बांग्लादेश में चल रहे राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अंतरिम सरकार का गठन हो गया. नोबेल पुरस्कार से सम्मानित प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के तौर पर शपथ ली. शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने और देश छोड़कर जाने के बाद अब यूनुस बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के मुखिया बन गए हैं. राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में उन्हें शपथ दिलाई.

मोहम्मद यूनुस को ‘सबसे गरीब लोगों का बैंकर’ भी कहा जाता है. इसे लेकर उन्हें आलोचना का सामना भी करना पड़ा था और एक बार शेख हसीना ने यूनुस को खून चूसने वाला कहा था. वह हसीना के कटु आलोचक और विरोधी माने जाते हैं. उन्होंने हसीना के इस्तीफे को देश का दूसरा मुक्ति दिवस ​​बताया है. पेशे से अर्थशास्त्री और बैंकर यूनुस को गरीब लोगों, विशेष रूप से महिलाओं की मदद के लिए माइक्रोक्रेडिट के उपयोग में अग्रणी भूमिका निभाने के लिए 2006 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.

1983 में की थी ग्रामीण बैंक की स्थापना 
मोहम्मद यूनुस ने 1983 में ग्रामीण बैंक की स्थापना की ताकि उन उद्यमियों को छोटे ऋण उपलब्ध कराए जा सकें जो सामान्यतः उन्हें प्राप्त करने के योग्य नहीं होते. लोगों को गरीबी से बाहर निकालने में बैंक की सफलता ने अन्य देशों में भी इसी तरह के लघु वित्त पोषण के प्रयासों को बढ़ावा दिया. यूनुस को 2008 में हसीना सरकार की कार्रवाई का सामना करना पड़ा जब उनके प्रशासन ने यूनुस के खिलाफ कई जांच शुरू कीं.

यूनुस ने पहले घोषणा की थी कि वह 2007 में एक राजनीतिक पार्टी बनाएंगे. हालांकि उन्होंने अपनी योजना पर अमल नहीं किया. जांच के दौरान पूर्व पीएम शेख हसीना ने यूनुस पर ग्रामीण बैंक के प्रमुख के तौर पर गरीब ग्रामीण महिलाओं से ऋण वसूलने के लिए बल और अन्य तरीकों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया. यूनुस ने आरोपों से इनकार किया था. हसीना सरकार ने 2011 में बैंक की गतिविधियों की समीक्षा शुरू की और यूनुस को सरकारी सेवानिवृत्ति नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में प्रबंध निदेशक के पद से हटा दिया.


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इसी साल यूनुस के खिलाफ तय हुए थे आरोप
2013 में उन पर बिना सरकारी अनुमति के पैसे लेने के आरोप में मुकदमा चलाया गया. जिसमें उनका नोबेल पुरस्कार और एक किताब से रॉयल्टी भी शामिल थी. इस साल की शुरुआत में बांग्लादेश में एक विशेष न्यायाधीश की अदालत ने मोहम्मद यूनुस और 13 अन्य लोगों पर 20 लाख अमेरिकी डॉलर के गबन के मामले में आरोप तय किए थे. यूनुस ने खुद को निर्दोष बताया और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.

यूनुस के समर्थकों का कहना है कि हसीना के साथ उनके खराब संबंधों के कारण उन्हें निशाना बनाया गया. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख यूनुस का जन्म 1940 में भारत के चटगांव में हुआ था, जो अब बांग्लादेश का एक प्रमुख बंदरगाह शहर है. उन्होंने अमेरिका के वेंडरबिल्ट विश्वविद्यालय से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की और बांग्लादेश लौटने से पहले कुछ समय तक वहां पढ़ाया था. (PTI इनपुट के साथ)

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कौन हैं मोहम्मद युनुस, जिन्हें मिली बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की बागडोर
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