डीएनए हिंदी: मणिपुर में एन बीरेन सिंह सरकार को बड़ा झटका लगा है. एनडीए के सहयोगी दल कुकी पीपुल्स एलायंस (KPA) ने सत्तारूढ़ पार्टी के साथ गठबंधन तोड़ दिया है. मणिपुर विधानसभा में KPA के दो विधायक हैं. एन बीरेन सिंह सरकार अब खतरे में पड़ती नजर आ रही है. कुकी पीपुल्स पार्टी के स्थानीय नेताओं ने पहले भी कहा था कि मणिपुर सरकार, कुकी समुदाय के साथ भेदभाव कर रही है. हिंसा में पुलिस प्रशासन से लेकर सरकार तक पर कुकी समुदाय पक्षपाती होने का आरोप लगा चुके हैं.
एन बीरेन सिंह सरकार, विपक्षी दलों के निशाने पर है. मणिपुर से लेकर संसद तक, कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़कों को लेकर हंगामा हो रहा है. बीजेपी सरकार, राज्य में हिंसा रोकने में बुरी तरह असफल नजर आई है. मणिपुर हिंसा में 160 से ज्यादा लोग मारे गए हैं. मैतेई और कुकी समुदायों के बीच शांति वार्ता की कोशिशें नाकाम हो रही हैं.
केपीए ने वापस लिया समर्थन
राज्यपाल अनुसुइया उइके को संबोधित एक पत्र में, केपीए अध्यक्ष टोंगमांग हाओकिप ने लिखा है कि उनकी पार्टी, सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी को दिया गया समर्थन वापस ले रही है. पार्टी एन बीरेन सिंह सरकार के रवैया से खुश नहीं हैं. उन्होंने कहा है कि अब हमारा समर्थन, बीजेपी के लिए शून्य है.
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विधानसभा में कितनी मजबूत है KPA?
60 सदस्यीय सदन में, केपीए के दो विधायक हैं. सैकुल से किम्नेओ हाओकिप हैंगशिंग और सिंघाट से चिनलुनथांग. मणिपुर विधानसभा में BJP के 32 सदस्य हैं, जबकि 5 एनपीएफ विधायकों और 3 निर्दलीय विधायकों का समर्थन भी मिला है. विपक्षी विधायकों में एनपीपी के 7, कांग्रेस के 5 और JDU के 6 विधायक शामिल हैं.
क्यों सुलग रहा है मणिपुर?
अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' के आयोजन के बाद 3 मई को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क गई. हिंसा में 160 से ज्यादा लोग अब तक मारे जा चुके हैं. सैकड़ों लोग घायल हुए हैं. राज्य में मैतेई समुदाय 53 फीसदी है, वहीं कुकी समुदाय की आबादी 40 फीसदी है. कुकी पहाड़ी क्षेत्र में बहुसंख्यक हैं, वहीं मैतेई का मैदानी इलाकों में कब्जा है.
कितने लोग हुए हैं गिरफ्तार?
मणिपुर हिंसा में अब तक 300 लोग गिरफ्तार हुए हैं. थानों में कई जीरो FIR दर्ज कराई गई है. महिलाओं के साथ राज्य में जमकर हिंसा हुई है. हाल ही में बिष्णुपुर जिले में इंडिया रिजर्व बटालियन के हेडक्वार्टर से हथियार लूटने की खबरें सामने आई थीं.
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गृह मंत्रालय ने मणिपुर में सीएपीएफ की 10 अतिरिक्त कंपनियां तैनात कीं
मणिपुर में तीन महीने से अधिक समय से जारी जातीय हिंसा के बीच गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल की 10 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की हैं. सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी और एसएसबी की 10 कंपनियां शनिवार रात यहां पहुंचीं थीं. अब उन्हें कई जिलों में तैनात किया जाएगा.
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मणिपुर में बीरेन सरकार को झटका, KPA ने छोड़ा साथ, क्या होगा असर?