान मक्की, जिसकी हार्ट अटैक से मौत पर भारत में मना जश्न, लाल किला अटैक से था नाता