डीएनए हिंदी: उत्तराखंड का उत्तरकाशी शहर इन दिनों खूब चर्चा में है. लव जिहाद के कुछ मामले सामने आने के बाद स्थानीय लोग मुस्लिमों के खिलाफ सड़क पर उतर आए हैं. एक वर्ग यहां के मुसलमानों को इलाका छोड़ देने की धमकी दे रहा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ बाजारों में मुस्लिमों ने अपनी दुकानें खाली भी कर दी हैं. सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो वायरल हैं जिनमें देखा जा सकता है कि कई आपत्तिजनक पैम्फलेट लगाए गए हैं और दुकानों को चिह्नित भी किया गया है.
देवभूमि रक्षा अभियान नाम के एक संगठन की ओर से उत्तरकाशी के पुरोला में पोस्टर लगाए गए हैं. इनमें लिखा गया है, 'सभी लव जिहादियों को सूचित किया जाता है कि 15 जून को महापंचायत होने से पहले-पहले अपनी दुकानों को खाली कर दें.' उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी कहा है कि लव और लैंड जिहाद को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. आइए समझतें है कि पूरा मामला क्या है...
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कहां से हुई विवाद की शुरुआत?
यह मामला मई महीने के आखिरी हफ्ते में शुरू होता है. पुरोला में दो युवकों को उस वक्त पकड़ा गया जब वे एक लड़की को भगाने की कोशिश कर रहे थे. इसके बाद स्थानीय दुकानदार आक्रोशित हो गए. खबरें सामने आई कि कुछ मुस्लिम दुकानदार मिलकर हिंदू लड़कियों को बहला-फुसलाकर भगाने और धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश कर रहे हैं. इसी के बाद स्थानीय लोगों ने एक मार्च निकाला और प्रशासन और पुलिस को ज्ञापन भी सौंपा.
पुरोला के बाद गंगोत्री में भी लव जिहाद का एक मामला सामने आने के बाद हालात तनावपूर्ण हैं. पूरे इलाके में सन्नाटा पसरा हुआ है. सीएम पुष्कर सिंह धामी ने इस तरह की घटनाओं पर कहा है कि लव और लैंड जिहाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने यह भी कहा है कि किसी को भी कानून अपने हाथ में लेने की इजाजत नहीं दी जाएगी.
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अब क्या हो रहा है?
लगातार धमकियों और आक्रोश को देखते हुए स्थानीय मुस्लिम दुकानदार अपनी दुकानें खाली कर चुके हैं. पुरोला में कई दर्जन दुकानें मुस्लिमों की थी लेकिन अब वे यहां से जा रहे हैं. कई दुकानदार यहां दशकों से अपना कारोबार कर रहे हैं. उनका कहना है कि अचानक से यहां से माहौल बदल गया है और अब वे यहां खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं. बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा के जिला अध्यक्ष मोहम्मद जाहिद को भी यह इलाका छोड़ना पड़ा है.
स्थानीय प्रशासन और पुलिस लगातार मामले को शांत करने की कोशिश में जुटी हुई हैं. पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में सभी पक्षों को बिठाकर शांतिपूर्ण हल निकालने की कोशिश की जा रही है. हालांकि, पुरोला में स्थिति तनावपूर्ण है. पुरोला के बगले में ही बसे बड़कोट के सर्किल ऑफिसर सुरेंद्र भंडारी के मुताबिक, पुलिस ने अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिया है और वे अपनी दुकानें खोल सकते हैं.
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दुकानों पर हमला और चिह्नीकरण
सोशल मीडिया पर ऐसे कई वीडियो सामने आए हैं जिनमें देखा जा सकता है कि कुछ लोग दुकानों पर हमले कर रहे हैं और पुलिस उन्हें रोक रही है. दावा किया जा रहा है कि मुस्लिमों की दुकानों पर हमला करते हुए ये लोग 'जय श्री राम' के नारे लगा रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मुस्लिमों की दुकानों पर निशान लगाए जा रहे हैं और उन्हें इलाका छोड़ देने की धमकी भी दी जा रही है.
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लव जिहाद और उत्तरकाशी, क्यों सुलग रहा है उत्तराखंड का यह शहर? समझिए पूरा मामला