Republic Day 2025 Parade: आप अपना-अपना धार्मिक त्योहार तो मनाते होंगे, लेकिन देश के भी दो बड़े त्योहार होते हैं. ये राष्ट्रीय त्योहार 26 जनवरी को हर साल मनाया जाने वाला गणतंत्र दिवस (Republic Day 2025) और 15 अगस्त को आने वाला स्वतंत्रता दिवस (Independance Day) है. स्वतंत्रता दिवस जहां अंग्रेजों की गुलामी से 15 अगस्त, 1947 को देश को मिली आजादी की खुशी के तौर पर मनाया जाता है, वहीं गणतंत्र दिवस का आयोजन 26 जनवरी, 1950 को संविधान का शासन लागू करने यानी देश के गणतंत्र घोषित होने के उपलक्ष्य में मनाया जाता है. इन दोनों ही राष्ट्रीय पर्व में क्या बात समान है? दोनों ही मौकों पर दिल्ली में कर्तव्य पथ (पहले राजपथ) पर पर हर साल परेड आयोजित की जाती है, जिसमें देश की सेना की शक्ति, राज्यों की विविध संस्कृति से लेकर देश की तरक्की की झलक दिखाने वाली झांकियों की परेड निकलती है. इस परेड को देखने के लिए दिल्ली में रहने वाले ही नहीं बल्कि दूर-दूर से लोग दिल्ली पहुंचते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस पर होने वाली परेड के भव्य आयोजन पर केंद्र सरकार कितना पैसा खर्च करती है? यदि नहीं सोचा है तो चलिए हम आपको ये बात बताने जा रहे हैं. साथ ही हम आपको ये भी बताएंगे कि परेड पर सरकार खर्च ही नहीं करती है बल्कि इससे उसे कमाई भी होती है.
पहले जान लीजिए इस बार कब होगी परेड
देश के 76वें गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार परेड की शुरुआत सुबह 7.30 बजे शुरू होगी. हर बार की तरह इस बार भी यह परेड राष्ट्रपति भवन के पास रायसीना हिल्स से शुरू होगी. इसके बाद परेड कर्तव्य पथ पर पहुंचेगी. वहां से इंडिया गेट होते हुए लाल किले के मुख्य दरवाजे तक पहुंचकर परेड खत्म हो जाएगी.
कितना खर्च करती है परेड पर सरकार
गणतंत्र दिवस हो या स्वतंत्रता दिवस, दोनों ही मौकों पर परेड भले ही आपको एक ही दिन के लिए देखने को मिलती है, लेकिन इसकी तैयारी कई महीने पहले शुरू हो जाती है. इस तैयारी का मकसद परेड के आयोजन को पूरी तरह परफेक्ट बनाना होता है. इस तैयारी से लेकर परेड के दिन के आयोजन तक, केंद्र सरकार बेहद मोटी रकम खड़ी करती है. द हिंदू की एक रिपोर्ट में इस खर्च की जानकारी दी गई थी. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि साल 2021-22 के लिए डिफेंस डिपार्टमेंट के इवेंट विंग को केंद्र सरकार ने 1 करोड़ 32 लाख 53 हजार रुपये अलॉट किए थे. हालांकि इसमें यह नहीं बताया गया था कि उस वित्त वर्ष में समारोहों के आयोजन पर कितना खर्च हुआ था.
कमाई कैसे करती है इस आयोजन से सरकार
क्या आप लोगों को पता है कि गणतंत्र दिवस या स्वतंत्रता दिवस के आयोजन से सरकार कमाई भी करती है. यह कमाई कितनी होती है और कैसे होती है, चलिए हम आपको बताते हैं. एक आरटीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्रीय रक्षा मंत्रालय परेड देखने के लिए आने वाले दर्शकों को टिकट बेचकर कमाई करता है. यह टिकट ऑनलाइन और ऑफलाइन, दोनों तरीके से बेचा जाता है. आरटीआई में बताया गया था कि केंद्र सरकार को 1999 में टिकट बिक्री से 10 लाख 45 हजार 720 रुपये की कमाई हुई थी, जबकि 2008 में यह कमाई बढ़कर 17 लाख 63 हजार 21 रुपये हो गई थी. द हिंदू की रिपोर्ट में 2018-2020 के बीच केंद्र सरकार को टिकट बिक्री से करीब 34 लाख रुपये की कमाई का दावा किया गया है.
स्वतंत्रता दिवस से पहले शुरू होती है अगले गणतंत्र दिवस की तैयारी
गणतंत्र दिवस हो या स्वतंत्रता दिवस, इनकी परेड व अन्य समारोहों के आयोजन की तैयारी 6 महीने से भी ज्यादा समय पहले शुरू हो जाती है. जनवरी में आने वाले गणतंत्र दिवस की तैयारी पिछले साल के स्वतंत्रता दिवस से पहले जुलाई में ही शुरू हो जाती है. इस दौरान परेड और अन्य आयोजनों में भाग लेने वाले प्रतिभागियों को उनकी भूमिकाएं बताई जाती हैं. इसके बाद परेड आदि की प्रैक्टिस शुरू की जाती है. इसके लिए आयोजन से पहले तक 600 घंटे से ज्यादा की प्रैक्टिस की जाती है.
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गणतंत्र दिवस परेड देखी है? जानिए इस पर सरकार की खर्च और कमाई का आंकड़ा