Who is IAS Sujata Karthikeyan: आजकल IAS अफसरों को 'कार्यपालिका' की नौकरी छोड़कर 'विधायिका' की नेतागिरी जमकर रास आ रही है. एक के बाद एक IAS और IPS अफसर राजनीतिक गलियारे में अपना करियर बनाने में जुटे हुए हैं. ओडिशा की राजनीति में भी एक IAS अफसर के अचानक वॉलंटरी रिटायरमेंट (VRS) ले लेने से सनसनी मच गई है. ये IAS अफसर हैं सुजाता कार्तिकेयन (IAS Sujata Karthikeyan), जिनकी वीआरएस की एप्लिकेशन को केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है. अब माना जा रहा है कि सुजाता कार्तिकेयन भी जल्द ही ओडिशा की राजनीति में नजर आएंगी, जहां BJP ने कई दशक से चली आ रही नवीन पटनायक (Naveen Patnaik) की सत्ता को हाल ही में छीनकर भगवा परचम लहराया है.
कौन हैं सुजाता कार्तिकेयन, पहले ये जान लीजिए
सुजाता ओडिशा कैडर (Odisha Cadre IAS) की साल 2000 बैच की अफसर हैं. सुजाता ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले के बालुरिया गांव की मूल निवासी हैं. इस छोटे से गांव से निकलकर उन्होंने अपनी प्रतिभा की बदौलत UPSC Exam क्रैक किया और सिविल सर्विसेज (Indian Civil Services) में एंट्री ली. उत्तराखंड (Uttarakhand) के मसूरी (Mussoorie) में लाल बहादुर शास्त्री नेशनल अकादमी (LBS Mussoorie) में ट्रेनिंग लेकर वे IAS अफसर बन गईं. ओडिशा कैडर की अफसर बनने के बाद उन्हें तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की सरकार में अहम जिम्मेदारियां दी गईं. वे कटक और सुंदरगढ़ की कलेक्टर रहीं. इसके बाद उन्हें BJD सरकार में प्रोजेक्ट मिशन शक्ति (Project Mission Shakti) की अहम जिम्मेदारी दी गईं तो वे पूरे देश में चर्चा में आ गईं. इस प्रोजेक्ट को 70 लाख ग्रामीण महिलाएं जुड़ी थीं. साल 2023 में उन्हें ओडिया भाषा, साहित्य और संस्कृति विभाग का अतिरिक्त प्रभार भी मिला था.
पटनायक के करीबी वीके पांडियन की पत्नी हैं सुजाता
सुजाता कार्तिकेयन की मुलाकात IAS ट्रेनिंग के दौरान वीके पांडियन (IAS VK Pandian) से हुई थी, जो उनकी तरह ही ट्रेनी आईएएस थे. दोनों एक-दूसरे को पसंद करते थे और ट्रेनिंग खत्म होने के बाद उन्होंने शादी कर ली. पांडियन ने शादी के बाद पंजाब कैडर छोड़कर ओडिशा कैडर में ट्रांसफर ले लिया, जहां वे तत्कालीन मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के सबसे करीबी अफसरों में गिने गए. पांडियन ने साल 2023 में VRS लेकर पटनायक की पार्टी बीजू जनता दल (BJD) जॉइन कर ली और राजनीति में उतर आए. पांडियन के कारण ही सुजाता कार्तिकेयन को पटनायक सरकार की सबसे प्रभावशाली अफसरों में गिना जाता था.
सुजाता के VRS से इस कारण मची है राजनीतिक सनसनी
बता दें कि पांडियन वही नेता हैं, जिन्हें नवीन पटनायक की सरकार के आखिरी दिनों में उनकी 'आंख-कान' कहा जाता था. यह भी कहा जाता था कि पटनायक बेहद बीमार हैं और पांडियन ही सारे फैसले ले रहे हैं. उन्हें पटनायक का राजनीतिक उत्तराधिकारी भी कहा गया था, जिसे भाजपा ने पांडियन के दक्षिण भारतीय होने का मुद्दा उछाला था. पांडियन ने 2023 के ओडिशा विधानसभा चुनाव में पार्टी के प्रचार की कमान संभाली थी और चुनावी हार के बाद सक्रिय राजनीति से संन्यास ले लिया था. माना जा रहा है कि सुजाता भी पांडियन की तरह राजनीति में उतरेंगी. भाजपा सुजाता को पांडियन की तरह दूसरे राज्य का बताकर खारिज नहीं कर पाएगी. ऐसे में पांडियन उनके जरिये नवीन पटनायक की 'उत्तराधिकारी' बन सकती हैं.
भाजपा से है सुजाता का 36 का आंकड़ा
नवीन पटनायक की 'खास' होने के कारण सुजाता का भाजपा के साथ '36 का आंकड़ा' रहा है. साल 2024 के विधानसभा चुनाव के दौरान भी भाजपा ने उन्हें बीजेडी एजेंट बताकर चुनाव आयोग से शिकायत की थी, जिसके बाद सुजाता का ट्रांसफर कर दिया गया था. सुजाता की 6 महीने की चाइल्ड केयर लीव भी भाजपा सरकार ने आगे नहीं बढ़ाई. नवंबर, 2023 में वह वित्त विभाग में विशेष सचिव पद पर लौटी थीं, लेकिन भाजपा की सरकार बनने के बाद राज्य के नए मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी लगातार पटनायक के करीब सीनियर IAS अफसरों को गैर महत्वपूर्ण पदों पर ट्रांसफर कर रहे हैं. ऐसे में सुजाता को भी अपने साथ ऐसी ही किसी कार्रवाई की संभावना लग रही थी. माना जा रहा है कि इसके चलते भी उन्होंने वीआरएस लेने का फैसला लिया है.
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कौन हैं IAS Sujata karthikeyan, जिनके VRS लेने से ओडिशा में मच गई सियासी खलबली