भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपनी पार्टी के संविधान में संशोधन किया है. नए संशोधनों की वजह से राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड की ताकत और बढ़ गई है.
BJP राष्ट्रीय महासचिव सुनील बंसल (Sunil Bansal) ने राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक के दूसरे और अंतिम दिन पार्टी संविधान के कुछ प्रावधानों में संशोधन का प्रस्ताव पेश किया, जिसे सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया गया.
BJP ने पार्टी संविधान में संशोधन करते हुए अब पार्टी के फैसले लेने वाली सर्वोच्च इकाई संसदीय बोर्ड को आपात स्थिति में पार्टी अध्यक्ष से संबंधित फैसला लेने की शक्ति दे दी है.
संशोधन के मुताबिक, अब पार्टी का संसदीय बोर्ड परिस्थिति के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष के कार्यकाल को बढ़ाने या घटाने का फैसला कर सकता है.
इसे भी पढ़ें- Farmers protest Live: 21 मार्च को Delhi कूच करेंगे किसान, अगर केंद्र से नहीं बनी सहमति, 2 दिन करेंगे मंथन
ये होगा नया नियम
- अब संसदीय बोर्ड में कोई भी नया सदस्य बनाने या हटाने का अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का होगा.
- अध्यक्ष के फैसलों को बाद में मंजूरी के लिए संसदीय बोर्ड की बैठक में रखा जाएगा.
- बीजेपी का संविधान संशोधन कर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड की शक्तियों को बढ़ाया गया.
इस फैसले पर अब भी है सस्पेंस
पार्टी अध्यक्ष और संसदीय बोर्ड की शक्तियों को बढ़ाया गया है. अभी यह साफ नहीं हो सका है कि संसदीय बोर्ड किसी नेता को दो ही बार अध्यक्ष बना सकती है या उससे ज्यादा बार भी अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है.
अब तक कैसे होता था चुनाव?
बीजेपी के अब तक चले आ रहे नियमों के मुताबिक पार्टी अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है, जिसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषद के सभी सदस्य शामिल होते हैं, लेकिन इससे पहले पार्टी को जिला स्तर से लेकर राज्य स्तर तक चुनाव की लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
इसे भी पढ़ें- Ayodhya Ram Temple: अयोध्या राम मंदिर रोज दोपहर 1 घंटे के लिए रहेगा बंद, जानिए किस कारण लिया गया निर्णय
- पुराने नियमों में एक शर्त यह भी थी कि कोई भी नेता पूरे कार्यकाल के लिए सिर्फ दो बार ही लगातार अध्यक्ष चुना जा सकता है.
- पार्टी संविधान की धारा-19 के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष वही व्यक्ति हो सकेगा जो कम-से-कम चार अवधियों तक सक्रिय सदस्य और कम-से-कम 15 वर्ष तक प्राथमिक सदस्य रहा हो.
- निर्वाचक मंडल में से कोई भी बीस सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की अर्हता रखने वाले व्यक्ति के नाम का संयुक्त रूप से प्रस्ताव कर सकेंगे.
यह संयुक्त प्रस्ताव कम-से-कम ऐसे पांच प्रदेशों से आना जरूरी है, जहां राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हों. नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की स्वीकृति जरूरी है.
क्या होगा फैसले का असर?
BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा जून 2024 तक पार्टी के अध्यक्ष बने रहेंगे. पिछले वर्ष पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में नड्डा के कार्यकाल को बढ़ाने को लेकर लिए गए फैसले पर राष्ट्रीय अधिवेशन की बैठक में भी मुहर लगा दी गई.
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी ने पिछले वर्ष ही जेपी नड्डा के कार्यकाल को जून 2024 तक बढ़ाने का फैसला किया था.
पार्टी के संसदीय बोर्ड के फैसले के बाद जनवरी 2023 में दिल्ली में हुई BJP राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर जून 2024 तक जेपी नड्डा के अध्यक्षीय कार्यकाल को बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी.
पार्टी संविधान के नियमों का पालन करते हुए अब कार्यकारिणी के फैसले को राष्ट्रीय अधिवेशन ने भी अनुमोदित कर दिया है. (इनपुट: IANS)
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इं
- Log in to post comments
BJP राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए अब चुनाव जरूरी नहीं, क्या है वजह?