डीएनए हिंदी: Uttar Pradesh News- उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आम्रपाली बिल्डर्स के आम्रपाली ड्रीमवैली प्रोजेक्ट में शुक्रवार को लिफ्ट गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई है. बिसरख थाना क्षेत्र में हुए हादसे में मरने वाले सभी लोग मजदूर बताए जा रहे हैं. इसके अलावा कई लोग घायल भी हुए हैं. हादसे का कारण 10वीं या 11वीं मंजिल पर लिफ्ट का मोटर अलग हो जाना बताया जा रहा है. इस हादसे के बाद उत्तर प्रदेश के महानगरों की बहुमंजिला इमारतों और अन्य भवनों में लिफ्ट व एलीवेटर्स की सेफ्टी व सुरक्षा एक बार फिर सवालों के घेरे में आ गई है. नोएडा और गाजियाबाद में तो लिफ्ट गिरने की हालिया समय में कई घटनाएं हुई हैं, जिनका कारण साफतौर पर मेंटिनेंस की लापरवाही माना गया है. इसके चलते बार-बार प्रदेश में लिफ्ट व एलीवेटर्स एक्ट लागू करने की भी मांग उठती रही है, जो आम्रपाली हादसे के बाद फिर से चर्चा में आ गई है.

पढ़ें- ग्रेटर नोएडा के आम्रपाली ड्रीम वैली में बड़ा हादसा, बिल्डिंग की लिफ्ट गिरी, 4 लोगों की मौत

क्या है लिफ्ट एक्ट

लिफ्ट एक्ट के तहत सबसे अहम बात लिफ्ट के सही रखरखाव के लिए मेंटिनेंस को बाध्य करना होता है. किसी भी लिफ्ट की अधिकतम उम्र 20 से 25 साल होती है, लेकिन सही मेंटिनेंस नहीं होने पर यह उम्र घट जाती है. नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 में 15 मीटर से ज्यादा ऊंची सभी इमारतों में लिफ्ट लगाना अनिवार्य किया गया है. साथ ही 30 मीटर से ज्यादा ऊंची बिल्डिंग में स्ट्रेचर लिफ्ट लगाना भी अनिवार्य है. लिफ्ट एक्ट में लिफ्ट मेंटिनेंस के लिए निश्चित अंतराल तय किया जाता है. लिफ्ट एक्ट के तहत बिल्डिंग के एलीवेटर की AMC किसी क्वालिफाइड और लाइसेंसशुदा एलीवेटर कॉन्ट्रेक्टर को देना भी अनिवार्य किया जाता है.

ये भी हैं लिफ्ट एक्ट के हिस्से

  • सरकार द्वारा तय नियामक संस्था की मंजूरी बिना लिफ्ट लगाना अवैध.
  • लिफ्ट की नियमित जांच नहीं कराना गैरकानूनी.
  • लिफ्ट की जांच करने आए अधिकारी को रोकना गैरकानूनी.
  • लिफ्ट की दुर्घटना छिपाने पर दो साल की सजा का प्रावधान

उत्तर प्रदेश में हजारों बहुमंजिला प्रोजेक्ट, लिफ्ट सुरक्षा का कानून नहीं

उत्तर प्रदेश के नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर, वाराणसी, मेरठ समेत तमाम महानगरों में बहुमंजिला प्रोजेक्ट्स बने हुए हैं. इन प्रोजेक्ट्स की संख्या हजारों है, जिनमें लाखों लोग रह रहे हैं या रोजाना बिजनेस-नौकरी के सिलसिले में जाते हैं. इसके बावजूद आपको जानकर हैरानी होगी कि देश की सबसे ज्यादा आबादी वाले इस राज्य में लिफ्ट सुरक्षा से जुड़ा कोई कानून नहीं है. इसके चलते लिफ्ट गिरने या ऐसे ही अन्य हादसों पर सरकारी सिस्टम मौन ही बना रहता है और बिल्डरों की लापरवाही पर अंकुश नहीं लग पा रहा है. हालांकि यूपी सरकार ने करीब एक महीना पहले लिफ्ट एक्ट की चर्चा की थी, लेकिन कागजी तौर पर धरातल पर अब तक कुछ नहीं हुआ है. उत्तर प्रदेश समेत देश के 25 राज्य ऐसे हैं, जिनमें अब तक लिफ्ट एक्ट लागू नहीं है.

देश के 11 राज्यों में लागू है लिफ्ट एक्ट

देश में लिफ्ट से जुड़ी सुरक्षा को लेकर 11 राज्य अब तक कानून बना चुके हैं. इन राज्यों में महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, गुजरात, तमिलनाडु, केरल, झारखंड, असम और यहां तक कि हिमाचल प्रदेश जैसा छोटा राज्य भी शामिल है. महाराष्ट्र में तो आजादी से भी पहले से यह कानून लागू है. दरअसल आजादी से पहले बॉम्बे प्रेसिडेंसी रहे महाराष्ट्र में साल 1939 में ही लिफ्ट एक्ट अस्तित्व में आ गया था. इसके बाद इसे संशोधन के जरिये और ज्यादा सख्त बनाया जा चुका है.

देश-दुनिया की ताज़ा खबरों Latest News पर अलग नज़रिया, अब हिंदी में Hindi News पढ़ने के लिए फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगलफ़ेसबुकट्विटर और इंस्टाग्राम पर.

Url Title
amrapali lift accident what is lift and elevators act whaich demand to impleament in uttar pradesh
Short Title
Amrapali Lift Accident: क्या है लिफ्ट एक्ट, जिसे बार-बार हादसों के बाद यूपी में
Article Type
Language
Hindi
Page views
1
Embargo
Off
Image
Image
Lift Accident (File Photo)
Caption

Lift Accident (File Photo)

Date updated
Date published
Home Title

Amrapali Lift Accident: क्या है लिफ्ट एक्ट, जिसे बार-बार हादसों के बाद यूपी में लागू करने की उठ रही मांग

Word Count
607