डीएनए हिंदी: Prakash Singh Badal Profile- पांच बार पंजाब के मुख्यमंत्री रहे प्रकाश सिंह बादल का मंगलवार रात को निधन हो गया. प्रकाश सिंह बादल के नाम पर एकसमय देश के सबसे कम उम्र और सबसे ज्यादा उम्र वाला मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड दर्ज था. देश की आजादी के साथ शुरू हुए उनका राजनीतिक सफर आखिरी सांस तक जारी रहा. उन्हें पंजाब ही नहीं बल्कि पूरी भारतीय राजनीति में सभी दलों के बीच सम्मानित व्यक्ति के तौर पर जाना जाता था. यह ऐसा रुतबा था, जो उन्हें पंजाब में अशांति फैलने के दौर में करीब डेढ़ दशक तक नजरबंद रखे जाने के दौरान भी खतम नहीं हुआ. उल्टा पंजाब की जनता में उनका समर्थन और ज्यादा बढ़ गया.
पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री और शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल का मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में निधन हो गया। उनके बेटे और पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के PA ने ख़बर की पुष्टि की है। pic.twitter.com/wZCftn9cOT
— ANI_HindiNews (@AHindinews) April 25, 2023
1957 में शुरू हुआ था राजनीतिक सफर
प्रकाश सिंह बादल का जन्म 8 दिसंबर, 1927 को अबुल खुराना नामक गांव में जाट सिक्ख परिवार में हुआ था. यह गांव अब पाकिस्तान में है. उनका विवाह सुरिंदर कौर से हुआ, जिनका देहांत साल 2011 में लंबी बीमारी के बाद हो गया था. बादल के परिवार में बेटा सुखबीर सिंह बदल और बेटी परनीत कौर हैं. लाहौर के क्रिश्चियन कॉलेज में पढ़े प्रकाश ने साल 1947 में देश की आजादी के साथ राजनीति में एंट्री की. हालांकि उन्होंने अपना पहला विधानसभा चुनाव साल 1957 में लड़ा और जीत भी हासिल की.
5 बार सीएम और 10 बार विधायक बने
प्रकाश सिंह बादल 1957 में पहली बार विधायक बनने के बाद 1961 में पहली बार मंत्री बने. अपने राजनीतिक करियर में वे 10 बार विधायक चुने गए. उनका आखिरी चुनाव साल 2022 में रहे, जब वे विधानसभा चुनाव में खड़े हुए थे. पहली बार 1970 में पंजाब के सबसे युवा मुख्यमंत्री बने प्रकाश इसके बाद 1977, 1997, 2007 और 2012 समेत कुल पांच बार पंजाब के CM रहे. इसके अलावा 1972, 1980 और 2002 में वे पंजाब विधानसभा में नेता विपक्ष के तौर पर मौजूद रहे.
एक ही बार पूरा कर पाए सीएम पद पर कार्यकाल
प्रकाश ने करीब 7 दशक तक पंजाब और भारतीय राजनीति पर अहम छाप छोड़ी. हालांकि इस दौरान उन्हें कई बार सिखों के लिए अलग खालिस्तान और कट्टरपंथी जरनैल सिंह भिंडरावाले का समर्थन करने जैसे मुद्दों के लिए विवादों में भी फंसना पड़ा. हालांकि उन्होंने किसी के भी कहने पर अपने विचारों को नहीं बदला. इसी कारण 5 बार सीएम बनने के बावजूद वे महज एक बार 1997 से 2002 तक ही अपना कार्यकाल पूरा कर सके. मुख्यमंत्री रहने के अलावा उन्होंने सामुदायिक विकास, पंचायती राज, पशुपालन, डेरी आदि मंत्रालयों में भी मंत्री के तौर पर काम किया था.
17 साल रहे जेल और नजरबंदी में
प्रकाश सिंह बादल पंजाब, पंजाबियत और पंजाबियों की रक्षा और उनके हितों के लिए आवाज उठाते रहे. इस कारण उन्हें करीब सत्रह साल जेल और नजरबंदी में बिताने पड़े.
सबसे कम उम्र और सबसे उम्रदराज CM बनने का रिकॉर्ड
खास बात यह है कि प्रकाश सिंह बादल 1970 में जब 43 साल की उम्र में पहली बार मुख्यमंत्री बने तो वह देश में उस समय किसी भी राज्य के सबसे कम उम्र मुख्यमंत्री थे. वहीं, साल 2012 में जब वह पांचवीं बार मुख्यमंत्री बने तो उन्होंने देश का सबसे उम्रदराज मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड बनाया था. पिछले साल 2022 में पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने सबसे उम्रदराज कैंडिडेट होने का रिकॉर्ड अपने नाम किया था.
पद्म विभूषण से हो चुके थे सम्मानित
2015 में उन्हें भारत सरकार द्वारा उन्हें दूसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, पद्म विभूषण से सम्मानित किया. 2011 में अकाल तख्त ने उन्हें पंथ रतन फखर-ए-कौम (सचमुच, धर्म का गहना और समुदाय का गौरव) की उपाधि दी थी. बादल को यह उपाधि लंबे समय तक जेल में रहने और विभिन्न अकाली आंदोलनों के दौरान अत्याचारों का सामना करने के लिए दी गई थी.
बेटा संभाल रहा अब राजनीतिक विरासत
प्रकाश साल 1995 से 2008 तक शिरोमणि अकाली दल (SAD) के अध्यक्ष रहे. बाद में उन्होंने यह जिम्मेदारी अपने बेटे सुखबीर सिंह बादल को सौंप दी, जो अब प्रकाश की राजनीतिक विरासत संभाल रहे हैं. सुखबीर शिअद अध्यक्ष होने के साथ ही पंजाब के फाजिल्का निर्वाचन क्षेत्र से विधायक हैं. सुखबीर पंजाब के उप मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं. प्रकाश सिंह बादल की बेटी परनीत कौर का विवाह पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रताप सिंह कैरों के बेटे के साथ हुआ है.
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सबसे कम उम्र और फिर सबसे ज्यादा उम्र वाला सीएम बने, जेल भी गए, जानिए प्रकाश सिंह बादल की पूरी कहानी