डीएनए हिंदी: ग्रेटर नोएडा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (GNIOT) में फोर्थ ईयर की स्टूडेंट स्वीटी बीते 15 दिनों से कैलाश हॉस्पिटल में एडमिट हैं. सिर पर कई टांके लगे हैं, पैर की हड्डियां टूट गई हैं और वह बेड पर है. हाल ऐसा है, जिसे देखकर कोई भी रो पड़े. हिट एंड रन केस के दौरान जो शख्स कार ड्राइव कर रहा था, उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. हादसे के 15 दिन बाद उसकी गिरफ्तारी हुई है.
रविवार को पुलिस छानबीन करते हुए आरोपी शख्स के घर पहुंच गई. स्वीटी को एक्सीडेंट के बाद ऑन स्पॉट छोड़कर भागने वाला आरोपी अब पुलिस की गिरफ्तर में है. वह पेशे से एक ठेकेदार है और उसका नाम गुलाब सिंह है. नए साल की शाम ग्रेटर नोएडा रोड पर हुए इस हादसे ने देश को दहला दिया था. ठेकेदार गुलाब सिंह को उसके बीटा-2 स्थित घर से गिरफ्तार कर लिया गया है.
15 दिन तक आजाद घूमता रहा आरोपी
हादसे की जगह से ड्राइवर का घर महज 2 किलोमीटर की दूरी पर था लेकिन उस तक पुलिस पहुंच ही नहीं पा रही थी. स्वीटी के साथ उसकी दो दोस्त करसोनी डोंग और अंगनबा भी घायल हुई थीं. आरोपी शख्स ने पुलिस से कहा है कि वह उस रात एक पार्टी से लौट रहा था. वह इतने नशे में था कि उसे कुछ भी याद नहीं कि वह घर कैसे पहुंचा.
Noida hit-and-run case: घुटन, खुजली, प्यास से बेहाल है स्वीटी, होश में आई तो कहा- अस्पताल में घुटता है दम
31 दिसंबर की रात हुआ था दर्दनाक हादसा, अब कैसा है स्वीटी का हाल?
31 दिसंबर की रात करीब 9 बजे गुलाब सिंह ने अपनी सफेद सेंट्रो कार से 3 लड़कियों को टक्कर मार दी थी. नए साल पर अलाव जलाने के लिए वे लकड़ियां ला रही थीं. कारसोनी और आंगनबा को हल्की चोटें आई थीं वहीं स्वीटी हादसे में बुरी तरह से जख्मी हो गई थी थी. वह कई दिन वेंटीलेटर सपोर्ट पर रही. उसके सिर में गंभीर चोटें आई हैं. हादसे के 6 दिन बाद उसे होश आया था. सिर में एक के बाद एक कई सर्जरी हुई है. स्वीटी के सिर में अब खुजली की शिकायत है. उसे बार-बार प्यास लगती है.
क्यों गिरफ्तारी से बचते रहे गुनहगार?
हादसे की जगह के आसपास के चौराहों पर पर कोई CCTV नहीं इंस्टाल था. पुलिस के पास सिर्फ दुर्घटना स्थल के सामने एक स्कूल का फुटेज था. मॉडर्न पब्लिक स्कूल में एक विजिलेंस कैमरे ने सफेद सैंट्रो और एक लॉल ऑडी वहां से गुजरती नजर आई थी. प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा था कि सैंट्रो ने ही स्वीटी को टक्कर मारी थी लेकिन किसी भी चश्मदीद ने नंबर प्लेट नहीं पढ़ी थी. यही वजह थी कि पुलिस को आरोपी तक पहुंचने में 15 दिन लग गए.
कैसे गुनहगार तक पहुंची पुलिस?
स्कूल के कैमरे में सैंट्रो कार का रजिस्ट्रेशन नंबर भी नहीं आया. पुलिस ने ऑडी की नंबर प्लेट को डिकोड किया फिर इससे लीड मिली. पुलिस ने पहले ऑडी के ड्राइवर का पता लगाया. यहां से पुलिस को लीड मिलने लगी. ऑडी के ड्राइवर ने कार के रजिस्ट्रेशन नंबर का एक डिजिट भी याद करके बता दिया. टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक ड्राइवर ने पुलिस से कहा कि यह UP-16 का नंबर था. उसे ज्यादा नंबर याद नहीं आ रहा था. जिले में रजिस्टर्ड सभी सेंट्रो कार की तलाशी पुलिस ने शुरू कर दी.
कार मैकेनिक से मिला आरोपी के घर का पता
पुलिस ने जांच करते-करते ग्रेटर नोएडा के एक कार मैकेनिक के पास पहुंची. मैकेनिक ने कहा कि एक सफेद सैंट्रो की रिपेयरिंग की है. एक मैकेनिक की शॉप पर पुलिस को बड़ी लीड मिली. थोड़े दिन पहले ही उसने उसी कार की विंडो दुरुस्त की थी. उसे कार का रजिस्ट्रेशन नंबर भी याद आ गया. कार का नंबर UP16 AB 2700 था. उसने पुलिस को सब बता दिया. यह कार 2014 मॉडल की थी. पुलिस ने कार की शिनाख्त कर ली. यह कार गुलाब सिंह की थी. वह पेशे से ठेकेदार था.
'...जो हुआ सो हुआ..बस शीशा बदल दो'
पुलिस ने सख्ती से पूछताछ की तो गुलाब सिंह ने मान लिया कि हादसा उससी से हुआ था. उसने माना कि वह 31 दिसंबर की रात पार्टी से घर लौट रहा था जब उसने लड़कियों को टक्कर मारी ब वह नशे में था. उसे यह भी याद नहीं है कि वह घर कैसे पहुंचा. अगली सुबह, उसने अपनी कार का टूटा हुआ शीशा ठीक करवाते हुए मैकेनिक से कहा था कि जो हो गया, सो हो गया, बस शीशा बदल दो. पुलिस ने इसी मैकेनिक के जरिए आरोपी को धर दबोचा.
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स्वीटी हिट एंड रन केस: हादसे के 15 दिन बाद गिरफ्तार हुआ ड्राइवर, क्यों आरोपी तक पहुंच नहीं पा रही थी पुलिस, सामने आई वजह