डीएनए हिंदी: इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्ल्युसिव एलायंस (INDIA) की तीसरी और अहम बैठक, मुंबई में होने वाली है. 31 से लेकर 1 सितंबर तक होने वाली इस अहम बैठक में पॉलिटिकल अवेयरनेस पर भी चर्चा की जाएगी. विपक्षी दल, लोकसभा चुनाव 2024 के लिए अपना चुनावी एजेंडा तय करने वाले हैं. सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस समेत प्रमुख विपक्षी दल, सीट शेयरिंग पर भी चर्चा कर सकते हैं.
s
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (M-L) लिबरेशन के नेता दीपांकर भट्टाचार्य ने कहा है कि मिशन 2024 के लिए इस बैठक में एकता का मंत्र दिया जाएगा. हम यह समझाने की कोशिश करेंगे कि कैसे विपक्षी गुट का गठबंधन संविधान रक्षा के लिए बीजेपी के नेृत्व वाले NDA गठबंधन के खिलाफ कैंपेन तैयार करे.
ऐसा नहीं है कि विपक्षी गठबंधन के लिए यह मंथन सिर्फ लेफ्ट की ओर से हो रहा है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने दो दिवसीय दिल्ली दौरे के दौरान मुंबई बैठक के एजेंडे पर भारत के नेताओं के साथ चर्चा की. अभी तक आधिकारिक तौर पर इंडिया बैठक का मसौदा सामने नहीं आया है.
JDU-RJD बना रहे कांग्रेस पर दबाव
गुरुवार को पटना लौटे नीतीश कुमार ने कहा कि वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्य तिथि और चेक-अप के लिए दिल्ली गए थे. उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा विपक्षी गठबंधन इंडिया के साथ चर्चा के लिए नहीं थी. उन्होंने कहा कि हम कांग्रेस और अन्य नेताओं से बात करते रहते हैं. हमारी टेलीफोन पर बात होती है.
क्या होगा चुनावी बैठक का अहम एजेंडा?
मुंबई में विपक्षी गठबंधन INDIA का मुख्य एजेंडा सीट शेयरिंग पर चर्चा है. कांग्रेस के ही कुछ नेताओं का दावा है कि सियासी दल राज्यवार सीट बंटवारे पर चर्चा करेंगे. ज्यादा से ज्यादा सीटों पर एनडीए उम्मीदवारों के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारे जाएंगे. विपक्ष का कहना है कि इससे एनडीए गठबंधन कमजोर पड़ेगा.
क्या सीट बंटवारे पर बन सकेगी सहमति?
कांग्रेस कुछ नेताओं का मानना है कि राज्यों में सीट बंटावारे को लेकर सहयोगी दलों के बीच अनबन पैदा होगी. बैठक में इस बात पर जोर दिया जाएगा कि जिस पार्टी के उम्मीदवार के जीतने की ज्यादा संभावना हो, उसे ही टिकट मिले. जैसे केरल में वामपंथी और कांग्रेस प्रमुख हैं जबकि बीजेपी तीसरे स्थान पर है. केरल में सीट बंटवारे के मुद्दों पर विचार किया जा रहा है. कांग्रेस नेताओं को उम्मीद है कि पार्टी और वामपंथी दोनों दल, अपने मतभेद दूर कर लेंगे.
'बड़ी मुश्किल है इस राह में'
बिहार में, राष्ट्रीय जनता दल और जनता दल (यूनाइटेड) करीब 15 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहती है. कांग्रेस और वाम दलों के लिए 10 सीटें छोड़ी जा रही हैं. कांग्रेस 8-10 सीटें चाहती है. ऐसी स्थिति में जाहिर तौर पर JDU-RJD से कांग्रेस के रिश्ते तल्ख हो सकते हैं.
दीपांकर भट्टाचार्य का कहना है कि उनकी पार्टी चार सीटें चाहती है लेकिन इस पर फैसला सामूहिक रूप से लिया जाएगा. उनका कहना है कि सीट-बंटवारे की व्यवस्था कमोबेश राज्य पर निर्भर है, जिसमें बीजेपी और एनडीए के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा करने पर जोर दिया जाएगा. सियासी गलियारों में ऐसी चर्चा है कि सीट शेयरिंग पर राज्यव्यापी आम सहमति बन पाए, इसके आसार कम नजर आ रहे हैं.
- Log in to post comments
'आसान नहीं है INDIA की उड़ान, मुश्किल राह पर विपक्षी गठबंधन'