डीएनए हिंदी: भारत समेत दुनियाभर में कोविड के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) के मामले अनियंत्रित रूप से बढ़ रहे हैं. वैज्ञानिकों की मानें तो बाकि वेरिएंट के मुकाबले ओमिक्रॉन ज्यादा तेजी से फैलता है. ऐसे में इससे बचने के लिए फेस मास्क पहनना हमारी पहली जिम्मेदारी है. हालांकि संक्रमण के बढ़ते मामलों के बीच अमेरिका के रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र (Centers for Disease Control and Prevention) का कहना है कि कोविड से सुरक्षा के लिए अब मास्क को अपग्रेड करने का समय आ गया है. सीडीसी ने रेस्पिरेटर (Respirators) को मास्क की तुलना में अधिक सुरक्षित माना है.
स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और प्रयोगशाला में काम करने वाले लोगों पर हुए अध्ययनों में इस बात के पुख्ता सुबूत मिले हैं रेस्पिरेटर स्रोत नियंत्रण और व्यक्तिगत सुरक्षा के मास्क की तुलना में काफी प्रभावी हैं. सीडीसी के अनुसार, अगर एक असंक्रमित व्यक्ति बिना अपने चहरे को ढके किसी संक्रमित व्यक्ति के करीब आता है तो उसे वायरस की चपेट में आने में केवल 15 मिनट लगते हैं. वहीं अगर इस दौरान दोनों ने कपड़े का मास्क पहना है तो दूसरे व्यक्ति को संक्रमित होने में 20 मिनट का समय लगता है. लेकिन अगर संक्रमित व संपर्क में आने वाले व्यक्ति दोनें ने पूरी तरह से फिट रेस्पिरेटर मास्क पहना है तो संक्रमण के खतरे को 25 घंटे तक टाला जा सकता है.
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क्या होते हैं रेस्पिरेटर?
बता दें कि रेस्पिरेटर मास्क नहीं होते हैं. अक्सर इन्हें मास्क मान लिया जाता है लेकिन यह विशेष मानकों को पूरा करने वाले व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण होते हैं जो वायुजनित खतरनाक बैक्टीरिया, वायरस व प्रदूषकों को सांस में मिलेने से रोकने के लिए बनाए जाते हैं. एक एन95 मानक वाला रेस्पिरेटर उच्च प्रवाह दर पर सबसे अधिक घातक आकार के 95 फीसदी कणों को रोकने में सक्षम होता है.
शुरुआत में क्यों दी गई कपड़े के मास्क लगाने की सलाह?
शुरुआत में माना गया था कि कोविड खांसी और छींक के जरिए फैलता है. इसके चलते मास्क को स्रोत पर नियंत्रण का एक किफायती तरीका माना गया लेकिन अब साफ है कि वायरस हवा के जरिए फैलता है. सांस लेने और बोलने के दौरान खासतौर पर बंद जगहों पर यह लंबे समय तक हवा मौजूद रह सकता है.
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क्या है कपड़े के मास्क और रेस्पिरेटर में अंतर?
कपड़े के मास्क (Cloth Mask) प्राकृतिक सिंथेटिक मेटेरियल से बने होते हैं. ये मास्क ड्रॉपलेट्स स्प्रे को 8 फीट से 2.5 इंच तक कम कर सकते हैं. इनकी प्रभावशीलता काफी हद तक इसके डिजाइन पर निर्भर करती है. वहीं विशेषज्ञों की मानें तो आपके सिस्टम में वायरस को प्रवेश करने से रोकने के लिए लेयर्ड कॉटन क्लॉथ मास्क का इस्तेमाल किया जा सकता है. हालांकि उन पर पूरी तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है क्योंकि छोटे वायरस एरोसोल उनमें से गुजर सकते हैं.
दूसरी ओर रेस्पिरेटर टाइट सील होते हैं जो 95 प्रतिशत तक 0.3 माइक्रोन कणों को फिल्टर कर सकते हैं. ये किसी अन्य मास्क के ढीले सिरों और पतले मेटेरियल के जरिए फिसलने वाले पार्टिकुलेट मैटर से सुरक्षा प्रदान करता हैं. रेस्पिरेटर का डिजाइन इसे डर के अनुकूल बनाता है.
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