डीएनए हिंदी: संसद की पुरानी बिल्डिंग में सोमवार को आखिरी बार सभी मौजूदा सदस्य पहुंचे थे. संसद के विशेष सत्र की आगे की कार्रवाई अब से नई बिल्डिंग में ही होने वाली है. इसके झंडोत्तोलन कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे को भी न्योता दिया गया था लेकिन वह नहीं पहुंचे. अब देश के ज्यादातर लोगों के मन में सवाल है कि क्या पुरानी बिल्डिंग को ध्वस्त कर दिया जाएगा या उसे किसी और काम के लिए इस्तेमाल किया जाएगा. सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बन रहे नए संसद भवन का शिलान्यास 10 दिसंबर 2020 को पीएम मोदी ने किया था. यह इमारत दिखने में तो शानदार है ही इसमें सुरक्षा के लिहाज से अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया गया है. इसके अलावा पिछले भवन की तुलना में ज्यादा बड़ी भी है.
संसद की पुरानी बिल्डिंग में सांसदों के बैठने की व्यवस्था के साथ-साथ पुस्तकालय, लाउंज और चैंबर भी थे. इसके अलावा, एक कैंटीन भी थी जहां सांसद और पत्रकारों के लिए रियायती दरों पर खाना मिलता था. सवाल उठ रहा है कि 75 साल पुरानी इस इमारत का आखिर क्या होगा? यहां आपके सभी सवालों के जवाब मिलेंगे. आइए 10 प्वाइंट में समझते हैं कि संसद की पुरानी बिल्डिंग का क्या होगा और इसे लेकर सरकार की क्या योजना है.
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1) पुरानी बिल्डिंग का निर्माण साल 1927 में ब्रिटिश आर्किटेक्ट सर एडविन लुटियंस और हार्बर्ट बेकर ने किया था. यह इमारत अब 97 साल पुरानी हो चुकी है.
2) सरकारी सूत्रों के मुताबिक पुरानी बिल्डिंग को ध्वस्त नहीं किया जाएगा बल्कि इमारत की मरम्मत की जाएगी और इसे नई जरूरतों के मुताबिक ढाला जाएगा.
3) मीडिया चैनल में लोकसभा सचिवालय के सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पूरी बिल्डिंग का रेनोवेशन किया जाएगा और इसे सरकार के दूसरे कामों के लिए इस्तेमाल करने की योजना है.
4) कहा जा रहा है कि बिल्डिंग के एक हिस्से को म्यूजियम के तौर पर संरक्षित किया जाने वाला है जहां आम लोग भारत के संसदीय इतिहास से रूबरू हो सकेंगे.
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5) सूत्रों का कहना है कि सरकार इमारत को भारत की महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर के तौर पर विकसित करने की योजना बना रही है.
6) इसके अलावा, कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बिल्डिंग के रेनोवेशन के लिए एक खास टीम तैयार भी कर ली गई है जो इसके ब्लूप्रिंट तैयार करने पर काम कर रहे हैं.
7) नेशनल आर्काइव को नई बिल्डिंग में शिफ्ट किया जाएगा और पुरानी इमारत में उस जगह का इस्तेमाल बैठक कक्ष या किसी और काम के लिए किया जा सकता है.
8) संसद की नई बिल्डिंग की बात करें तो यह पुरानी वाली से काफी ज्यादा बड़ी है और इसमें सांसदों के लिए चैंबर, आराम करने की जगह, लाइब्रेरी, कैंटीन जैसी कई खास सुविधाएं हैं.
9) नए संसद भवन का निर्माण 64,500 स्क्वायर फीट एरिया में किया गया है जिसमें लोकसभा के लिए 880 और राज्यसभा के लिए 300 सीटों की व्यवस्था की गई है. संयुक्त अधिवेशन के लिए 1280 सीटों की व्यवस्था की गई है.
10) नई इमारत में सुरक्षा के लिए कई लेयर्स का इस्तेमाल किया गया है जिसमें साउंड सेंसर समेत अत्याधुनिक तकनीक शामिल है.
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संसद की पुरानी बिल्डिंग का क्या होगा? 10 प्वाइंट में समझें सब कुछ