Who is Romesh Wadhwani: हम बात कर रहे हैं उस शख्स की, जिसे पैदल चलने से पहले ही पोलियो ने अपंग करने की कोशिश की, लेकिन उसने हिम्मत नहीं हारी. गरीबी से उठकर वह दुनिया के सबसे सफल टेक एंटरप्रेन्योर में से एक बना. हम बात कर रहे हैं रोमेश वाधवानी की, जिनकी कहानी आज दूसरों को प्रेरित कर रही है.
Slide Photos
Image
Caption
Who is Romesh Wadhwani: रोमेश वाधवानी का जन्म देश के बंटवारे के 10 दिन बाद 25 अगस्त, 1947 को पाकिस्तान के कराची में एक सिंधी परिवार में हुआ था. उनका जन्म होते ही उनके परिवार को अपना सबकुछ छोड़कर जान बचाने के लिए भारत भागना पड़ा. रिफ्यूजी के तौर पर उनका परिवार दिल्ली पहुंचा, जहां उन्होंने सबकुछ जीरो से शुरू किया. इसके बावजूद आज 78 साल के वाधवानी दुनिया के चुनिंदा टेक एन्टरप्रेन्योर्स में से एक हैं.
Image
Caption
Who is Romesh Wadhwani: बंटवारे के कारण गरीबी झेल रहे रोमेश वाधवानी को 2 साल की उम्र में ही पोलियो ने जकड़ लिया, जिससे वे चलने-फिरने से भी बहुत हद तक लाचार हो गए. हालांकि यह परेशानी भी उन्हें बड़े सपने देखने से नहीं रोक सकी.
Image
Caption
Who is Romesh Wadhwani: शरीर से अपंग होने के बावजूद रोमेश पढ़ाई में बेहद गजब थे. उन्होंने IIT-Bombay से BTech की डिग्री ली और फिर आगे की पढ़ाई के लिए 1969 में वे अमेरिका चले गए, जहां उन्हें पिट्सबर्ग की Carnegie Mellon University में दाखिला मिल गया. वहां उन्होंने पहले मास्टर डिग्री हासिल की और फिर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में PhD पूरी कर ली. इससे उनकी तकनीकी जगत में प्रवेश बनाने की नींव रखी गई, जो आगे चलकर एक बहुत बड़े ग्रुप के तौर पर सामने आई है.
Image
Caption
Who is Romesh Wadhwani: रोमेश जब पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंचे थे, तो उनकी जेब में महज 2.5 डॉलर थे, जो मौजूदा समय के 191 रुपये के बराबर हैं. इसके बावजूद उन्होंने मेहनत से किसी तरह स्टूडेंट लोन हासिल करके अपनी पढ़ाई भी पूरी की और फिर बिजनेस की राह पर भी सफलता हासिल की.
Image
Caption
25 साल की उम्र में 1972 में वाधवानी ने अपनी पहली कंपनी Compuguard Corporation स्थापित की, जिसने कॉमर्शियल बिल्डिंग्स में एनर्जी मैनेजमेंट और सिक्योरिटी के लिए सॉफ्टवेयर बनाना शुरू किया. यह वो दौर था, जब अमेरिका एनर्जी संकट से जूझ रहा था और तेल व गैस के दाम आसमान छू रहे थे. वाधवानी की कंपनी हिट हो गई. वाधवानी ने इसे 10 साल में 10 मिलियन डॉलर की कंपनी में बदल दिया और फिर बेच दिया. इसी तरह उन्होंने एक के बाद एक कंपनी खड़ी की.
Image
Caption
कैलिफोर्निया की टेक सिटी सिलिकॉन वैली में जब एंटरप्रेन्योर्स पर्सनल कंप्यूटर्स, डिस्क ड्राइव्स, सेमीकंडक्टर्स का ईजाद कर रहे थे, तब वाधवानी ने अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा जुआ खेला. वे पिट्सबर्ग में सबकुछ छोड़कर अपन पत्नी और 4 साल की बेटी के साथ सिलिकॉन वैली चले आए और वहां अपनी तीसरी कंपनी बनाई. 1991 में शुरू की गई सॉफ्टवेयर फर्म Aspect Development जोरदार सफलता लेकर आई, जिसे उन्होंने अचानक 1999 में 9.3 अरब डॉलर की मोटी रकम में बेच दिया.
Image
Caption
50 साल से ज्यादा के एंटरप्रेन्योर करियर में वाधवानी ने करीब 40 कंपनियां बनाईं. फिलहाल वे Symphony Technology Group चला रहे हैं, जो 18 टेक व एनालिटिक्स कंपनीज को कंट्रोल करती है. ये कंपनियां सॉफ्टवेयर, डाटा और AI पर काम करती हैं. इस ग्रुप का सालाना रेवेन्यू करीब 2.8 अरब डॉलर से ज्यादा है.
Image
Caption
रोमेश वाधवानी की मौजूदा नेटवर्थ करीब 5 अरब डॉलर (करीब 42,500 करोड़ रुपये) है. Forbes ने उन्हें सबसे अमीर 400 लोगों में 222वें नंबर पर रखा है. एक पोलियो सर्वाइवर से ग्लोबल टेक लीडर तक पहुंचने की उनकी स्टोरी किसी को भी प्रेरित कर सकती है.
Short Title
बंटवारे पर Pakistan में जन्मा था ये हिंदू उद्योगपति, दरबदर हुई फैमिली, फिर भी बन
Meet Romesh Wadhwani Pakistan born Billionaire Survived in 1947 partition almost handicapped by Polio Built Rs 42500 Crore Empire in US read Business Success Story