डीएनए हिंदी: कार्यकाल पूरा होने से पहले ही मुख्यमंत्री बदल देना, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की परंपरा रही है. उत्तराखंड, त्रिपुरा से लेकर गुजरात तक, यह परंपरा एक जैसी नजर आती है. मध्य प्रदेश ही इकलौता ऐसा राज्य है जहां 20 साल से शिवराज सिंह चौहान, सत्ता में बने हुए हैं. बीजेपी उन्हीं के भरोसे है, पर इस बार के विधानसभा चुनाव में समीकरण अलग बन सकते हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने अपने जिन सांसदों को उतार दिया है, वे सभी मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार हैं. बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से लेकर नरेंद्र तोमर तक, मध्य प्रदेश के सियासी जंग में उतरने वाले ये चेहरे, मुख्यमंत्री से कम सक्रिय राज्य में नजर नहीं आते हैं. ये लोग भी खुद को मुख्यमंत्री पद का प्रबल दावेदार मानते हैं.
क्या बदलने वाली है शिवराज की भूमिका?
बीजेपी भले ही अभी शिवराज भरोसे नजर आ रही हो लेकिन जिन नेताओं को केंद्र से राज्य भेजने की तैयारी है, वे सीएम पद को लेकर अपनी महत्वाकांक्षा जाहिर कर चुके हैं. विधासनभा चुनावों के लिए 39 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट में एक से बढ़कर एक दिग्गजों के नाम हैं. तीन केंद्रीय मंत्री तक चुनाव में उतर गए हैं. सीएम बनने के लिए बेताब नेताओं में कैलाश विजयवर्गीय पहले नंबर पर हैं.
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कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते और प्रह्लाद पटेल जैसे नेताओं की भी महत्वाकांक्षा आए दिन सामने आती है. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या शिवराज सिंह की भूमिका बदली जाएगी और उन्हें केंद्र भेजा जाएगा. केंद्रीय नेताओं को राज्य में भेजने के पीछे यही रणनीति नजर आती है. अब अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी बीजेपी विधानसभा चुनाव में उतार देती है तो समीकरण ऐसे ही बनेंगे, जिसमें यही माना जाएगा कि अब शिवराज सिंह चौहान की भूमिका बदली जा सकती है.
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केंद्रीय मंत्रियों के अलावा, नरोत्तम मिश्रा जिस तरह से अपनी दावेदारी पेश करते हैं, ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री का चेहरा वही हों. हर मुद्दे पर शिवराज से पहले उनके बयान सामने आते हैं. उनकी मुख्यमंत्री बनने की महत्वाकांक्षा जगजाहिर है.
क्या नई भूमिका के लिए तैयार होंगे शिवराज सिंह चौहान?
शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी के दिग्गज नेताओं में शुमार हैं. अगर पार्टी उन्हें टिकट न दे तो भी वह बगावत की भूमिका में नहीं आ पाएंगे. उनके पास अपार जनसमर्थन है, यह सच है. उनके कई विधायक वफादार हैं लेकिन शिवराज खुद कई बार कह चुके हैं कि वह पार्टी के निर्णय का हमेशा सम्मान करते हैं. उनसे जब भी भूमिका बदलने के बारे में सवाल किया गया है, उन्होंने बिना किसी झुंझलाहट के जवाब दिया है.
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एक इंटरव्यू में शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, 'मैं पार्टी में किसी भी योगदान के बारे में खुद फैसला नहीं कर सकता. पार्टी जो भी फैसला करेगी, मैं करूंगा. अगर पार्टी मुझसे पार्टी कार्यक्रमों में कालीन बिछाने को कहेगी तो मैं वह करूंगा. मैं एक अच्छा पार्टी कार्यकर्ता हूं जो अपने बारे में निर्णय नहीं लेता है. यह पार्टी तय करेगा कि कौन सा व्यक्ति किस स्तर पर फायदेमंद है.'
अब तक 78 उम्मीदवारों के जारी हो चुके हैं नाम
बीजेपी ने 17 अगस्त को मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए पहली लिस्ट 17 अगस्त को जारी की थी. इसमें कुल 39 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान हुआ था. बीजेपी अब तक कुल 78 उम्मीदवारों के नाम घोषित कर चुकी है. अब अगली लिस्ट पर लोगों की निगाहें टिकी हैं.
13 सितंबर को भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई थी. जेपी नड्डा की अध्यक्षता में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और कई दिग्गज नेताओं ने दूसरी लिस्ट को हरी झंडी दिखाई. अब बीजेपी की अगली लिस्ट का इंतजार है.
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