डीएनए हिंदी: शेयर बाजार (Share Market) में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. बीते कुछ महीनों से शेयर बाजार में गिरावट ज्यादा ही देखने को मिली है. यूक्रेन-रूस वॉर की वजह से शेयर बाजार निवेशकों को पहले ही काफी नुकसान हो चुका है. महंगाई (Inflation) का असर भी शेयर बाजार पर पड़ा है. अब जानकारों का कहना है, जून के महीने में बाजार निवेशकों को और नुकसान उठाना पड़ सकता है. जिसके पीछे अलग-अलग कारण बताए जा रहे हैं. जानकारों की मानें तो क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें (Crude Oil)  शेयर बाजार को नीचे की ओर धकेल सकता है. दूसरा देश के अलग-अलग हिस्सों में कोविड (Covid-19 Cases) के मामले बढ़ते जा रहे हैं, जिसका असर से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है. 

वहीं सबसे अहम 8 जून को आरबीआई अपनी नीतिगत दरों का ऐलान करने जा रही है. जिसमें तय माना जा रहा है कि आरबीआई ब्याज दरों में 0.50 फीसदी से 0.75 फीसदी तक इजाफा कर सकती है. ऐसे में शेयर बाजार में गिरावट आना तय माना जा रहा है. जानकारों की मानें तो निफ्टी में जून के महीने में 3 से 5 फीसदी की गिरावट देखने को मिल सकती है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर जानकारों का इस पूरे मामले में क्या कहना है. 

RBI की बैठक 
शेयर बाजार में आने वाले दिनों में आरबीआई की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक का असर देखने को मिल सकता है. आईआईएफएल के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा कि आरबीआई रेपो दरों में 0.50 फीसदी की वृद्धि देखने को मिल सकती है. जिसके बाद शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है. मई की शुरूआत में आरबीआई ने महंगाई पर रोक लगाने के लिए रेपो दरों में 0.40 फीसदी का इजाफा कर दिया था. उस दिन में शेयर बाजार में 1200 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखने को मिली थी.

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Crude Oil Price में लगातार तेजी 
इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत में अच्छी तेजी आई है. मौजूदा समय में क्रूड ऑयल 120 डॉलर प्रति ओंस पर कारोबार कर रहा है. जिसके आने वाले दिनों में 130 डॉलर प्रति ओंस तक पहुंचने के आसार दिखाई दे रहे हैं. जानकारों की मानें तो जैसे-जैसे क्रूड ऑयल के दाम में इजाफा होगा, वैसे-वैसे देश की इकोनॉमी यानी राजकोषीय घाटे बढ़ेगा. जिसकी वजह से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिलेगी. क्रूड ऑयल की बढ़ती कीमतें शेयर बाजार पर सीधा असर डालती हैं. 

Covid-19 के बढ़ते मामले 
देश की इकोनॉमिक कैपिटल कही जाने वाली मुंबई में कोविड के मामले फिर से बढऩे शुरू हो गए हैं. देश में रविवार के दिन 4500 से ज्यादा कोविड के मामले सामने आए थे. सरकार ने 2 लाख से ज्यादा कोविड टेस्ट भी किए है. कहानी साफ है कि कोविड के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है. जिसमें सबसे ज्यादा मामले महाराष्ट्र और गुजरात में देखने को मिल रहे हैं. जिसका असर शेयर बाजार में देखने को मिल सकता है. जानकारों की मानें तो अगर कोविड के मामले बढ़ते हैं जून के महीने में निवेशकों को और नुकसान हो सकता है. 

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Retail Investors कर सकते हैं 
शेयर बाजार में मौजूदा स्थिति को रिटेल इंवेस्टर्स की ओर से ठीक देखने को मिल रही है. बीते कुछ महीनों में विदेशी निवेशकों के मुकाबले रिटेल निवेशकों ने रुपया डाला है. एलआईसी का आईपीओ इसका ज्वलंत उदाहरण है. ऐसे कुछ और भी आईपीओ हैं, जिनमें रिटेल निवेशकों की मौजूदगी काफी अच्छी देखने को मिली, लेकिन शेयर बाजार में लिस्टिंग के दौरन सभी डिस्काउंट के साथ लिस्ट हुए. इसकमा मतलब है कि रिटेल निवेशकों को फायदा नहीं हुआ है. 

क्या कहते हैं जानकार 
अनुज गुप्ता के अनुसार आईपीओ काफी अच्छे रहे हैं, फिर चाहे वो एलआईसी का हो या फिर डेल्हीवरी का, लेकिन बाजार की ओर से रिएक्शन ठंडा मिलने की वजह से निवेशकों को नुकसान हुआ है. ऐसे में आने वाले दिनों में रिटेल निवेशकों का रुझान कम देखने को मिल सकता है. जिसके असर से शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिल सकती है. उन्होंने आगे कहा कि निफ्टी 16000 या उससे नीचे भी जा सकता है. 

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Stock market investors may suffer losses in June, know these reasons
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Share Market में संभलकर करें निवेश, हो सकता मोटा नुकसान 
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आखिर Share Market निवेशकों को क्यों डरा रहा जून का महीना, ये है सबसे बड़ी वजह