डीएनए हिंदी: भारतीय छात्रों को अब पढ़ाई के लिए ब्रिटेन (United Kingdom) रास आ रहा है. ब्रिटिश हाई कमीशन ने खुलासा किया है कि जून 2022 तक एक साल के भीतर करीब 1,17,965 छात्रों को स्पॉन्सर्ड स्टूडेंट वीजा (Study Visas) जारी किया गया है. यह साल 2019 की तुलना में 215 फीसदी ज्यादा है. इस साल कुल 37,396 स्पॉन्सर्ड वीजा जारी किया गया था.
भारत को सबसे ज्यादा ब्रिटेन से ही स्टडी वीजा मिला है. भारत इस लिस्ट में टॉप पर है और चीन से आगे निकल गया है. कोविड प्रतिबंधों में ढील के बाद ब्रिटेन में बड़ी संख्या में छात्र स्टडी वीजा के लिए आवेदन कर रहे हैं. आइए जानते हैं छात्रों के पसंद की बड़ी वजह क्या है.
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कितने दिनों में मिलता है स्टडी वीजा, क्या है सक्सेस रेट?
ब्रिटेन में सामान्य तौर पर छात्रों को स्टूडेंट वीजा आसानी से हासिल हो जाता है. यह दर 100 फीसदी तक पहुंच गई है. यही वजह है कि ज्यादातर छात्र जिन्होंने यूके में स्टडी वीजा के लिए आवेदन किया है, उन्हें अक्सर इजाजत मिल जाती है. जून 2002 के आंकड़ों पर गौर करें तो 1.18 लाख छात्रों को स्टडी वीजा दिया गया था. अलग-अलग एजुकेशनल कंसल्टेंसी (Education Consultancy) का दावा है कि स्पॉन्सर्ड स्टूडेंट वीजा सिर्फ 3 से 4 सप्ताह में हासिल हो जाता है. यही वजह है कि छात्र बड़ी संख्या में ब्रिटेन का रुख कर रहे हैं.
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यूके अध्ययन वीजा के लिए इतने सारे छात्र आवेदन क्यों कर रहे हैं?
भारतीय छात्रों के लिए पढ़ाई करने की पहली पसंद यूके ही है. सदी के पहले दशक में देश के ज्यादातर यूके ही गए हैं. साल 2006-07 के दौरान ज्यादातर छात्र ऑस्ट्रेलिया की ओर रुख करने लगे थे. लाखों छात्र ऑस्ट्रेलिया जा रहे थे जिनमें सबसे बड़ी संख्या पंजाबियों की थी. कुछ साल बाद यह रुझान कनाडा की ओर मुड़ गया. बीते एक दशक से कनाडा में भी छात्र बड़ी संख्या में जा रहे हैं. अब ज्यादातर छात्र यूके की ओर रुख कर रहे हैं लेकिन उनकी भी पहली पसंद कनाडा ही है.
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कनाडा की वीजा पॉलिसी कितनी है जिम्मेदार?
कनाडा से छात्रों को वीजा मिलने में देरी हो रही है. पंजाब के लोगों के लिए वीजा अपेक्षाकृत ज्यादा आसान है. ऐसे में छात्रों के बीच तमाम आशंकाए कनाडा को लेकर पैदा हो रही हैं. छात्र चाहते हैं कि कनाडा की कठिन वीजा प्रणाली में वे उलझें इससे पहले ब्रिटेन से वीजा हासिल कर लें. वे यूके से वीजा हासिल करने के मौके को खोना नहीं चाहते हैं. ब्रिटेन जाने वाले 40 फीसदी छात्र पंजाब से हैं. अगर कुल 1.8 लाख वीजा होल्डर्स की बात करें तो इसमें करीब 40 फीसदी संख्या पंजाबियों की है.
क्यों यूके के लिए ज्यादा आवेदन कर रहे हैं लोग?
वीजा कंसल्टेंसी एडवाइजर्स का मानना है कनाडा के वीजा के लिए लोग बड़ी संख्या में आवेदन करते हैं. कनाडा एडमिनिस्ट्रेशन की ओर से बड़ी संख्या में वीजा रिजेक्ट कर दिया जाता है. यही वजह है कि लोग ज्यादा आवेदन करते हैं. छात्र सालभर या 6 महीने का वक्त जाया करने की जगह यूके के लिए वीजा आवेदन कर देते हैं. यूके में स्टडी वीजा आसानी से हासिल हो जाता है. ज्यादा समय भी नहीं लगता है. सुविधाएं दोनों देशों में लगभग एक सी ही हैं. छात्रों को अपनी पढ़ाई के दौरान काम करने की इजाजत भी आसानी से मिल जाती है. यूके में वीजा की प्रक्रिया भी बेहद साफ और पारदर्शी है.
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बेहद आसान है छात्रों के लिए यूके का वीजा हासिल करना
छात्रों को चार मॉड्यूल में कुल 6 बैंड की जरूरत होती है. स्पीकिंग, राइटिंग, लिसनिंग और रीडिंग को जांचने-परखने के लिए टेस्ट होता है. कुछ विश्वविद्यालय ऐसे हैं जहां अंग्रेजी में अभ्यर्थियों को अच्छे नंबर लाने होते हैं. यहां अंग्रेजी अनिवार्य है.
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ब्रेग्जिट (Brexit) की वजह से वीजा आवेदन करने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है. छात्र यूरोप के दूसरे देशों में बड़ी संख्या में आवेदन कर रहे हैं. स्टूडेंट वीजा के लिए लोगों की पहली पसंद ब्रिटेन ही है.
पश्चिमी देशों में वीजा देने की मची होड़
पश्चिमी देश बड़ी संख्या में छात्रों के लिए स्टूडेंट वीजा जारी कर रहे हैं. पश्चिमी देशों की अर्थव्यवस्था को इससे बड़ी मजबूती मिल रही है. यही वजह है कि छात्रों को बड़ी संख्या में यूके भी वीजा जारी कर रहा है. लाखों छात्र पढ़ाई के लिए वीजा का आवेदन कर रहे हैं.
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