डीएनए हिंदी: रविवार को येरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद के अंदर छिपे हुए फिलिस्तीनियों और इजरायली पुलिस के बीच जोरदार संघर्ष जारी है. स्थिति इतनी गंभीर है कि इसे धर्म युद्ध का खतरा तक माना जा रहा है. अल-अलक्सा मस्जिद को लेकर यहूदियों और फिलिस्तीनियों के बीच संघर्ष आज का नहीं बल्कि दशकों पुराना हुआ है. क्या है मौजूदा घटनाक्रम और क्या है इस विवाद की जड़, समझें यहां.
क्या है अल-अक्सा मस्जिद का इतिहास
अल-अक्सा मस्जिद को लेकर संघर्ष आज का नहीं बल्कि सदियों से विरासत पर दावे को लेकर चल रहा है. यरूशलम में इजरायल और फिलिस्तीन के बीच का ये संघर्ष दशकों पुराना है. अल-अक्सा मस्जिद इस्लाम धर्म मानने वालों के लिए एक पवित्र जगह है. इसे हरम-अल शरीफ के नाम से भी जाना जाता है. यह इस्लाम की तीसरी सबसे पवित्र जगह मानी जाती है. माना जाता है कि इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद ने यहां नमाज पढ़ा था. अल-अक्सा मस्जिद के साथ टेंपल माउंट और वेस्टर्न वॉल भी जुड़ा है. टेंपल माउंट वही जगह है जहां यहूदी, इसाई और मुसलमान हजार सालों से पूजा करते आ रहे हैं. यरुशलम इन तीनों ही धर्मों के लिए पवित्र जगह है.
यह भी पढ़ें: Unicorn Company क्या होती है? PM नरेंद्र मोदी ने 'मन की बात' में किया जिक्र
यहूदियों के लिए क्यों खास है यह जगह
डोम ऑफ द वॉल के साथ जुड़ा है डोम ऑफ द चेन. मुस्लिम मान्यताओं के अनुसार, डोम ऑफ द वॉल बनाने वालों को आराम करने की जगह देने के लिए डोम ऑफ द चेन बनाई गई थी. यहूदियों का मानना है कि इजरायली रियासत के राजा सोलमन इस डोम ऑफ द चेन में बैठक फैसला सुनाया करते थे. ऐसे में यहूदी लोग डोम ऑफ दी चेन क्षेत्र पर अपना अधिकार जताते हैं. इस्लामी मान्यता के मुताबिक कयामत के दिन डोम ऑफ द चेन को क्रॉस करने वाले लोग ही जन्नत को जाएंगे. इस पूरे परिसर को जिसमें अल-अक्सा मस्जिद, डोम ऑफ दी रॉक, डोम ऑफ दी चेन और वेस्टर्न वॉल शामिल हैं.
मस्जिद परिसर में यहूदियों की दैनिक प्रार्थना
मंदिर परिसर में सालों से यहूदियों की दैनिक प्रार्थना होती रही है. मस्जिद की पश्चिमी दीवार की ओर यहूदी समुदाय के लोग अपनी दैनिक प्रार्थना करते रहे हैं. फिलिस्तीनियों की ओर से यहूदियों की इस प्रार्थना का विरोध किया जाता रहा है. 2 सप्ताह पहले अदालत ने अल-अक्सा मस्जिद में यहूदियों को प्रार्थना की इजाजत नहीं दी थी. इसके विरोध में यहूदियों ने राष्ट्रवादी रैली निकालने का ऐलान किया था जिसका विरोध फिलिस्तीनी कर रहे थे.
यह भी पढ़ें: Monsoon 2022: कैसे बनता है मानसून, क्या है मौसम बदलने की वजह?
क्या है वेस्टर्न वॉल
यरूशलम में इस्लाम और ईसाई धर्म के आने से पहले इसी वेस्टर्न वॉल के पास और टेंपल माउंट में यहूदियों का पवित्र मंदिर था. अब मंदिर नहीं है तो ऐसे में वह दीवार के पास ही पूजा करते हैं. बता दें कि टेंपल माउंट में आने के कुल 11 दरवाजे हैं. इसमें से 10 मुस्लिमों के लिए आरक्षित हैं और सिर्फ एक दरवाजा यहूदी समुदाय के लिए आरक्षित है. इस दरवाजे के रास्ते वह वेस्टर्न वॉल तक पहुंचते हैं. इस्लाम का दावा वेस्टर्न वॉल पर भी है। माना जाता है कि बराक घोड़े को इसी दीवार से बांधा गया था और इस्लाम में इस दीवार को बराक वॉल कहा जाता है.
क्यों शुरू हुआ मौजूदा संघर्ष
मौजूदा संघर्ष यहूदियों के विवादास्पद राष्ट्रवादी रैली से पहले हुआ है. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक रैली में दर्जनों लोगों के घायल होने की आशंका है. बता दें कि अल अक्सा मस्जिद के पास की संकरी गलियों में से यहूदी राष्ट्रवादी नारे लगाते हुए निकलते हैं. ऐसा सालों से होता रहा है. 2 सप्ताह पहले अदालत ने आदेश दिया था कि यहूदी अल-अक्सा मस्जिद के अंदर प्रार्थना नहीं कर सकते हैं. इसके बाद निकाली रैली में फिलिस्तीन समर्थकों ने हमला बोल दिया था. दोनों ओर से जारी संघर्ष के बाद बवाल बढ़ गया है. बताया जा रहा है कि रैली निकालने वालों पर हमला करने के लिए पहले से ही फिलिस्तीनियों का एक गुट मस्जिद में बम, हथगोला और पत्थर लेकर छुपकर बैठा था.
क्या है अभी यरुशलम की स्थिति
इजराइली पुलिस ने बताया कि प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षा बलों पर पथराव किया था. इसके बाद लाठियां चलाईं और आगजनी की गई थी. इजरायली पुलिस के मुताबिक, अब तक 75 लोगों के घायल होने की खबर है जिसमें 20 पुलिसकर्मी भी हैं. फिलहाल भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है.
यह भी पढ़ें: ड्रोन उड़ाने के क्या हैं नियम, कैसे मिलता है लाइसेंस, किसे है अधिकार?
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
Al Aqsa Mosque Violence: यहूदी और मुस्लिम दोनों का ही दावा लेकिन क्या है झगड़े की असली वजह?