डीएनए हिंदी: जम्मू-कश्मीर से आने वाले तेज गेंदबाज उमरान मलिक ने 150 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से गेंद फेंककर आईपीएल में सनसनी मचा दी है. सनराइजर्स हैदराबाद की ओर से खेल रहे उमरान ने इस सीजन की सबसे तेज गेंद (154 kmph) भी फेंकी है. वो भी एक बार नहीं, बल्कि दो-दो बार. अपने क्लीन ऐक्शन की वजह से उमरान लगातार 150 की रफ्तार के आसपास गेंदबाजी कर रहे हैं. आइए हम विस्तार से समझते हैं कि कैसे कुछ गेंदबाज आसानी से 150 की रफ्तार से बॉलिंग करते हैं और कुछ गेंदबाज लाख कोशिश के बावजूद अपनी रफ्तार नहीं बढ़ा पाते...
एक समय था जब वेस्टइंडीज के लंबे-चौड़े कद वाले गेंदबाज ही अच्छी रफ्तार से बॉलिंग करते थे. बाकी देशों के तेज गेंदबाज इनके आगे स्पिनर जैसे नजर आते थे. फिर इन बीच की रफ्तार वाले गेंदबाजों को मीडियम पेसर कहा जाने लगा. हालांकि, बाद में दुबले-पतले गेंदबाज भी आए जिन्होंने अपनी रफ्तार से सबको चौंकाया. ऑस्ट्रेलिया के ब्रेट ली, दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन और इंग्लैंड के जोफ्रा आर्चर जैसे गेंदबाजों ने यह साबित किया कि गेंदबाजी की रफ्तार के लिए सिर्फ मजबूत कद-काठी ही जरूरी नहीं है.
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अब भारत के उमरान मलिक ने भी इस धारणा का मजबूत किया है कि सही टेक्नीक का इस्तेमाल करके गेंदबाजी की रफ्तार अच्छी खासी रखी जा सकती है. 22 साल के उमरान मलिक आराम से 145 से 150 के बीच गेंदें फेंकते हैं. जैसे-जैसे उनकी लाइन-लेंथ सटीक होती जा रही है, वैसे-वैसे उनकी स्पीड और घातक होती जा रही है. उमरान मलिक ने अपनी घातक गेंदबाजी के दम पर आईपीएल के इस सीजन में 3 मई तक 9 मैच खेले हैं और कुल 15 विकेट लिए हैं.
उमरान मलिक कुछ साल पहले तक टेनिस बॉल क्रिकेट ही खेलते थे. उनकी टीम के कोच हेमंग बदानी बताते हैं कि उमरान नैचुरल हैं. उमरान मलिक के बारे में एक चीज यह भी है कि उन्होंने कोई खास ट्रेनिंग नहीं मिली है. न ही वह किसी बड़ी क्रिकेट एकेडमी के प्रोडक्ट हैं. ऐसे में यह साफ है कि उनका ऐक्शन और उनकी रफ्तार पूरी तरह से नैचुरल है.
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क्या हल्के और पतले हाथ हैं तेज गेंदबाजी का राज?
कई लोगों का मानना है कि हल्के और पतले हाथों की बजाय मजबूत हाथ तेज गेंदबाजी के लिए जरूरी हैं. इसका सबसे बड़ा उदाहरण पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर रहे हैं. मजबूत डील-डौल वाले शोएब अख्तर 150 की स्पीड से गेंद फेंकते थे. उस समय लोगों को लगता था कि तेज गेंदबाजी के लिए पहलवानों जैसा शरीर होना जरूरी है. हालांकि, ज्यादातर कोच नए लड़कों को जिम में ज्यादा समय बिताने से रोकते हैं. उनका मानना है कि मांसपेशियों में कोई गड़बड़ी आ गई, तो तेज गेंदबाजी करना मुश्किल हो जाएगा.
अब तक क्रिकेट के इतिहास की सबसे तेज गेंद (160 kmph) फेंकने का रेकॉर्ड ऑस्ट्रेलिया के जेफ थॉमसन के नाम पर है. कहा जाता है कि वह अपनी फ्लेक्सिबिलिटी के चलते ही इतनी अच्छी रफ्तार से गेंदबाजी करते थे. उनके हाथ और उनके शरीर को देखकर समझ आता है कि उनकी रफ्तार का राज उनके हाथ में ही छिपा है.
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पैदाइशी होती है तेज गेंदबाजी की खासियत?
कुछ लोगों को लगता है कि कुछ गेंदबाज नैचुरली ही अच्छी रफ्तार से गेंदबाजी करते हैं, लेकिन महान तेज गेंदबाज इसे नहीं मानते. उनका कहना है कि किसी भी दूसरे खेल की ही तरह तेज गेंदबाजी भी कड़ी मेहनत, अच्छी ट्रेनिंग और सही तकनीक का खेल है. कई चीजें आप सीखते हैं, लेकिन कलाइयों की पोजिशन पैदाइशी होती है. गेंद पर अच्छी ग्रिप होने से रफ्तार में अंतर अपने-आप आ जाता है.
इस बारे में महान तेज गेंदबाज ब्रेट ली कहते हैं कि या तो आपकी कलाइयां और हाथ अच्छे होते हैं या नहीं होते. इसे इतनी आसानी से सीखा नहीं जा सकता है. कई गेंदबाज अपनी कलाइयों को इस्तेमाल नहीं कर पाते. वे अपनी कोहनी से ताकत जनरेट करते हैं. ज्यादातर कोच कलाइयों का इस्तेमाल या उसे मजबूत करने का तरीका नहीं सिखाते.
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लंबे रन-अप से बनती है रफ्तार?
शोएब अख्तर और ब्रेट ली जैसे गेंदबाजों का रन-अप बहुत लंबा होता था. उमरान मलिक भी लंबा रन-अप लेते हैं, लेकिन शोएब या ब्रेट ली जितना लंबा नहीं. वेस्टइंडीज के पूर्व तेज गेंदबाज भी छोटे रन-अप में ही पहले धीरे-धीरे फिर आखिरी में तेज भागते थे. कहा जाता है कि छोटे रन-अप में आपकी ताकत बची रहती है और इसका इस्तेमाल गेंद की स्पीड बढ़ाने में किया जा सकता है. भारत के जसप्रीत बुमराह बहुत छोटे रन-अप से दौड़ते हैं, लेकिन वह भी 145 से 150 तक की रफ्तार से गेंदबाजी कर सकते हैं.
एक्सपर्ट कहते हैं कि फर्क सिर्फ इससे पड़ता है कि बॉलिंग क्रीज पर पहुंचने के बाद आपकी रफ्तार क्या होती है. जसप्रीत बुमराह यही करते हैं. छोटे रन-अप के बावजूद क्रीज पर पहुंचने की बाद उनकी रफ्तार बाकी के तेज गेंदबाजों की जितनी हो जाती है. यही वजह है कि जसप्रीत बुमराह हमेशा अच्छी रफ्तार से बॉलिंग करते हैं.
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आसान ऐक्शन से भी संभव है अच्छी रफ्तार
जोफ्रा आर्चर और ब्रेट ली जैसे गेंदबाज बेहद साफ-सुथरा और आसान ऐक्शन से गेंद फेंकते हैं. इस तरह के गेंदबाज अपने पूरे शरीर से एनर्जी जनरेट करते हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि गेंद फेंकने के समय आप जितनी एनर्जी जनरेट कर सकते हैं, वही सबसे अहम है.
साइंस समझकर ही हो सकती है तेज गेंदबाजी?
वैसे तो गेंदबाजी करने और अच्छी रफ्तार बनाने के लिए इतना गुणा-गणित समझने की जरूरत नहीं होती. अगर ऐसा होता तो छोटे शहरों से आने वाले बच्चे इतनी अच्छी और तेज गेंदबाजी नहीं कर पाते. ज़रूरी सिर्फ इतना है कि आप पूरे दम से गेंदबाजी करें और अपने शरीर की ऊर्जा को सही दिशा में लगाएं. हां, इतना ज़रूर है कि आप थोड़ी बारीकियों को समझकर अपनी रफ्तार को और बढ़ा सकते हैं.
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150 KMPH की स्पीड से गेंद कैसे फेंक लेते हैं तेज गेंदबाज, जानिए क्या है इसके पीछे का साइंस