डीएनए एक्सप्लेनर: जम्मू-कश्मीर में सीटों के परिसीमन को लेकर राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. नए प्रस्ताव के तहत जम्मू क्षेत्र में 6 नई सीटें जोड़ी गई हैं. कश्मीर के लिए 1 नई सीट बनी है. इसके बाद से ही विपक्षी पार्टियों का विरोध शुरू हो गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी के साथ कांग्रेस भी इसे राज्य की विधानसभा पर हमला बता रही है. विपक्षी पार्टियों का कहना है कि इन प्रस्तावों को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता. कांग्रेस, National Conference और PDP के लिए इस प्रस्ताव के विरोध की बहुत बारीक वजहें हैं. 

प्रस्ताव में ये हैं खास बातें
सोमवार को परिसीमन आयोग की बैठक हुई थी. इस आयोग के अध्यक्ष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज हैं. सदस्यों में 3 सांसद कश्मीर और 2 जम्मू से हैं. प्रस्ताव में जम्मू क्षेत्र में 6 सीटें और कश्मीर में 1 सीट जोड़ी गई है. इसके अलावा, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए 16 सीटें आरक्षित करने का भी प्रस्ताव है. इस प्रस्ताव के बाद 83 सीटों वाली जम्मू-कश्मीर विधानसभा में जम्मू क्षेत्र की सीटें 37 से बढ़कर 43 हो गई हैं. कश्मीर घाटी की सीटें 46 से बढ़कर 47 हो जाएंगी.

पढ़ें: Jammu Kashmir: परिसीमन आयोग ने जम्मू के लिए 6 और कश्मीर के लिए 1 सीट का प्रस्ताव रखा

पहले लद्दाख की 4 सीटें भी थीं शामिल 
इस प्रस्ताव से पहले तक प्रदेश की 87 सीटों में से 4 सीटें लद्दाख क्षेत्र की भी थीं. अगस्त 2019 के पुनर्गठन विधेयक के बाद लद्दाख को अलग क्षेत्र बना दिया गया है. 

जम्मू क्षेत्र में ज्यादा सीटें बढ़ने को लेकर विवाद
जम्मू क्षेत्र में 6 विधानसभा सीटें बढ़ने को लेकर सभी विपक्षी दलों को आपत्ति है. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि जम्मू में सीटें बढ़ने का राजनीतिक फायदा बीजेपी को ज्यादा हो सकता है. जम्मू की ज्यादा आबादी हिंदू बहुल है और पिछले चुनावों में भी बीजेपी का प्रदर्शन जम्मू में ही बेहतर रहा था.

फारूक और उमर अब्दुल्ला ने जताई आपत्ति 
इस प्रस्ताव के बाद से राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है. नेशनल कॉन्फ्रेंस लीडर और सांसद फारूक अब्दुल्ला ने इसे प्रदेश के साथ मजाक बताया है. उनके बेटे और प्रदेश के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा कि सिफारिशों से वह संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने Twitter पर लिखा कि ये सिफारिशें स्वीकार नहीं की जा सकतीं और प्रदेश के लिए यह बहुत निराशाजनक है.

महबूबा मुफ्ती और PDP की सख्त प्रतिक्रिया 
परिसीमन की बैठक में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने हिस्सा नहीं लिया. उन्होंने इस सिफारिशों को कश्मीर की जनता के साथ धोखा बताया. उन्होंने कहा कि इन सिफारिशों को लागू करने का मतलब लोगों को लोगों के खिलाफ भड़काना है. पीडीपी नेता सज्जाद लोन ने इसे बीजेपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस की मिली-भगत करार दिया. 

कांग्रेस ने भी जतााय विरोध 
इस ड्राफ्ट का विरोध कांग्रेस भी कर रही है. कांग्रेस ने बैठक में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का मुद्दा उठाया. साथ ही, प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह राजनीतिक प्रपंच के लिए उठाया गया कदम है.

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Delimitation Commission proposal for jammu kashmir NC PDP JKAP express disappointment KNOW THE DEtails
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जम्मू-कश्मीर के लिए Delimitation Commission की सिफारिशें NC, PDP को नहीं मंजूर
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परिसीमन की सिफारिशों पर भड़के उमर, महबूबा
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परिसीमन की सिफारिशों पर भड़के उमर, महबूबा

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