डीएनए हिंदी: उत्तराखंड (Uttarakhand) के हल्द्वानी (Haldwani) में रेलवे के स्वामित्व वाले क्षेत्र में रह रहे 4,000 से अधिक परिवारों को बेदखली नोटिस दिया गया है. हजारों लोग अपने घरों से बेघर होने के डर की वजह से सड़कों पर उतरकर हंगामा कर रहे हैं. इन परिवारों पर बेघर होने का खतरा मंडरा रहा है. हल्द्वानी में इन परिवारों को जमीन खाली करने का नोटिस दिया गया था. दावा किया जा रहा है कि ये परिवार पिछले एक दशक से अनधिकृत कॉलोनियों में रह रहे हैं. उत्तराखंड हाई कोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा है कि सभी अवैध निवासियों को 7 दिनों के अंदर परिसर खाली करना होगा.
नैनीताल जिले में कुल 4,365 अतिक्रमण उस क्षेत्र से हटाए जाएंगे, जो रेलवे से संबंधित जमीन पर अवैध रूप से बनाया गया था. अदालत के आदेश के तुरंत बाद, क्षेत्र के निवासी फैसले के विरोध में सड़कों पर उतर आए.
'7 दिन में खाली करो घर वरना होगा ध्वस्तीकरण'
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे की जमीन पर अवैध रूप से बनाए गए कई छोटे ढांचों को गिराने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. कब्जाधारियों को परिसर खाली करने के लिए सात दिन का समय दिया गया है. अगर 7 दिनों के अंदर घर खाली नहीं किया गया तो उसे ढहा दिया जाएगा.
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क्या कह रहे हैं इस इलाके के लोग?
इस इलाके में रहने वाले लोगों का कहना है कि जमीन लगभग एक दशक से उनकी है. रेलवे ने अदालत को बताया कि किसी भी अतिक्रमणकर्ता के पास इस बात के पुख्ता सबूत नहीं हैं कि यह जमीन उनकी है. इसके अलावा, राज्य सरकार ने भी रेलवे के फैसले में हस्तक्षेप नहीं करने का फैसला किया है.
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4,365 लोगों पर मंडराया बेघर होने का खतरा
राजेंद्र सिंह, रेलवे पीआरओ, इज्जत नगर ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, 'लगभग 10 दिन पहले, हल्द्वानी में रेलवे भूमि पर सभी अतिक्रमण हटाने के लिए हाई कोर्ट का फैसला आया था. इस परिसर में 4,365 अतिक्रमण हैं और हम स्थानीय समाचार पत्रों के जरिए रविवार को नोटिस देंगे. रहने वालों को शिफ्ट करने के लिए सात दिन का समय दिया जाएगा; उसके बाद हम कार्रवाई करेंगे.'
40 साल से जमीन पर कब्जा, अब होंगे बेघर
हल्द्वानी में जिन परिवारों के घर उजाड़े जा रहे हैं, उन्होंने कहा है कि वे वहां 40 साल से ज्यादा समय से रह रहे हैं. अगर उन्हें अपने घरों से बाहर कर दिया गया तो वे बेघर हो जाएंगे. कोर्ट के आदेश के खिलाफ हजारों लोग कैंडल मार्च भी निकाल रहे हैं.
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रेलवे करा रहा है ड्रोन सर्वेक्षण
इस बीच, रेलवे के अधिकारियों द्वारा एक ड्रोन सर्वेक्षण किया गया था, जो कुछ दिनों में अपनी भूमि पर अवैध अतिक्रमण को हटाने की योजना बना रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे भूमि पर अतिक्रमित क्षेत्र का सीमांकन करने के लिए ड्रोन सर्वेक्षण किया गया था.
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उत्तराखंड: हल्द्वानी में 4,000 परिवारों पर मंडराया बेघर होने का खतरा, सड़क पर उतरे लोग, वजह क्या है