डीएनए हिंदीः केंद्र की मोदी सरकार ने एक और ऐतिहासिक फैसला लिया है. अब राजपथ (Rajpath) का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ किया जाएगा. नेताजी सुभाष चंद्र बोस की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक के पूरे हिस्से को अब कर्तव्य पथ के रूप में जाना जाएगा. जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) 8 सितंबर को सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास परियोजना (Central Vista Project) के तहत बनाए गए एक खंड का उद्घाटन करेंगे. राजपथ का नाम बदलने के लिए नई दिल्ली नगरपालिका परिषद (NDMC) ने राजपथ और सेंट्रल विस्टा लॉन का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ करने के लिए 7 सितंबर को एक विशेष बैठक बुलाई है.  

क्या है राजपथ की अहमियत?
राजपथ भारत की शान का प्रतीक कहा है. नई दिल्ली के लुटियंस जोन में राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट होते हुए नेशनल स्टेडियम तक यह सड़क जाती है. संसद भवन से लेकर नॉर्थ और साउथ ब्लॉक इसी मार्ग पर है. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर होने वाली परेड भी इसी रोड पर होती है.  दिल्ली का राजपथ कई मायनों में खास है. अब मोदी सरकार इस सड़क का नाम बदलकर ‘कर्तव्यपथ’ करने जा रही है. इसके बाद इंडिया गेट पर नेताजी की प्रतिमा से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पूरा मार्ग और क्षेत्र कर्तव्य पथ के नाम से जाना जाएगा. यह वही सड़क है जहां पर हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर भव्य परेड और झांकियां निकाली जाती हैं.

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कब हुआ निर्माण?
इस सड़क का निर्माण अंग्रेजों के शासनकाल में किया गया था. राजपथ को ब्रिटिश वास्तुकार सर एडविन लुटियंस ने डिजाइन किया था. इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक जाने वाली इस सड़क के दोनों तरफ गार्डन हैं. तब इसे राष्ट्रपति भवन से नए शहर का दृश्य प्रस्तुत करने के लिए बनाया गया था, जो उस समय वायसराय का हाउस था. आजादी के बाद इसे राष्ट्रपति भवन कहा जाने लगा. राजपथ को पहले किंग्स वे कहा जाता था, क्योंकि जॉर्ज पंचम के सम्मान में इसे यह नाम दिया गया था. जॉर्ज पंचम ने ही ब्रिटिश भारत की राजधानी को कोलकाता से दिल्ली स्थानांतरित किया था. उस वक्त यह किंग के जाने का रास्ता था.
1947 में आजादी मिलने के बाद किंग्स वे का नाम बदलकर राजपथ कर दिया गया. 

गुलामी की मानसिकता को दूर करने की पहल
बता दें कि इससे पहले जिस सड़क पर पीएम आवास स्थित है, उसका नाम भी रेसकोर्स रोड से बदलकर लोक कल्याण मार्ग (Lok Kalyan Marg) कर दिया गया था. इस पर भी विपक्षी दलों की ओर से काफी हंगामा किया गया था. सरकार का तर्क है कि आजादी के 75 साल बाद गुलामी का कोई भी प्रतीक नहीं रहना चाहिए, सबकुछ न्यू इंडिया वाले विजन को ताकतवर करने वाला साबित होना चाहिए.

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सेंट्रल विस्टा के तहत किया जा रहा निर्माण
राजपथ के आसपास सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट (Central Vista Project) के तहत कई कार्य किए जा रहे हैं. इनमें राजपथ के सौंदर्यीकरण के अलावा नई संसद का निर्माण भी शामिल है. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की घोषणा सितंबर 2019 में की गई थी. हालांकि मामला सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंचा था जिसके बाद इसका काम फरवरी 2021 में शुरू हुआ. अब सेंट्रल विस्टा एवेन्यू (Central Vista Avenua) प्रोजेक्ट पूरा हो गया है. यहां 3.90 लाख  स्कवायर मीटर ग्रीन एरिया (Green Area) है. लोगों के टहलने के लिए 16.5 किमी के रास्ते को तैयार किया गया है. यहां घूमने आने वाले लोग शॉपिंग कर सकें, इसके लिए 5 वेंडिंग जोन होंगे. हर जोन में 40-40 वेंडर होंगे. यहां पर पैदल चलने वालों के लिए खास इंतजाम किए गए हैं. इस खंड का 8 सितंबर को पीएम मोदी उद्घाटन करेंगे. 

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राजपथ का क्यों बदला जा रहा नाम?
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राजपथ का नाम बदलकर कर्तव्यपथ किया जाएगा.
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Rajpath: राजपथ का क्यों बदला जा रहा नाम? जानिए इतिहास और इसके पीछे की वजह