डीएनए हिंदी: देश के कई राज्यों में बाढ़ और बारिश की वजह से आंखों की एक बीमारी तेजी से फैल रही है. कंजंक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या अचानकर बढ़ने लगी है. इसे आई फ्लू या पिंक आई के नाम से भी जाना जाता है. स्कूली बच्चों में इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. कई स्कूलों ने इसके प्रसार से बचने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं. दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात और पूर्वोत्तर में यह बीमारी तेजी से फैल रही है. इन राज्यों में हो रही झमाझम बारिश, अब मुसीबत बन रही है.
आई फ्लू की वजह से अरुणाचल प्रदेश में कई स्कूलों को बंद कर दिया गया है. वहीं कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्तर पर छात्रों को बार-बार हाथ धोने, आंखों को छूने से बचने, हाथ के तौलिया ने शेयर करने की सालह दी जा रही है. लोगों से सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने की बात कही जा रही है.
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आजकल किस तरह का कंजंक्टिवाइटिस फैल रहा है?
आई फ्लू कई तरह का होता है. बैक्टीरिया, वायरस या एलर्जी के कारण हो सकता है. आजकल फैल रहा संक्रमण वायरल संक्रमण है जो तेजी से फैल रहा है. इससे संक्रमित मरीजों की आंखें लाल हो जाती हैं, खुजली होने लगती है और आंखों में चिपचिपापन फैलता है. कुछ मरीजों की आंखों फूल जाती हैं. आंखों से पीले रंग का कीचड़ भी नकिलता है. वायरल संक्रमण के मामले में दवा या आईड्रॉप से तुरंत राहत नहीं मिलती है, लेकिन लक्षण कम होने में 1-2 सप्ताह लग जाते हैं.
बच्चों को कंजंक्टिवाइटिस का खतरा क्यों अधिक होता है?
बच्चों में आई फ्लू होने की आशंका सबसे ज्यादा होती है. बच्चे शारीरिक तौर पर ज्यादा सक्रिय होते हैं और मिलनसार होते हैं. स्कूलों में भी पास-पास बैठते हैं. उनके हाथ भी बार-बार गंदे होते हैं. आंखों को रगड़ने और छूने की आदत की वजह से वे ज्यादा इससे प्रभावित होते हैं. आयशा हेल्थ क्लीनिक के चीफ डॉक्टर और चाइल्ड एक्सपर्ट शाहिद अख्तर कहते हैं कुछ सावधानियां, आपके बच्चों को संक्रमित होने से बचा सकती हैं.
बच्चों का आईफ्लू से कैसे करें बचाव?
1. छोटे बच्चों से कहें कि अपने हाथ साफ रखें. दूषित हाथों से फ्लू ज्यादा फैलता है.
2. बच्चे अक्सर वयस्कों की तुलना में अपनी आंखों को ज्यादा छूते हैं. उन्हें ऐसा करने से रोकें.
3. छींकते या खांसते वक्त, हमेशा मुंह को ढककर रखें.
4. अपने चश्मे, कॉन्टैक्ट लेंस को हमेशा साफ रखें.
5. जिन लोगों में फ्लू के लक्षण हों, उनसे दूरी बनाकर रखें.
6. अगर आपके बच्चे में आई फ्लू के कोई लक्षण दिखाई देते हैं तो फ्लू को रोकने के लिए डॉक्टर की सलाह लें.
(Disclaimer: हमारा लेख केवल जानकारी प्रदान करने के लिए है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.)
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स्कूलों में बढ़ रहे Eye flu के केस, बच्चों का कैसे करें बचाव?