डीएनए हिंदी: रूस-यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) का आज 26वां दिन है. ऐसे में यूक्रेन पर रूसी हमले बढ़ते जा रहे हैं. वहीं रूसी एयर स्ट्राइक की ताजा बमबारी में यूक्रेन के पूर्वी शहर सुमी में अमोनिया प्लांट क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके चलते वहां अमोनिया का रिसाव हो रहा है. सोमवार सुबह जानकारी मिली है कि सुमी क्षेत्र के Sumykhimprom में एक प्लांट में अमोनिया (Ammonia) गैस लीक हुई है. यह गैस रूसी बमबारी की वजह से लीक हुई है. 

रूसी हमले का बुरा असर

गौरतलब है कि रूसी एयर स्ट्राइक में तबाह हुए इस लिस्ट प्लांट से अमोनिया गैस के रिसाव पर प्रशासन ने चिंता व्यक्त की थी और लोगों को तुरंत ही रिसाव की चपेट में आने से बचने के लिए शेल्टर होम्स में जाने की सलाह दी थी. इसके साथ ही लोगों को अंडर ग्राउंड बंकरों में भेजने की बात कही गई थी. आपको बता दें कि सुमीखिमप्रोम संयंत्र सूमी के पूर्वी बाहरी इलाके में स्थित है जिसकी आबादी 2.63 लाख के करीब है. 

आपको बतां दें कि मारियूपोल  दोनों देशों के लिए नाक की लड़ाई बन गया है. रूस की नजर जहां इस पर कब्जाजमाने की है तो दूसरी ओर यूक्रेन यहां अपने  हाथ खड़े नहीं कर रहा है. रूस ने यूक्रेन को मारियूपोल छोड़ने की धमकी दी है लेकिन यूक्रेन इस आत्मसमर्ण के लिए तनिक भी तैयार नहीं है. 

अमोनिया रिसाव से हो सकती है मानवीय त्रासदी

यह माना जा रहा है कि अमोनिया गैस के रिसाव के कारण वहां के स्थानीय लोगों के लिए बड़ी परेशानियां खड़ा हो सकती हैं. इसकी वजह यह है कि अमोनिया गैस के कारण आंखों में जलन की समस्‍या होती है. इसके साथ ही यदि ये सांस के साथ शरीर के अंदर चली जाती है तो इंसान के फैफड़ों को खराब कर देती है और शरीर के दूसरे अंगों पर भी इसका दुष्प्रभाव पड़ता है.

इसके अलावा इस गैस की हवा में मौजूदगी और सांस के साथ अंदर जाने पर खांसी, छाती में तेज दर्द, छाती में जकड़ापन, सांस लेने में दिक्‍कत हो सकती है. ऐसे में यदि रोगी को तुरंत इलाज न दिया जाए तो उसकी सांस न ले पाने की वजह से बेहद दर्दनाक मौत भी हो सकती है. 

कैसे पता लगाएं अमोनिया की मौजूदगी

अमोनिया गैस का पता लगाने के लिटमस पेपर का इस्तेमाल किया जा सकता है.  इसे कुछ देर रखने पर यदि गुलाबी हो जाता है तो यह इस बात का संकेत होता है कि हवा में अमोनिया गैस की प्रचुर मात्रा है जो कि इंसानों के लिए बेहद खतरनाक मानी जाती है. इसके अलावा स्मेल से भी अमोनिया का पता लगाया जा सकता है. हालांकि इसका  प्रभाव इंसानी शरीर के अंगों को तेजी से खराब करता है. 

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रिसाव पर पाया काबू

गौरतलब है कि यदि यह रिसाव तुरंत भी रोक भी दिया गया तब भी इसका प्रभाव  24 घंटे से ज्यादा समय तक रह सकता है. वहीं आपात अधिकारियों ने दावा किया है कि उन्होंने पूर्वी यूक्रेन के सूमी शहर में एक रासायनिक संयंत्र से हुए अमोनिया गैस के रिसाव पर काबू पा लिया है. सुमी के गवर्नर दमित्रो ज्यिवित्स्की ने इस बात की पुष्टि की है. 

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Russia-Ukraine War: Ammonia leaked in Sumi from Russian air strike, can have fatal consequences
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रूस ने सुमी पर किए थे बड़े हमले
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Russia-Ukraine War: Ammonia leaked in Sumi from Russian air strike, can have fatal consequences
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