मौजूदा दौर में ड्रोन (Drone) टेक्नोलॉजी कुछ क्षेत्रों के लिए वरदान बनकर सामने आई है. भारत ड्रोन महोत्सव 2022 (Bharat Drone Mahotsav 2022) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा है कि सुरक्षा से लेकर मेडिसन सेक्टर तक हर क्षेत्र में ड्रोन की जरूरत तेजी से बढ़ रही है. लोगों के मन भी ड्रोन कल्चर को लेकर क्रेज देखने को मिल रहा है. लोग ड्रोन से संबंधित नियम कानूनों के बारे में लोग कम जानते हैं. आइए जानते हैं कि क्या है देश में ड्रोन (Drone Laws in India) से जुड़े नियम-कानून.
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सीमा से लेकर जरूरी दवाइयों की सप्लाई तक ड्रोन का इस्तेमाल इन दिनों खूब हो रहा है. सीमाई इलाकों में ड्रोन के जरिए जहां दुश्मनों पर नजर रखी जाती है वहीं दूसरी तरफ पहाड़ी इलाकों में जहां गाड़ियां नहीं पहुंच सकती हैं वहां दवाइयों की सप्लाई भी ड्रोन से हो रही है. कोविड काल में ही असम और पूर्वोत्तर के कुछ इलाकों में ड्रोन से वैक्सीन की सप्लाई की गई थी. आने वाले दिनों में ड्रोन कल्चर तेजी से बढ़ने वाला है.
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सामाजिक समारोहों से लेकर जगहों की निगरानी तक हर जगह अब ड्रोन उड़ते नजर आ रहे हैं. ड्रोन फोटोग्राफी का चलन भी तेजी से बढ़ा है. पुलिस भी अब ड्रोन के जरिए पेट्रोलिंग करती है. ड्रोन उड़ाने के भी कुछ नियम होते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करने पर आपको जेल हो सकती है. ड्रोन नियमों से जुड़े मामलों को पुलिस बेहद सख्ती से देखती है. सीमावर्ती राज्यों में आतंकी गतिविधियों के बढ़ने के बाद सरकार ने ड्रोन से जुड़ी पॉलिसी में कई बदलाव किए हैं. ड्रोन उड़ाने से पहले नियमों को जानना जरूरी है.
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भारत में 5 तरह के ड्रोन प्रचलित हैं. ड्रोन के भार के हिसाब से नियम कानून तय होते हैं. कानूनी तौर पर भारत में सिर्फ 5 तरह के ड्रोन उड़ाए जाते हैं. भारत में ड्रोन की पांच श्रेणियां हैं. नैनो ड्रोन, माइक्रो ड्रोन, स्माल ड्रोन, मीडियम ड्रोन और बिग ड्रोन. 250 ग्राम से कम ड्रोन को नैनो ड्रोन में आते हैं. माइक्रो ड्रोन का जवन 2 किलोग्राम से कम होता है. स्मॉल ड्रोन 2 किलो ग्राम से 25 किलोग्राम के बीच हो सकते हैं. मीडियम ड्रोन का वजन 25 किलो से लेकर 150 किलो तक होता है. बिग ड्रोन का वजन 150 किलोग्राम से ज्यादा होता है.
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ड्रोन की आधिकारिक वेबसाइस डिजिटल स्काई पर ड्रोन उड़ाने से संबंधित नियमों की लिस्ट बनाई गई है. ड्रोन साइट डिजिटल स्काई है, जिसमें एक इंटरेक्टिव एयरस्पेस मैप फीड किया गया है. इस मैप में ग्रीन, येलो और रेड जोन बनाए गए हैं. नो फ्लाई जोन और फ्लाई जोन से संबंधित नियम तय किए गए हैं. ग्रीन जोन में ड्रोन उड़ाने के लिए किसी भी नियम की जरूरत नहीं होती है. नो फ्लाई जोन में किसी भी कीमत पर ड्रोन नहीं उड़ाए जा सकते हैं. इसका अधिकार सिर्फ पुलिस और सुरक्षाबलों को है. ड्रोन से जुड़ी जानकारियां www.digitalsky.dgca.gov.in/home पर मिल सकती हैं.
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नैनो ड्रोन उड़ाने के लिए किसी भी परमिशन की जरूरत नहीं होती है. माइक्रो ड्रोन से बड़े ड्रोन उड़ाने के लिए यूनिक आइडेंटीफिकेश नंबर (UIN) की जरूरत पड़ती है. इस पर सरकार की नजर होती है. ऐसे ड्रोन उड़ाने के लिए लाइसेंस की जरूरत होती है.
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UIN नंबर ड्रोन की विशिष्ट पहचान है. जैसे गाड़ियों के अलग-अलग नंबर होते हैं वैसे ही बड़े ड्रोन के भी नंबर होते हैं. हर ड्रोन का एक स्पेशल नंबर होता है. अगर यह नहीं हुआ तो आपको ड्रोन उड़ाने की इजाजत नहीं मिलेगी.
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UIN नंबर हासिल करने के लिए आप डिजिटल स्काई की वेबसाइट पर जाकर इसके लिए रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. इसके लिए आपको महज 100 रुपये देने होते हैं.
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बिग ड्रोन उड़ाने के लिए ट्रेनिंग की जरूरत पड़ती है. इसके लिए नागर विमानन महानिदेशालय (DGCA) के केंद्रों पर ट्रेनिंग दी जाती है. यह ट्रेनिंग DGCA के अधिकृत केंद्र पर दी जाती है. ट्रेनिंग के लिए 1,000 रुपये की ऐप्लिकेशन फीस देनी पड़ती है. 10वीं पास और 18 साल से बड़े किसी भी शख्स को ड्रोन उड़ाने की इजाजत मिल सकती है.
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ड्रोन उड़ाने की मंजूरी पहले इतनी आसानी से नहीं मिलती थी. नवंबर 2021 में सरकार ने इस प्रक्रिया को आसान कर दिया है. ड्रोन से जुड़े सभी नियम और कानून डिजिचल स्काई पोर्टल पर चेक किए जा सकते हैं. ड्रोन फ्लाइंग अप्रूवल, सर्टिफिकेशन से जुड़े नियम कानून यहां चेक किए जा सकते हैं. कुछ संवेदनशील क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने की इजाजत किसी को भी नहीं है.