Rahul Gandhi on Vibhishan in Congress: हरियाणा, महाराष्ट्र और फिर दिल्ली विधानसभा चुनावों में मुंह की खाने के बाद कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी अब एक्शन मोड में हैं. राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गढ़ रहा गुजरात में माना कि उनकी पार्टी में कुछ लोग 'विभीषण' का काम कर रहे हैं. गुजरात के अहमदाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने सीधे शब्दों में कहे बिना यह समझाने की कोशिश की कांग्रेस के भीतर कुछ लोग 'खाते कांग्रेस की हैं और गुणगान बीजेपी' का करते हैं. ऐसे में उन्होंने दो टूक कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो 30-40 नेताओं को पार्टी से हटाने के लिए भी तैयार हैं. राहुल गांधी का यह बयान सिर्फ पार्टी की अंदरूनी गुटबाजी तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके राजनीतिक मायने भी गहरे हैं.
अपने 'खोटे सिक्के' से निपट रहे राहुल गांधी
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को पार्टी की गुजरात इकाई के कुछ नेताओं को चेतावनी दी. उन्होंने आरोप लगाया कि वे .बीजेपी के लिए गुप्त रूप से काम कर रहे हैं. राहुल गांधी ने अहमदाबाद में एक कार्यक्रम में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और पार्टी नेताओं को जो चेतावनी दी उसे उन्होंने एक्स पर भी शेयर किया है.
सांसद ने लिखा, 'कांग्रेस पार्टी को मूल नेतृत्व गुजरात ने दिया, जिसने हमें सोचने, लड़ने और जीने का तरीका सिखाया. गांधीजी के बिना कांग्रेस पार्टी देश को आज़ादी नहीं दिलवा पाती, और गुजरात के बिना गांधी जी नहीं होते. उनके एक कदम पीछे, गुजरात ने हमें सरदार पटेल जी को दिया. आज वही गुजरात रास्ता ढूंढ रहा है. यहां के छोटे व्यापारी, उद्यमी, किसान - सब संकट में हैं. डायमंड, टेक्सटाइल और सिरेमिक इंडस्ट्रीज बर्बाद हो रही हैं. गुजरात के लोग कह रहे हैं कि हमें नया विज़न चाहिए, क्योंकि जो विज़न पिछले 20-25 साल से चल रहा है, वह पूरी तरह फेल हो चुका है.
आगे उन्होंने लिखा, 'गुजरात नया विकल्प चाह रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी उसे दिशा नहीं दिखा पा रही है. यह सच्चाई है, और इसे कहने में मुझे कोई शर्म या डर नहीं है. हमें कांग्रेस की उसी विचारधारा पर लौटना होगा, जो गुजरात की विचारधारा है - जो गांधी जी और सरदार पटेल जी ने हमें सिखाई थी. हमें जनता के बीच जाना होगा, उनकी बातें सुननी होंगी. हमें दिखाना होगा कि हम सिर्फ नारे लगाने नहीं, बल्कि उनकी समस्याओं का समाधान ढूंढने आए हैं. 'भारत जोड़ो यात्रा' से हमने साबित किया कि कांग्रेस आसानी से जनता से जुड़ सकती है. जैसे ही हम यह बदलाव लाएंगे और अपने कर्तव्यों को निभाने लगेंगे, गुजरात के लोग हमारे साथ खड़े हो जाएंगे.'
राहुल ने मानी ये बात
राहुल गांधी ने अपने बयान में माना कि कांग्रेस पिछले तीन दशकों में गुजरात के लोगों की उम्मीदों को पूरा करने में असमर्थ रही है, क्योंकि कांग्रेस नेताओं का एक वर्ग बीजेपी के साथ अंदर से मिलीभगत रखता है.
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कांग्रेस पार्टी को मूल नेतृत्व गुजरात ने दिया, जिसने हमें सोचने, लड़ने और जीने का तरीका सिखाया। गांधीजी के बिना कांग्रेस पार्टी देश को आज़ादी नहीं दिलवा पाती, और गुजरात के बिना गांधी जी नहीं होते। उनके एक कदम पीछे, गुजरात ने हमें सरदार पटेल जी को दिया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) March 8, 2025
आज वही गुजरात रास्ता ढूंढ… pic.twitter.com/mWcvo2eOUH
कांग्रेस का 'आत्ममंथन' या राजनीतिक सफाई?
राहुल गांधी का यह बयान पार्टी के भीतर संघर्ष और बदलाव की ओर इशारा करता है. यह देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस वाकई अपनी रणनीति बदलती है या फिर यह सिर्फ बयानबाजी बनकर रह जाता है. क्या राहुल गांधी की यह 'सफाई अभियान' कांग्रेस को फिर से मजबूती देगा? हालांकि, दक्षिण में शशि थरूर और हरियाणा में भूपेंद्र सिंह के बगावती सुर भी बीते दिनों देखने को मिले हैं. राजनीतिक पंडितों ने इन सुरों के भी अलग मायने निकाले हैं. अब देखना ये होगा कि राहुल गांधी की ये सख्ती कितनी कारगर होगी?
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