डीएनए हिंदी: देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमितों (Corona Cases) की संख्या एक बार फिर से बढ़ने लगी है. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) ने हाल ही में कहा कि जिन लोगों ने वैक्सीन का बूस्टर डोज (Booster Dose) ले लिया है वे काफी हद तक सुरक्षित हैं. अस्पताल में भर्ती हुए मरीजों में से ज्यादातर ऐसे हैं जिन्होंने बूस्टर डोज नहीं लिया है. ऐसे में आपके लिए एक बार फिर यह जानना जरूरी हो जाता है कि आखिर बूस्टर डोज है क्या, क्यों इसे लेना जरूरी है और इसकी पूरी प्रक्रिया क्या है. जानते हैं इससे जुड़े हर सवाल का जवाब-
क्या है बूस्टर डोज
यह कोरोना वैक्सीन की तरह ही है. बस यह तीसरी डोज है जिसे एहतियात के तौर पर लेना जरूरी बताया गया है. इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में और मदद मिलती है.
क्यों जरूरी है बूस्टर डोज
डॉक्टर बताते हैं कि कोरोना के नए-नए वेरिएंट्स इसकी वजह हैं. कई मामलों में दो डोज लेने के बाद भी इम्यूनिटी कमजोर पड़ने लगती है. कोरोना की चौथी लहर की आशंकाओं के बीच सुरक्षा के लिहाज से यह बूस्टर डोज लेना जरूरी है.
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कौन लोग लगवा सकते हैं बूस्टर डोज
कोई भी व्यक्ति जिसकी उम्र 18 साल से ज्यादा हो बूस्टर डोज लगवा सकता है. दूसरी डोज लगने के 6 महीने के भीतर आप बूस्टर डोज लगवा सकते हैं.
कहां लगवा सकते हैं बूस्टर डोज
सभी सरकारी अस्पतालों में बूस्टर डोज लगाई जा रही हैं. कई राज्यों में निजी अस्पतालों में भी यह सुविधा उपलब्ध है. इसके लिए आप https://www.cowin.gov.in/ पर जाकर रजिस्ट्रेशन भी करवा सकते हैं.
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अब तक नहीं लगवाई है बूस्टर डोज तो हो जाएं सतर्क? पढ़ें क्यों है ये जरूरी और क्या है लगवाने की पूरी प्रक्रिया