डीएनए हिंदीः बीजेपी नेता सोनाली फोगाट (Sonali Phogat) की मौत मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. गोवा में अंजुना पुलिस ने कर्लीज रेस्तरां के वॉशरूम से ड्रग्स जब्त की थी. इस ड्रग्स की जांच के बाद सामने आया है कि यह मेथामफेटामाइन (Methamphetamine) था. दावा किया जा रहा है कि यही ड्रग सोनाली को किसी पेय पदार्थ में मिलाकर दी गई थी. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी इसका खुलासा हुआ है. पुलिस को एक सीसीटीवी फुटेज भी मिला है जिसमें आरोपी सुधीर सांगवान (Sudhir Sangwan) के खुलासे के आधार पर कर्लीज (Curlies) रेस्टोरेंट के वॉशरूम से सोनाली को दी गई ड्रग्स (Drug) भी जब्त की गई हैं. सुखविंदर और सुधीर सांगवान पर हत्या की धाराओं के तहत केस दर्ज हुआ है. आखिर मेथामफेटामाइन ड्रग क्या होती है और क्या इसके अधिक सेवन से इंसान की जान भी जा सकती है, विस्तार से समझते हैं.
क्या है मेथामफेटामाइन (Methamphetamine)?
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑन ड्रग अब्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक मेथामफेटामाइन (Methamphetamine) एक पावरफुल एडिक्टिव ड्रग है, जो हमारे सेंट्रल नर्वस सिस्टम यानी तंत्रिका तंत्र पर असर करता है. मेथामफेटामाइन की खोज 1893 में हुई थी. इसे क्रैंक, स्पीड और मैथ नाम से भी जाना जाता है. दरअसल ये एक शक्तिशाली उत्तेजक हैं. जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर असर डालता है. क्रिस्टल मेथामफेटामाइन कांच के टुकड़े जैसा चमकदार दिखता है. यह रासायनिक रूप से एम्फ़ैटेमिन के समान है, जिसका उपयोग अटैंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर (ADHD), नार्कोलेप्सी और स्लीप डिसऑर्डर के इलाज के लिए किया जाता है. आमतौर पर इसका असर 6 से 8 घंटे तक रहता है. हालांकि इसका असर 24 घंटे तक भी रह सकता है. इसे लेने वाले शख्स को यूफोरिया यानी बेहद खुशी का एहसास होता है.
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कैसे होता है इस्तेमाल?
मेथामफेटामाइन ड्रग (Methamphetamine Drug) के अडिक्टेड इसे कई तरह से लेते हैं. कुछ लोग इसे सिगरेट की तरह जलाकर इस्तेमाल करते हैं तो कुछ पानी में मिलाकर पी लेते हैं. वहीं कुछ लोग इसे गोली की तरह निगते हैं. कई इसे सूंघकर नशा लेते हैं. लोग शराब में मिलाकर भी इसका इस्तेमाल करते हैं. नाक के रास्ते खींचकर और इंजेक्ट कर भी इसके इस्तेमाल किया जाता है.
शरीर पर क्या होता है असर
मेथामफेटामाइन केंद्रीय तंत्रिका तंत्र पर सीधा असर करता है. यह शरीर के अंदर पहुंचकर ब्रेन में नैचुरल केमिकल डोपामाइन की मात्रा को बढ़ा देता है. डोपामाइन रिलीज होने पर व्यक्ति खुश महसूस करता है. डोपामाइन के रिलीज होने पर एनर्जी लेवल बढ़ जाता है और लोगों को अच्छा महसूस होने लगता है. इससे इंसान में भ्रम, मतिभ्रम गुस्सा और हिंसा के लिए उतारू हो जैसी प्रवृति पैदा होती है. ये डोपामाइन (Dopamine) केमिकल को बढ़ा देता है. ये खुशी, उत्साह और प्रेरणा की अनुभूति कराने वाला केमिकल है, यही वजह है कि इस ड्रग के लेने से इंसान को अस्थायी तौर पर बेहद खुशी होती है.
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इसकी ओवरडोज लेने से बहुत गुस्सा आने, अधिक व्याकुलता, हाई ब्लड, प्रेशर, हाइपरएक्टिविटी, साइकोसिस, हार्ट रेट का बढ़ जाना, शरीर का तापमान बढ़ जाना और आंखों की पुतली बड़े होने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं. लंबे वक्त तक इसका इस्तेमाल करने से दांतों में सड़न, वजन कम हो जाना, चिंता, याददाश्त कम होने, नींद संबंधी परेशानी होना, शरीर में खुजली होने जैसी परेशानियां पेश आती हैं. कई लोग इसका ओवरडोज भी लेते हैं, जो मौत की वजह बन जाता है. यह यौन इच्छा को बढ़ाता है. इसके लिए यहां तक कहा जाता है कि अगर कोई कई दिनों तक लगातार इसे ले तो वृद्ध में भी सेक्स के लिए उत्तेजना बढ़ जाती है. इसका ओवरडोज कार्डियक अरेस्ट की वजह बन सकता है. लंबे समय तक इस डर्ग को लेने ले एचआईवी और हेपटाइटिस B, हेपेटाइटिस C हो सकता है.
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सोनाली फोगाट को पिलाया गया था मेथामफेटामाइन, जानें कितना खतरनाक होता है यह ड्रग