डीएनए हिंदी: भले ही सरकार और ट्रांसपोर्टर्स के बीच सुलह हो गई हो लेकिन फिलिंग स्टेशनों पर पेट्रोल-डीजल के लिए ऐसी मारा-मारी दिखी कि लोगों को नोटबंदी याद आ गई. जैसे एटीएम के बाहर सैकड़ों लोगों की लंबी कतारें लगी रही थीं, कुछ वैसा ही नजारा मंगलवार शाम से फिलिंग स्टेशनों पर नजर आया. यह अफवाह फैली कि ट्रक ड्राइवर हड़ताल पर हैं, पेट्रोल-डीजल खत्म होने वाला है, इस वजह से लोग आनन-फानन में ईंधन भरवाने फिलिंग स्टेशन पहुंचने लगे. लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, गोरखपुर, बलरामपुर और सिद्धार्थनगर जैसे यूपी के शहरों में भी ऐसा ही नजारा दिखा.
पेट्रोल पंपों के बाहर लगी लंबी कतारों को देखकर लोगों को नोटबंदी याद आ गई. कुछ लोगों ने कहा कि क्या अब पेट्रोलबंदी होने वाली है. मंगलवार देर रात ट्रक चालकों की हड़ताल समाप्त हो गई, जिससे उत्तर प्रदेश के प्रभावित शहरों ने सामूहिक रूप से राहत की सांस ली.
क्यों पेट्रोल पंपों पर लगी भीड़?
राज्य के लगभग सभी फिलिंग स्टेशन पर लोग पेट्रोल-डीजल खरीदने के लिए बेताब दिखे. सिर्फ पेट्रोल-डीजल ही नहीं लोग सब्जियों को खरीदने के लिए भी बेताब नजर आए. ट्रांसपोर्टर्स ने हिट-एंड-रन मामलों के लिए भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों का विरोध किया था.
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यूपी के ज्यादातर शहरों में ऐसा ही हाल नजर आया. वह लखनऊ, कानपुर और वाराणसी जैसे शहर हों या उन्नाव और हरदोई जैसे शहर हर जगह एक जैसा ही नजारा दिखा. पेट्रोल-डीजल भरवाने के लिए लोगों ने मजा लगा दिया.
दोपहर तक, ज्यादातर फिलिंग स्टेशनों पर फुल-टैंक भरवाने वाले लोगों की लंबी कतारें दिखीं. कई जगहों पर सड़कों पर बवाल हुआ, भीड़ सड़कों पर नजर आई, जिसकी वजह से पेट्रोल पंप पर ही जाम लग गया.
लखनऊ पेट्रोल डीजल डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष और यूपी पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष दया शंकर सिंह ने कहा, 'हर कोई चाह रहा था कि टंकी फुल करा ले. रिजर्व स्टॉक में कमी आ रही है. मंगलवार रात या बुधवार दोपहर तक सभी पेट्रोल पंप से स्टॉक खत्म हो जाएगा.'
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राज्य स्तरीय एसोसिएशन के कार्यकारी अध्यक्ष अश्वनी अत्रिश ने कहा, 'लखनऊ, कानपुर और वाराणसी में 80 फीसदी पेट्रोल पंप पहले ही बंद हो चुके हैं. हमें उम्मीद है कि कल शाम तक आपूर्ति सामान्य हो जायेगी. राज्य में 10,000 से अधिक और राज्य की राजधानी में लगभग 200 पेट्रोल पंप हैं. अगर इन्हें नियमित रूप से नहीं भरा गया तो वहां लंबी कतारें लगेंगी.' कई फिलिंग स्टेशनों पर झड़पों को रोकने के लिए पुलिस तैनात की गई थी.
क्यों पेट्रोल पंप पर उमड़े लोग?
ट्रक चालक भारतीय दंड संहिता की जगह लेने वाले भारतीय न्याय संहिता के कुछ प्रावधानों का विरोध कर रहे हैं. इसमें एक कानून है जिसमें प्रस्तावित है कि हिट-एंड-रन मामले में ड्राइवर को 10 साल तक की कैद का सामना करना पड़ सकता है. इसी वजह से ट्रांसपोर्टर्स हड़ताल पर बैठ गए.
सब्जियों के लिए भी बवाल
जो शहर सब्जी आपूर्ति के लिए ट्रांसपोर्ट पर निर्भर हैं वहां भी अलग ही नजारा दिखा. लोग सब्जी खरीदने के लिए उमड़ पड़े. ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल का असर उन पर भी साफ नजर आया.लखनऊ और राज्य के कुछ अन्य स्थानों के बाजारों में भी सब्जियों और फलों की कीमतों में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
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इन जगहों पर हुआ बवाल
ट्रक चालकों का विरोध प्रदर्शन उस वक्त हिंसक हो गया, जब प्रदर्शनकारियों ने दोपहर में मैनपुरी जिले के करहल पुलिस स्टेशन की सीमा के भीतर आगरा लखनऊ एक्सप्रेसवे पर पथराव किया. पुलिस ने अनियंत्रित समूह को तितर-बितर करने के लिए बल प्रयोग किया और 302 किलोमीटर लंबे मार्ग पर यातायात बहाल कर दिया.
कानपुर में दूध की किल्लत
कानपुर में, हड़ताली ट्रक ड्राइवरों ने आक्रामक रुख अपनाया. उन्होंने हर तरह की कॉमर्शियल गाड़ियों के चलने पर रोक लगा दी. कई किलोमीटर तक लोगों को पैदल चलना पड़ा. कई शहरों में दूध की भी किल्लत देखी गई.
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पेट्रोलबंदी से डरे लोग, फिलिंग स्टेशन पर उमड़ी भीड़, क्यों मचा ऐसा बवाल