डीएनए हिंदी: यूक्रेन-रूस युद्ध (Russia-Ukraine War) की वजह से कच्चे तेल के साथ-साथ खाद्य तेल के दामों पर भी बढ़ोतरी हो रही है. वहीं त्योहारी सीजन के कारण इस वक्त खाद्य तेल के दाम बढ़ जाते हैं. ऐसे में मोदी सरकार कीमतों पर नियंत्रण लाने का प्रयास कर रही है. इस बारे में उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय 2 बैठकें भी कर चुका है. वहीं खबरें हैं कि प्रधानमंत्री मोदी भी इसकी जल्द ही समीक्षा कर सकते हैं. 

खाद्य तेल के दामों में उछाल 

रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध की खबरों के साथ ही तेल के दामों पर असर दिखना शुरू हो गया था. 15 फरवरी से 5 मार्च के बीच बाजार भावों पर नजर डालें तो दिल्ली में इस बीच पॉम ऑयल की कीमत में 28 रुपये (132-160), वनस्पति घी में 20 रुपये ( 154-174), सोयाबीन तेल में 22 रुपये ( 157-179) का इजाफा हो चुका है. वहीं सूरजमुखी के तेल के दाम में दिल्ली में महज 6 रुपये बढ़े हैं लेकिन दक्षिण भारत में 30 से 35 रुपये का वृद्धि देखने को मिली है. 

कम हो रहा है खाद्य तेल का आयात

भारत सालाना लगभग 2.4 करोड़ टन खाद्य तेल का इस्तेमाल करता है जबकि देश का उत्पादन आधे से भी कम है. शेष आपूर्ति के लिए देश पिछले कई सालों से 1.5 करोड़ टन का आयात करता रहा है. पिछले दो वर्षों से इसके आयात में करीब 10 फीसदी की कमी आई है. साल 2019-20 और साल 2020-21 में भारत का कुल खाद्य तेल आयात 1.35 करोड़ टन रहा है जबकि 2015-16 में यह 1.4 करोड़ टन तक था.

बढ़ रहा है भारत का खाद्य तेल आयात

पिछले एक साल में दुनिया के बाजारों में खाद्य तेल के दामों बढ़ोतरी हुई है. जहां साल 2019-20 में भारत का आयात बिल 71,625 करोड़ रुपये का था. वहीं साल 2020-21 में  खर्च 117,095 करोड रुपये तक बढ़ गया. एक साल में खाद्य तेल की मात्रा में कोई बदलाव नहीं आया लेकिन तेल के आयात बिल में 63 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. भारत के खाद्य तेल पर आयात की निर्भरता की वजह से देश को काफी विदेशी मुद्रा की जरूरत होती है और ऐसे में एक भारी खर्च भी होता है. ऐसे में देश का आयात बिल कम करने के लिए तिलहनों का घरेलू उत्पादन बढ़ाना लाजिमी है.    

भरोसा देने वाली खबर 

पिछले एक साल (Oct 20- Nov 21) के आकड़ों के अनुसार सनफ्लॉवर ऑयल का भारत के आयात बिल में महज 15 फीसदी का हिस्सा है जो कि 70 फीसदी तक यूक्रेन से आता है और 20 फीसदी हिस्सा रूस से आता है. ऐसे में सूरजमुखी की तेल की कीमतों में असर दिखना स्वाभाविक माना जा रहा है.

ऐसे में तात्कालिक खबरों के आधार पर तो कीमतें बढ़ती हुई दिख रही हैं लेकिन यह माना जा रहा है कि आपूर्ति बढ़ाने के कारण जल्द ही इनके नियंत्रण में आने की संभावनाएं हैं.

तेल   तेल की मात्रा  
क्रूड पॉम ऑयल 74.91 57.05
आरबीडी पामोलिन 6.86 5.22
कर्नेल ऑयल 1.43 1.09
सोयाबीन का तेल  28.65   21.82
सनफ्लावर ऑयल  18.94    14.42
रेपसीड तेल 0.57     0.43
कुल      131.31   

यह भी पढ़ें- एनएसई की पूर्व सीईओ Chitra Ramakrishna 'हिमालय के योगी' स्कैंडल में अरेस्ट

सरकार बढ़ा रही है खाद्य तेल का उत्पादन 

खाद्य तेल के उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकार ने अगले पांच वर्षों में देश में तिलहनों के उत्पादन को मौजूदा 300 लाख टन से 480 लाख टन बढ़ाने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए सरकार राष्ट्रीय तिलहन मिशन के तहत पांच सालों में 10,000 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है. इसका मुख्य उद्देश्य आयात पर निर्भरता को कम करना माना जा रहा है.

यह भी पढ़ें- Income Tax: 31 मार्च से पहले करें यहां निवेश, बचेंगे इतने रुपये

(हमसे जुड़ने के लिए हमारे फेसबुक पेज पर आएं और डीएनए हिंदी को ट्विटर पर फॉलो करें)

Url Title
What will be the effect of Russia Ukraine War on oil prices, what is the government's preparation?
Short Title
तेल की कीमतों में हो रहा है इजाफा
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
What will be the effect of Russia Ukraine War on oil prices, what is the government's preparation?
Date updated
Date published