PM Narendra Modi in Varanasi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शुक्रवार को वाराणसी (Varanasi) दौरे पर हैं. अपने संसदीय क्षेत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संत रविदास (Sant Ravidas) की 25 फुट की एक प्रतिमा का अनावरण करने वाले हैं.
रविदास जयंती से पहले मूर्ति उद्घाटन को लेकर बड़े स्तर पर तैयारियां की जा रही थीं. संत रविदास को ज्यादातर लोग संत रैदास के नाम से जानते हैं. वैसे तो हिंदू धर्म के हर तबके में उनकी सामाजिक स्वीकृति महान संत के तौर पर है लेकिन दलित समुदाय उन्हें अपना प्रतीक पुरुष मानता है.
दलित और बहुजन समाज के राजनीतिक दल उन पर अपना एकाधिकार भी समझते रहे हैं. पंजाब और हरियाणा के दलित सिख, संत रैदास को बहुत सम्मान से देखते हैं. संत रविदास की शिक्षाएं हर वर्ग के लिए थीं. उन्होंने अपने सूक्ष्म संदेशों से बड़े सिद्धांतों की नींव रखी थी.
इसे भी पढ़ें- Surrogacy Rules: सरकार ने बदला सरोगेसी का ये कानून, लाखों पेरेंट्स के लिए गुड न्यूज, जानिए क्यों
संत रैदास यूपी, बिहार से लेकर हरियाणा और पंजाब के सिख समुदाय तक, बेहद श्रद्धा की नजर से देखे जाते हैं. पीएम मोदी के अनावरण कार्यक्रम को लेकर कहा जा रहा है कि इससे उनसे वह वर्ग खुश हो सकता है.
कैसे सधेंगे सियासी समीकरण
शंभु बॉर्डर पर किसान बैठे हैं. पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली चलो अभियान में हिस्सा ले रहे हैं. इन किसानों में बहुसंख्यक किसान सिख समुदाय से हैं. पीएम मोदी के इस कार्यक्रम से दलित समीकरण भी साधने की कोशिश हो रही है.
यह राजनीति से लेकर भक्ति तक को साधने की कोशिश है. चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि पीएम के इस कार्यक्रम से कई राजनीतिक समीकरण सधने वाले हैं. पीएम मोदी अपने चुनावी सभाओं में अक्सर संत रविदास का जिक्र करते रहे हैं. वे भारत की सामाजिक संस्कृति को सुधारने वाले धर्म गुरुओं में गिने जाते हैं.
संत रैदास को चुनाव में नहीं भूलती BJP
लोकसभा चुनाव 2024 की नजर से अब हर दिन बेहद अहम है. पीएम नरेंद्र मोदी रविदास मंदिर जाते रहे हैं. दलित और अल्पसंख्यक समुदाय को भारतीय जनता पार्टी (BJP) जोड़ने की कोशिश अरसे से कर रही है.
पीएम मोदी वाराणसी में हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की शुरुआत और उद्घाटन करने वाले हैं. इसकी वजह से इस क्षेत्र में विकास की रफ्तार भी तेज हो जाएगी.
मूर्ति के लोकार्पण से क्या जाएगा संदेश
संत रविदास की प्रतिमा का अनावरण और कई विकास परियोजनाओं के उद्घाटन के जरिए प्रधान मंत्री मोदी अपने उद्देश्यों को लेकर बेहद स्पष्ट हैं. वे वाराणसी के अलग-अलग समुदायों को सामाजिक और आर्थिक प्रतिबद्धता का एक स्पष्ट संदेश भेज रहे हैं.
इसे भी पढ़ें- Farmers Protest: किसान आंदोलन में उपद्रवियों की खैर नहीं, लगेगा NSA, कुर्क होगी संपत्ति, पुलिस ने बनाया प्लान
चुनावी आचार संहिता लागू होने से पहले उठाया गया यह रणनीतिक कदम, समावेशिता और विकास की छवि को बढ़ावा देने, कई सामाजिक स्तरों पर मोदी की अपील को मजबूत करने के लिए बनाया गया है.
क्यों राजनीति में भी अहम है संत रविदास का जीवन
संत रविदास की शिक्षाएं दुनिया को सुधार रही हैं. उन्होंने ही मन चंगा तो कठौती में गंगा जैसे सामाजिक सूत्रों का सूत्रपात किया था. अलग-अलग दलों के नेताओं ने संत रैदास को मानने वाले प्रभावशाली समुदाय से जुड़ने की कोशिश की है.
Prime Minister Narendra Modi unveiled a statue of Sant Ravidas at Varanasi today. Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath was also with him. pic.twitter.com/ev9pBCwtns
— ANI (@ANI) February 23, 2024
चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि संत रविदास से जुड़ी प्रतिमा के अनावरण से प्रदानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक पहुंच को सांस्कृतिक और आध्यात्मिक रंग मिलेगा. सामाजिक न्याय और प्रगति के दृष्टिकोण से संत रैदास समाज के लिए बेहद जरूरी हैं. उन्हें मानने वाले समुदायों को रिझाने की कोशिश हर तबके की ओर से की जाती है.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
वाराणसी के दलित समीकरण को कैसे सुलझा रहे पीएम मोदी? समझिए गणित