डीएनए हिंदी: मुझे नफरत फैलाना नहीं आता, मैं प्यार बांटता हूं. इस देश को प्यार की जरूरत है, एक दूसरे के साथ की जरूरत है. धर्म के नाम पर राजनीति करने वालों से बचने की जरूरत है. ये सभी बातें पिछले कुछ महीनों में एक नेता ने पैदल यात्रा कर बार-बार कहीं. देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर कहीं. लेकिन इससे कितना फायदा हुआ, क्या किसी के जीवन में इन बातों का असर पड़ा भी? या फिर बस ये एक छवी चमकाने वाला बड़ा इवेंट था, जिसमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 3500 किलोमीटर का पैदल सफर तय किया. भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी ने खुद का और कांग्रेस पार्टी का कितना भला किया और आगे भी इसी तरह की यात्रा पर करनी चाहिए या नहीं? आइए समझते हैं क्यों 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले राहुल गांधी को अब भारत जोड़ो यात्रा को भूल जाना चाहिए और चुनाव के लिए एक मास्टर प्लान बनाना चाहिए.

क्यों भूल जानी चाहिए भारत जोड़ो यात्रा

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 3500 किलोमीटर की भारत जोड़ो यात्रा पूरी कर ली है और अब वो एक बार फिर से मेनस्ट्रीम पॉलीटिक्स में वापसी कर चुके हैं. लोकसभा में उन्होंने अडानी के मुद्दे पर मोदी सरकार पर खूब शब्दों के बाण चलाए. काफी हद तक सरकार को घेरा भी. लेकिन जब संसद में पीएम मोदी बोलने आए तो एक बार में ही सारा हिसाब बराबर कर गए. राहुल गांधी को अब समझना होगा कि पीएम मोदी से सीधी टक्कर लेनी है तो प्यार, नफरत, पीएम मोदी पर सीधे हमले ये बातें छोड़कर ठोस मुद्दों की बात करनी होगी.

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राहुल गांधी का पॉलीटिकल करियर करीब 20 साल का हो गया है, लेकिन इस 20 साल के पूरे कार्यकाल को देखें तो एक भी ठोस बात नजर नहीं आती. कोई ऐसा मुद्दा नजर नहीं आता, जिसमें वाकई राहुल गांधी ने सरकार को बैकफुट पर ला खड़ा कर दिया हो. इसकी बड़ी वजह है राहुल का मुद्दों से हट जाना और बार-बार सिर्फ और सिर्फ मोदी, मोदी कहना.

2024 के लिए मोदी-मोदी नहीं मुद्दों पर करनी होगी बात

ऐसा नहीं है कि भारत जोड़ो यात्रा से राहुल गांधी को कुछ हासिल नहीं हुआ. हासिल हुआ है, जरूर हुआ है राहुल गांधी की छवी एक सीरियस नेता के रूप में उभरी है. कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश भी फूंका गया है. लेकिन पीएम मोदी और बीजेपी के खिलाफ जंग लड़ने के लिए इतने से काम नहीं चलेगा. राहुल गांधी को उन मुद्दों पर फोकस करना होगा, जो सीधा आम आदमी को हिट करते हैं. 

2019 के लोकसभा चुनाव के बाद तीन मुद्दे ऐसे थे जिनपर जनता का सबसे ज्यादा ध्यान था और उसने सबसे ज्यादा वोट उसी पर किया भी है. CSDS लोकनीति के सर्वे में ये बात दिखाई गई है कि लोगों के लिए क्या अहम है, चुनाव में किसे लेकर वोट करते हैं. सर्वे में सामने आया है कि 11.3 प्रतिशत लोगों ने बेरोजगारी और नौकरियां न होने के मुद्दे पर वोट किया. 4 प्रतिशतक लोगों ने महंगाई पर वोट किया तो 14.3 प्रतिशत लोगों ने विकास को चुनाव का सबसे बड़ा मुद्दा माना. 

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2024 का चुनाव अगर राहुल गांधी, मोदी-मोदी किए बिना आम आदमी के मुद्दों पर लड़ते हैं तो जरूर उन्हें इसका बड़ा फायदा मिल सकता है. साथ ही साथ पार्टी को भी उन्हें संदेश देना होगा कि Don't Focus on Modi, Focus on public issue's. 

विपक्ष का सबसे बड़ा चेहका बने रहने के लिए भी लड़नी है लड़ाई

राहुल गांधी के लिए अब सिर्फ मोदी या बीजेपी से लड़ना ही एकमात्र चैलेंज नहीं रह गया है. उन्हें अब विपक्ष का सबसे बड़ा नेता बने रहने के लिए भी फाइट करनी होगी. अगस्त, 2022 के मूड ऑफ द नेशन सर्वे में 53 प्रतिशत देशवासियों ने कहा था कि वो पीएम मोदी को देश के प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं, जब कि 9 प्रतिशत लोगों ने राहुल गांधी का साथ दिया था और 7 प्रतिशत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का. लेकिन कुछ समय बाद ही राहुल गांधी का ग्राफ नीचे चला गया और केजरीवाल विपक्ष के सबसे काबिल नेता के रूप में सामने आते दिखे. मूड ऑफ द नेशन (इंडिया टुडे सी-वोटर सर्वे) के मुताबिक, जनवरी 2021 में 11 प्रतिशतक लोगों का मानना था कि विपक्ष को राहुल गांधी को लीड करना चाहिए. जब कि 16 प्रतिशत लोगों का साथ केजरीवाल को मिला था और 17 प्रतिशत ममता बनर्जी को. 2022 अगस्त में राहुल को 13 प्रतिशत, ममता बनर्जी 20 प्रतिशत केजरीवाल को 27 प्रतिशत लोगों ने विपक्ष का सबसे बड़ा नेता बताया. ऐसे ही जनवरी 2023 में विपक्ष को लीड करने के लिए सिर्फ 13 प्रतिशत ने राहुल गांधी का हाथ थामा तो 24 प्रतिशत ने केजरीवाल और 20 प्रतिशत ने ममता बनर्जी का.

ये आंकड़े साफ दिखाते हैं कि राहुल गांधी को अब नए प्लान के बारे में सोचना होगा. कांग्रेस के लिए मास्टर प्लान बनाना होगा और वो भी सिर्फ और सिर्फ मुद्दों पर बेस्ड.

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rahul gandhi needs master plan for 2024 election to counter PM Modi bjp have to think beyond bharat jodo yatra
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राहुल गांधी को भूलनी होगी भारत जोड़ो यात्रा, पीएम मोदी से टक्कर लेनी है तो बनाना
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राहुल गांधी को भूलनी होगी भारत जोड़ो यात्रा, पीएम मोदी से टक्कर लेनी है तो बनाना होगा 2024 का Master Plan