डीएनए हिंदी: Bangladesh News: बांग्लादेश की संसद ने देश के अगले राष्ट्रपति का चयन कर लिया है. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने रविवार को जमा किए गए नामांकन पत्रों की जांच के बाद पूर्व जस्टिस मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू (Mohammad Shahabuddin Chuppu) को देश के 22वें राष्ट्रपति के तौर पर निर्वाचित घोषित कर दिया. चुप्पू का नामांकन सत्ताधारी पार्टी अवामी लीग ने किया था, जिसे संसद में पूर्ण बहुमत हासिल है. इसी कारण 74 वर्षीय चुप्पू एकतरफा राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित हो गए हैं. अवामी लीग की सलाहकार परिषद के सदस्य चुप्पू 24 अप्रैल को मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद का कार्यकाल खत्म होने पर उनकी जगह लेंगे.
पीएम हसीना ने रखा था चुप्पू का नाम
अवामी लीग संसदीय दल ने नए राष्ट्रपति को नामित करने की जिम्मेदारी प्रधानमंत्री शेख हसीना को दी थी, जिन्होंने चुप्पू के नाम का प्रस्ताव रखा था. 350 सदस्यों वाली मौजूदा बांग्लादेश संसद में अवामी लीग के 305 सांसद हैं, इसलिए चुप्पू का राष्ट्रपति बनना तय था. मुख्य विपक्षी दल बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने पर्याप्त सांसद नहीं होने के चलते कोई नाम पेश नहीं किया था. बांग्लादेश की न्यूज एजेंसी UNB के मुताबिक, मुख्य निर्वाचन आयुक्त काजी हबीबुल अवल ने नए राष्ट्रपति की नियुक्ति का गजट सोमवार को जारी कर दिया है.
मौजूदा राष्ट्रपति के हो चुके हैं दो कार्यकाल
बांग्लादेश के मौजूदा राष्ट्रपति मोहम्मद अब्दुल हामिद के दो कार्यकाल हो चुके हैं. वह बांग्लादेशी संविधान के मुताबिक, वह दो बार ही अधिकतम इस पद पर रह सकते हैं. हामिद अवामी लीग के ही सीनियर मेंबर हैं और सात बार पार्टी की तरफ से संसद में पहुंच चुके हैं.
चुप्पू ने निभाई थी 1971 युद्ध में खास भूमिका
बांग्लादेश के पाबना जिले में जन्मे चुप्पू ने बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में अहम भूमिका निभाई थी, जिसे 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के नाम से भी जाना जाता है. चु्प्पू ने शुरुआत 1960 के दशक के अंत में अवामी लीग की छात्र इकाई से की थी. 1971 युद्ध के दौरान उन्होंने उत्तरी बांग्लादेश में स्वाधीन बांग्ला छात्र संग्राम परिषद के संयोजक के तौर पर विद्रोहियों के साथ समन्वय बनाने में अहम भूमिका निभाई थी. इस दौरान वह अवामी लीग प्रेसिडियम के पूर्व मेंबर मोहम्मद नसीम के साथ इस क्षेत्र में अहम चेहरा थे.
बांग्लादेश की आजादी के बाद उन्होंने 1974 में राजशाही यूनिवर्सिटी से MSC की डिग्री पूरी की, लेकिन इसके बाद साल 1975 में बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की हत्या के बाद उन्हें नई सरकार का विरोध करने पर जेल में डाल दिया गया था. वे 3 साल तक जेल में रहे थे. बाहर निकलने पर उन्होंने पढ़ाई पूरी की और बांग्लादेश न्यायिक व्यवस्था में जज बने. उनकी पत्नी रेबेका सुल्ताना भी बांग्लादेश प्रशासन में संयुक्त सचिव रह चुकी है, जबकि उनका एक बेटा भी है.
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कौन हैं बांग्लादेश के अगले राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन चुप्पू, 1971 के भारत-पाक युद्ध से भी है कनेक्शन