डीएनए हिंदीः भारतीय सेना (Indian Army) जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुए हिंसक झड़प के बाद से लगातार सीमा पर अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रही है. सेना ने अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के साथ पहाड़ी क्षेत्रों में नए एम-777 अल्ट्रा-लाइट हॉवित्जर्स (M777 Ultra Light Howitzer) तोपों को तैनात किया है. 155 mm की ये तोपें ऐसी जगहों पर लगाई गईं हैं, जहां से पाकिस्तान और चीन दोनों पर घातक हमला हो सकता है.
क्यों पड़ी जरूरत?
दरअसल उत्तरी सीमा का पूरा इलाका ऊंची पहाड़ियों से घिरा है. यहां हथियार पहुंचाना किसी चुनौती से कम नहीं है. सेना बड़े टैंक्स या आर्टिलरी यहां नहीं पहुंचा सकती. इसलिए सेना पिछले काफी समय से हल्के हथियारों पर काम कर रही है. M-777 हॉवित्जर को चिनूक हेलिकॉप्टर से पहुंचाया गया है. इन तोपों को किसी वाहन से खींचकर भी पहुंचाया जा सकता है. इन तोपों को CH-47 हेलीकॉप्टरों और ट्रकों से आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है.
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कौन करता है निर्माण?
अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया की सेनाएं M777 होवित्जर तोपों को इस्तेमाल करती रही हैं. अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में इन तोपों का इस्तेमाल किया था. साल 2018 में इन्हें भारतीय सेना में शामिल किया गया था. इन तोपों को 70 फीसदी हिस्सा अमेरिका में बनता है और बाकी ब्रिटेन में बनाया जाता है. M777 तोपों अपनी ही पूर्ववर्ती M198 से 42 फीसदी हल्की हैं. इस तोप को अमेरिका की BAE System बनाती है लेकिन इसकी असेंबलिंग भारत में ही एक निजी रक्षा कंपनी करती है.
#KnowYourArmy#IndianArmy has inducted the M777 Ultra Light Howitzer (155mm) in harsh terrain of Northern Borders. The gun is highly transportable for rapid deployment to meet any operational contingency.
— ADG PI - INDIAN ARMY (@adgpi) September 29, 2022
#IndianArmy#InStrideWithTheFuture pic.twitter.com/FpxmEQMXMh
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क्या है खासियत?
भारतीय सेना के पास ऐसी 110 तोपें हैं. इसे आठ लोग मिलकर चलाते हैं. एक मिनट में 7 गोले दागता है. गोले की रेंज अलग-अलग कोण पर 24 से 40 KM है. गोला एक किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से दुश्मन की ओर बढ़ता है. इनका वजन लगभग 4,100 किग्रा है. टाइटेनियम की बनी होने का कारण इनका वजन कम है. इनमें डिजिटल फायर कंट्रोल सिस्टम लगे हैं. इसके अलावा इन तोपों में जीपीएस भी जोड़ा जा सकता है, जिसके बाद ये 40 किमी तक सटीक निशाना लगा सकती हैं. इसकी लंबाई 35 फीट है. इसके बैरल यानी नली की लंबाई 16.7 फीट है. इसकी मदद से छह तरह के गोले दागे जा सकते हैं. ये हैं- M107 यानी जो दुश्मन पर गिरते ही फटता है और तगड़ा विस्फोट करता है. M549 गोला यानी अत्यधिक विस्फोटक रॉकेट असिस्टेड राउंड है. M712 कॉपरहेड गोले को गाइडेड प्रोजेक्टाइल की तरह दुश्मन पर गिरा सकते हैं.
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भारत ने PAK-चीन सीमा पर तैनात की M777 हॉवित्जर तोपें, जानिए कितनी है इसकी मारक क्षमता