डीएनए हिंदी: राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सरकार और विपक्ष दोनों तरफ से माथापच्ची शुरू हो गई है. बुधवार को राजधानी नई दिल्ली में TMC प्रमुख ने राष्ट्रपति उम्मदीवार को लेकर विपक्ष का आयोजन किया था. इस बैठक में विपक्ष एक साझा उम्मीदवार उतारने को लेकर तो राजी हो गया लेकिन उम्मीदवार के नाम पर सहमती नहीं बन पाई. बैठक में शामिल हुए कई दलों की तरफ से राष्ट्रपति पद उम्मीदवार के तौर पर NCP प्रमुख शरद पवार का नाम आगे रखा गया लेकिन उन्होंने इसपर सहमती नहीं जताई.
बैठक के बाद DMK नेता टी आर बालू ने बताया कि सभी दलों के नेताओं ने शरद पवार से आग्रह किया कि वह राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ें लेकिन उन्होंने इसे ठुकरा दिया. RJD के मनोज झा ने हालांकि कहा कि सभी नेता पवार से फिर से आग्रह करेंगे कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें क्योंकि वह उपयुक्त उम्मीदवार हैं. भाकपा के विनय विस्वम ने कहा कि बैठक में यह आम राय थी कि विपक्ष की ओर से एक ही उम्मीदवार होना चाहिए जो सभी को स्वीकार्य हो. उन्होंने कहा कि बैठक में सिर्फ शरद पवार का नाम सामने आया.
पढ़ें- राजनाथ सिंह ने किया ममता बनर्जी और अखिलेश यादव को फोन, जानिए क्या है वजह
क्या बोले शरद पवार?
विपक्ष की बैठक के बाद शरद पवार ने ट्वीट कर कहा, "मैं दिल्ली में हुई बैठक में भारत के राष्ट्रपति के चुनाव के लिए एक उम्मीदवार के रूप में मेरा नाम सुझाने के लिए विपक्षी दलों के नेताओं की तहे दिल से सराहना करता हूं. हालांकि मैं यह बताना चाहता हूं कि मैंने अपनी उम्मीदवारी के प्रस्ताव को विनम्रतापूर्वक अस्वीकार कर दिया है. मुझे आम आदमी की भलाई के लिए अपनी सेवा जारी रखने में खुशी हो रही है."
क्यों पीछे हटे शरद पवार?
- आंकड़ों के गणित में विपक्ष कमजोर- शरद पवार जानते हैं कि राष्ट्रपति पद के लिए जरूरी आंकड़े जुटाना विपक्ष के लिए बहुत टेढ़ी खीर है. लोकसभा में विपक्ष पहले से ही कमजोर है. राज्यसभा और विधानसभा में विपक्ष एकजुट नहीं है. ऐसे में एनडीए काफी मजबूत दिखाई दे रहा है.इन्हीं वजहों से शरद पवार कोई भी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं.
- पीएम मोदी से अच्छे रिश्ते- जानकारों का कहना है कि शरद पवार और पीएम नरेंद्र मोदी लंबे समय से एक-दूसरे को जानते हैं. पीएम इस मराठा क्षत्रप का बहुत सम्मान करते हैं. पीएम मोदी के अलावा अमित शाह और नितिन गडकरी के अलावा महाराष्ट्र भाजपा के सीनियर नेताओं से भी उनके रिश्ते काफी अच्छे माने जाते हैं. ऐसे में वह सरकार से रिश्ते खराब नहीं करना चाहते.
- 2024 लोकसभा पर नजर- महाराष्ट्र चुनाव परिणाम के बाद भाजपा ने एनसीपी को तोड़ने की कोशिश की थी लेकिन तब शरद पवार अजीत पवार को साधने में सफल रहे थे. अभी भी शरद पवार ही एनसीपी की कमान संभाल रहे हैं. एनसीपी में कई गुट सिर्फ इसलिए शांत बैठे हैं क्योंकि शरद पवार पार्टी का कामकाज देख रहे हैं. अगले लोकसभा और विधानसभा चुनाव को लेकर शरद पवार अपनी पार्टी का कद बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं ऐसे में वो ऐसा कोई फैसला नहीं करना चाहते जिससे एनसीपी को किसी भी तरह का कोई नुकसान हो.
पढ़ें- President Election: भाजपा बना रही बड़ा प्लान! कांग्रेस को जोरदार झटका देने के लिए इन दलों पर नजर
बैठक में कौन-कौन हुआ शामिल?
संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में करीब 17 राजनीतिक दलों के नेता शरीक हुए. कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा), द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (DMK), राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और वाम दलों के नेता इस बैठक में शरीक हुए जबकि आम आदमी पार्टी (AAP), तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS), शिरोमणि अकाली दल (SAD) और बीजू जनता दल (BJD) ने इससे दूरी बनाए रखना मुनासिब समझा. शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPI(M)), भाकपा-एमएल, नेशनल कांफ्रेंस(NC), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP), JD(S), RCP, आईयूएएमएल, राष्ट्रीय लोकदल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता भी बैठक में शरीक हुए.
अब कौन हो सकता है विपक्ष का उम्मीदवार
RCP के एन. के. प्रेमचंद्रन ने कहा कि ममता बनर्जी ने बैठक में विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के रूप में वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नाम भी सुझाए. राकांपा के शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल, कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सुरजेवाला, जनता दल (सेक्युलर) के एच. डी. देवगौड़ा और एस. डी. कुमार स्वामी, सपा के अखिलेश यादव, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, नेकां के उमर अब्दुल्ला बैठक में शरीक होने वाले प्रमुख नेताओं में शामिल थे. बैठक तीन बजे आरंभ होकर करीब पांच बजे समाप्त हुई। बनर्जी ने पिछले हफ्ते सात मुख्यमंत्रियों सहित 19 दलों के नेताओं को राष्ट्रीय राजधानी में एक बैठक में शामिल होने का न्योता दिया था, ताकि 18 जुलाई को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्षी दलों के बीच एक संयुक्त उम्मीदवार पर आम सहमति बन सके.
देश-दुनिया की ताज़ा खबरों पर अलग नज़रिया, फ़ॉलो करें डीएनए हिंदी को गूगल, फ़ेसबुक, ट्विटर और इंस्टाग्राम पर.
- Log in to post comments
President Election: क्यों शरद पवार ने किया विपक्ष का उम्मीदवार बनने से इंकार? जानिए 3 बड़ी वजह